Parliament Security Breach Row: दिल्ली की एक अदालत ने संसद की सुरक्षा में सेंध लगाने के मामले में गिरफ्तार ललित झा (Who Is Lalit Jha) को शुक्रवार को सात दिन की पुलिस हिरासत में भेज दिया। दिल्ली पुलिस ने कोर्ट को बताया कि ललित झा इस घटना का मुख्य साजिशकर्ता है और पूरी साजिश का पता लगाने के लिए उससे पूछताछ की जरूरत है। इसके बाद विशेष जज हरदीप कौर ने झा को दिल्ली पुलिस की हिरासत में भेज दिया। अदालत ने शहर पुलिस द्वारा दाखिल उस अर्जी पर यह आदेश पारित किया, जिसमें झा को 15 दिन के लिए हिरासत में दिए जाने का अनुरोध किया गया था।
संसद की सुरक्षा में चूक की घटना के पांचवें आरोपी और मास्टरमाइंड ललित झा को गुरुवार को राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली से गिरफ्तार कर लिया गया। पुलिस सूत्रों के अनुसार, झा ने कथित तौर पर घटना से एक दिन पहले मंगलवार को गुरुग्राम में एक गुप्त बैठक की थी। एक सूत्र ने कहा, “ललित झा ने जल्दबाजी में भागने से पहले अपनी योजना को अंजाम देने से ठीक पहले व्यक्तिगत रूप से चारों आरोपियों के मोबाइल फोन ले लिए।” उसने संसद के बाहर दो आरोपियों के विरोध प्रदर्शन का वीडियो भी बनाया था।
दिल्ली पुलिस ने बताया कि आरोपी ललित झा ने गुरुवार, 14 दिसंबर की शाम कर्तव्य पथ पुलिस स्टेशन के सामने आकर खुद को सरेंडर कर दिया। इसके बाद दिल्ली पुलिस ने उसे गिरफ्तार कर स्पेशल सेल के हवाले कर दिया। पुलिस ने अदालत को सूचित किया कि उन्होंने आरोपियों के खिलाफ आरोपों में UAPA अधिनियम की धारा 16 (आतंकवाद) और 18 (आतंकवाद की साजिश) को शामिल किया है। दिल्ली पुलिस ने कहा कि आरोपियों ने अपने अधिकारों का उल्लंघन करते हुए गैलरी से सांसदों के बैठने की जगह में छलांग लगा दी, जो कि अतिक्रमण है।
कौन है ललित झा?
ललित झा का पूरा नाम ललित मोहन झा (Lalit Mohan Jha) है। संसद में 11 दिसंबर को हुई घटना के बाद से ललित झा फरार था। पुलिस ने कहा कि वह बिहार का रहने वाला है लेकिन फिलहाल वह कोलकाता में टीचर के रूप में कार्यरत था। गुरुवार को उसने संसद के पास कर्तव्य पथ पुलिस स्टेशन में खुद को सरेंडर कर दिया। पुलिस ने बताया कि झा महान स्वतंत्रता सेनानी भगत सिंह से प्रेरित था। उसने कथित तौर पर संसद के बाहर धुएं के डिब्बे को छोड़ने वाले आरोपियों के वीडियो शूट किए।
इसके बाद उसने मीडिया कवरेज सुनिश्चित करने के लिए वीडियो को एक NGO संस्थापक को सौंप दिया। कथित मास्टरमाइंड नीलाक्ष आइच द्वारा संचालित एक NGO का महासचिव था, जिसके संस्थापक ने यह सुनिश्चित करने के लिए घटना के वीडियो भेजे थे कि वे “सुरक्षित” हैं। ललित झा को शांत स्वभाव का व्यक्ति बताया जाता है। वह स्थानीय छात्रों को पढ़ाता था। पड़ोस में एक चाय की दुकान के मालिक ने पीटीआई को बताया कि कुछ साल पहले वह कोलकाता के बड़ाबाजार में अकेले आए थे। उन्होंने दो साल पहले अचानक से इस एरिया को छोड़ दिया।
13 दिसंबर को क्या हुआ था?
संसद पर 2001 में किए गए आतंकी हमले की बरसी के दिन 13 दिसंबर को सुरक्षा में सेंधमारी की बड़ी घटना उस वक्त सामने आई जब लोकसभा की कार्यवाही के दौरान दर्शक दीर्घा से दो लोग सदन के भीतर कूद गए और के के जरिए पीले रंग का धुआं फैला दिया। घटना के तत्काल बाद दोनों को पकड़ लिया गया। इस घटना के कुछ देर बाद ही पीले और लाल रंग का धुआं छोड़ने वाली केन लेकर संसद भवन के बाहर प्रदर्शन करने वाले एक पुरुष और एक महिला को गिरफ्तार किया गया।
सदन में कूदने वाले दोनों व्यक्तियों की पहचान सागर शर्मा और मनोरंजन डी. के रूप में हुई है। संसद भवन के बाहर से गिरफ्तार किए गए दो लोगों की पहचान हरियाणा के जींद जिले के गांव घासो खुर्द की निवासी नीलम (42) और लातूर (महाराष्ट्र) के निवासी अमोल शिंदे (25) के रूप में हुई है।