बनारस में आज वोटिंग हो रही है। काशी विश्वनाथ कॉरिडोर के पास खड़े विश्वास शर्मा कहते हैं कि कभी सोचा नहीं था की काशी इतनी सुंदर हो जाएगी। प्रधानमंत्री नरेंद्रो मोदी ने इसे संवार दिया है। पहले काशी में अव्यवस्था का बोलबाला था। रोहनिया से आए रामेंद्र पटेल कहते हैं की काशी बदल चुकी है । यहां कई सुविधाएं मिल रहीं हैं । श्रद्धालुओं की सुविधा का खास ध्यान रखा जा रहा है। काशी विश्वनाथ कॉरिडोर तो अद्भुत है। जिन लोगों ने कुछ साल पहले काशी देखी है उन्हें तो भरोसा ही नहीं होगा कि यह इतनी बदल गई है। जयपुर से आईं अनीता शर्मा विश्वनाथ कॉरिडोर को देखकर हैरान हैं। श्रद्धा से उनकी आंखों में आंसू भर जाते हैं। वह कहती हैं कि मोदी ने जो किया है वह कोई कर नहीं सकता।
BJP को 10 लाख वोटों से जीत की उम्मीद
BJP की प्रचार टीम काशी घूम रही है। मकसद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (Prime Minister Narendra Modi) को रिकॉर्ड मतों से जीताना है। बीजेपी का दावा है कि लगभग 10 लाख वोट से इस बार नरेंद्र मोदी जीतेंगे। नरेंद्र मोदी ऐसे नेता के रूप में सामने आए हैं जिनके समर्थकों की संख्या बहुत है। लोग अब मोदी को काशी (Kashi) का ही बेटा मानने लगे हैं। एक हवा दिखती है उनके समर्थन में। गृहमंत्री अमित शाह से लेकर सभी बड़े नेता काशी में डेरा डाले हुए हैं। समाजवादी पार्टी (SP)और कांग्रेस (Congress) के गठबंधन से यहां कांग्रेस के उत्तर प्रदेश अध्यक्ष अजय राय (Ajay Rai) मैदान में हैं। अजय राय भूमिहार हैं। वह वाराणसी की पिंडारा सीट से विधायक का चुनाव लड़ते थे। इस सीट से वह पांच बार विधायक रहे। समाजवादी पार्टी ने यह सीट कांग्रेस के लिए छोड़ी है।
इस बार अजय राय और अतहर जमाल लारी मुकाबले में
अजय राय 2014 और 2019 के लोकसभा चुनावों में मोदी से हार चुके हैं । 2014 के लोकसभा चुनावों में आम आदमी पार्टी के नेता अरविंद केजरीवाल मुख्य लड़ाई में थे। उन्हें नरेंद्र मोदी ने 3 लाख 71 हजार वोटों से हरा दिया था। पिछले चुनाव में समाजवादी पार्टी की शालिनी यादव का मुकाबला मोदी से था। उन्हें मोदी ने 5 लाख वोटो से हराया था। मोदी को 63.62 प्रतिशत वोट मिला था, सपा की शालिनी यादव को 18.40 और कांग्रेस के अजय राय को सिर्फ 14 प्रतिशत वोट मिले थे । अब शालिनी यादव BJP के साथ हैं। वह नरेंद्र मोदी का प्रचार कर रही हैं। BSP ने यहां अतहर जमाल लारी को मैदान में उतारा है। अतहर जमाल लारी को चुनाव लड़ने का शौक रहा है। बीजेपी को छोड़कर कोई ऐसी पार्टी नहीं बची है, जिसके उम्मीदवार के रूप में लारी ने चुनाव में किस्मत ना आजमाई हो।
चुनावी रंग में रंगी है शिव की नगरी
माना जाता है कि काशी शिव के त्रिशूल पर स्थित है। देश के 12 ज्योतिर्लिंगों में से एक बाबा विश्वनाथ यहीं वास करते हैं। गोस्वामी तुलसीदास ने लिखा है, “मुक्ति जन्म महि जानि, ग्यान खान अघ हानि कर। जहँ बस संभु भवानि सो कासी सेइअ कस न। इसका मतलब है कि जहां श्री शिव-पार्वती बसते हैं, उस काशी को मुक्ति की भूमि, ज्ञान की खान और पापों का नाश करने वाली जानकर यहा वास क्यों न किया जाए। अद्भुत है यह शहर जहां बाबा विश्वनाथ की गूंज हमेशा रहती है । उनके नाम लिए बगैर कोई काम नहीं होता। लेकिन, काशी इस समय चुनावी रंग में रंगी हुई है। विकास की जो गंगा काशी में बही है उसका असर दिखता है।
काशी के विकास से मतदाता खुश
मदनपुरा में रहने वाले मोहम्मद वसीम कहते हैं की काशी का विकास हुआ है। बुनकरों के लिए भी प्रधानमंत्री ने काफी कुछ किया है। इसका लाभ मिल रहा है। यह पूछने पर कि इस बार उनका वोट किधर जाएगा मोहम्मद वसीम कहते हैं की जो काम कर रहा है और करेगा उसे ही जाएगा। वह इस बात से इनकार करते हैं कि बसपा के उम्मीदवार अकेले मुस्लिम प्रत्याशी है। इसलिए मुसलमान बीएसपी के अतहर जमाल लारी को ही वोट दे देंगे । उनकी बात का समर्थन उन्ही के साथ खड़े ताहिर भी करते हैं। वह कहते हैं कि मुसलमान किसको वोट देंगे किसको नहीं यह अलग विषय है। लेकिन इसमें कोई संदेह नहीं है की काशी बदली है । यहां विकास हुआ है । हर किसी को सुविधा मिल रही है। काशी में मुस्लिम आबादी बड़ी संख्या में है।
काशी के मतदाताओं के मन में एक ही सवाल
अशोकनगर के रहने वाले चिरंजीव सिंह कहते हैं की यहां कोई लड़ाई नहीं है। अजय राय इस बात के लिए लड़ रहे हैं की अब कांग्रेस का सपा से गठबंधन है । इसलिए उन्हें अच्छी संख्या में वोट मिल जाएंगे। लेकिन यह समय तय करेगा कि उन्हें कितना समर्थन मिलता है। बनारस लोकसभा क्षेत्र में जो पांच विधानसभा सीट आती हैं उसमें रोहनिया, वाराणसी उत्तर, वाराणसी दक्षिण, वाराणसी कैंट, और सेवा पुरी शामिल है। कांग्रेस के अजय राय को भरोसा है की उन्हें मुस्लिम वोटों के अलावा यादव और कुछ दलित वोट मिल जाएगा । लेकिन रोहनिया के एक दलित हजारी कहते हैं कि कांग्रेस को वोट क्यों दे। कांग्रेस ने क्या कर दिया है जो वोट देना चाहिए । वह मायावती को वोट देंगे या मोदी को दे देंगे । संविधान बदलने के मसले पर वह कहते हैं कि संविधान बदलने का मुद्दा नेताओं के दिमाग में है दलितों के दिमाग में नहीं। अति पिछड़ा मतदाता बीजेपी के साथ हैं। अब एक ही सवाल पूछा जा रहा है कि मोदी कितने वोटो से जीतेंगे?