Lok Sabha Elections 2024: केंद्रीय मंत्री स्मृति ईरानी (Smriti Irani) ने मंगलवार को अमेठी (Amethi) के पूर्व सांसद की ओर से उनकी चुनौती को ‘स्वीकार’ करने के लिए जयराम रमेश (Jairam Ramesh) को ‘धन्यवाद’ दिया। ईरानी ने राहुल गांधी (Rahul Gandhi) को उनके खिलाफ फिर से अमेठी से चुनाव लड़ने की चुनौती दी है। अमेठी में मौजूद सांसद ने मीडिया से कहा, “मुझे खुशी है कि जयराम रमेश ने मेरी चुनौती स्वीकार कर ली है कि राहुल गांधी, अखिलेश यादव और मायावती के बिना अमेठी से चुनाव लड़ने के लिए तैयार हैं।”
उन्होंने आगे कहा, “एक सामान्य BJP कार्यकर्ता होने के नाते मैं इस चुनौती का स्वागत करती हूं। आज, हमारे कार्यकर्ता CEC के माध्यम से राहुल गांधी की तरफ से अपनी उम्मीदवारी की घोषणा करने का इंतजार कर रहे होंगे।”
#WATCH | Amethi: On the statement of Congress General Secretary (Communication) Jairam Ramesh, Union Minister and Lok Sabha MP from Amethi, Smriti Irani says, “I am happy that Jairam Ramesh has accepted my challenge that Rahul Gandhi without Akhilesh Yadav and Mayawati is ready… pic.twitter.com/kozHZdaCy7
— ANI (@ANI) February 20, 2024
दरअसल सोमवार को, सबसे पुरानी पार्टी के महासचिव, मीडिया, रमेश ने कहा कि अमेठी के मतदाताओं को एहसास हो गया है कि उन्होंने पांच साल पहले गलती की थी। हालांकि, उन्होंने इस बात पर भी जोर दिया कि यहां से राहुल गांधी की उम्मीदवारी पर अंतिम फैसला पार्टी की केंद्रीय चुनाव समिति की तरफ से ही लिया जाएगा।
इससे पहले केंद्रीय मंत्री स्मृति ईरानी (Smriti Irani) ने अपनी ‘भारत जोड़ो न्याय यात्रा’ पर अमेठी आए पूर्व कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी को सिर्फ अमेठी लोकसभा सीट से चुनाव लड़ने की चुनौती दी है।
उन्होंने राहुल गांधी (Rahul Gandhi) की न्याय यात्रा को फ्लॉप शो बताते हुए दावा किया कि आज खुद कांग्रेस के कार्यकर्ता ही राहुल गांधी की यात्रा में शामिल नहीं हुए, ऐसे में सवाल यह है कि जिसे खुद सहारे की जरूरत है वह दूसरों के लिए सहारा कैसे बन सकता है।
अपने संसदीय क्षेत्र अमेठी के चार दिन के दौरे पर आईं ईरानी ने मीडिया से बातचीत में राहुल गांधी पर निशाना साधा। उन्होंने कहा, ”राहुल गांधी आज अमेठी यात्रा लेकर पहुंचे हैं। उन्होंने अमेठी को सत्ता का केंद्र तो माना मगर उसकी सेवा नहीं की। यही कारण है कि उनका स्वागत अमेठी की सूनी सड़कों ने किया है। कांग्रेस के कार्यकर्ताओं ने भी राहुल गांधी की यात्रा में हिस्सा नहीं लिया। यही वजह है कि कांग्रेस को सुलतानपुर और प्रतापगढ़ से कार्यकर्ता बुलाने पड़े।”
उन्होंने कहा, “जिसे खुद सहारे की जरूरत है, वो आखिर दूसरों का सहारा कैसे बन सकता है।”
गांधी परिवार के गढ़ उत्तर प्रदेश के अमेठी ने राहुल को तीन बार लोकसभा भेजा, 2004 में पहली बार, और फिर 2009 और 2014 में। 2014 में, ईरानी पूर्व कांग्रेस अध्यक्ष के मुकाबले उपविजेता रहीं, लेकिन पांच साल बाद लोकसभा चुनावों के इतिहास बदला और राहुल की स्मृति ने अमेठी से बाहर कर एक नया रिकॉर्ड कायम किया।
2019 के चुनावों में, कांग्रेस नेता दूसरे निर्वाचन क्षेत्र, केरल के वायनाड से भी खड़े हुए और वहां से जीत हासिल की, और इस तरह वह अपनी एक लोकसभा सीट बचा पाए। 53 साल के नेता ने अपनी ‘भारत जोड़ो न्याय यात्रा’ के उत्तर प्रदेश चरण के हिस्से में अमेठी का दौरा किया।