रायबरेली: यूपी की रायबरेली सीट पर इस बार कड़ा मुकाबला देखने को मिलेगा। वैसे तो रायबरेली लोकसभा सीट कांग्रेस की पारंपरिक सीट मानी जाती है। इस सीट पर दशकों से कांग्रेस का कब्जा रहा है, लेकिन इस बार कुछ भी कह पाना ठीक नहीं होगा। एक तरफ जहां कांग्रेस ने इस सीट पर राहुल गांधी को अपना प्रत्याशी बनाया है तो वहीं भारतीय जनता पार्टी ने इस सीट पर दिनेश प्रताप सिंह पर ही दोबारा भरोसा जताया है। जहां राहुल गांधी की पहचान कांग्रेस के दिग्गज नेता के रूप में है तो वहीं दिनेश प्रताप सिंह की भी इस क्षेत्र में अच्छी पकड़ है।
सोनिया की जगह चुनाव लड़ेंगे राहुल गांधी
दरअसल, राहुल गांधी केरल की वायनाड लोकसभा सीट से भी चुनाव लड़ रहे हैं। इसके अलावा अमेठी और रायबरेली सीट पर उनके चुनाव लड़ने की अटकलें काफी दिनों से चल रही थीं। इसे लेकर कांग्रेस पार्टी में कई राउंड की बैठकें भी हुईं। आखिरकार राहुल गांधी को रायबरेली सीट से चुनावी मैदान में उतारा गया। नामांकन वाले दिन राहुल गांधी का नाम रायबरेली सीट के लिए तय किया गया। इससे पहले रायबरेली सीट पर सोनिया गांधी चुनाव लड़ती रही हैं और पिछले चुनाव में भी उन्होंने यहां से जीत दर्ज की थी। यही वजह है कि इस सीट को लेकर कांग्रेस पार्टी काफी आत्मविश्वास में दिख रही है।
जनता के बीच अच्छी पकड़ रखते हैं दिनेश प्रताप सिंह
वहीं दूसरी तरफ भारतीय जनता पार्टी की बात करें तो दिनेश प्रताप सिंह रायबरेली सीट से चुनाव लड़ रहे हैं। दिनेश प्रताप सिंह की रायबरेली क्षेत्र में अच्छी पकड़ है। दरअसल, दिनेश प्रताप सिंह पहले कांग्रेस के एमएलसी रह चुके हैं और वह सोनिया गांधी के बेहद करीबी थे। हालांकि बाद में उन्होंने कांग्रेस पार्टी छोड़ दी और भारतीय जनता पार्टी में शामिल हो गए। जनता के बीच उनकी अच्छी पकड़ को देखते हुए 2019 के लोकसभा चुनाव में भी भाजपा ने दिनेश प्रताप सिंह को ही टिकट दिया था, लेकिन उन्हें सोनिया गांधी के सामने हार का सामना करना पड़ा। 2019 के लोकसभा चुनाव में सोनिया गांधी ने 167,178 वोटों के अंतर से इस सीट पर जीत हासिल की थी। ऐसे में दिनेश प्रताप सिंह के लिए राहुल गांधी के खिलाफ भी जीत की राह आसान नहीं होगी।
यह भी पढ़ें-