कोटक महिंद्रा बैंक को उम्मीद है कि भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) की ओर से लगाए गए व्यावसायिक प्रतिबंधों का बैंक पर वित्तीय असर अपेक्षाकृत कम होगा। बैंक के मैनेजिंग डायरेक्टर (MD) और मुख्य कार्यकारी अधिकारी (CEO) अशोक वासवानी का कहना है कि प्रतिबंधों से बैंक की साख को होने वाले नुकसान को लेकर चिंता ज्यादा है। उनका मानना है कि आरबीआई के प्रतिबंधों का देनदारी वृद्धि पर सीमित प्रभाव पड़ेगा। बैंक ने संकेत दिए हैं कि प्रतिबंध कुछ महीनों तक जारी रह सकता है।
अप्रैल महीने के अंत में RBI (Reserve Bank of India) ने कोटक महिंद्रा बैंक (Kotak Mahindra Bank) को ऑनलाइन और मोबाइल बैंकिंग माध्यमों के जरिए नए ग्राहकों को जोड़ने और नए क्रेडिट कार्ड जारी करने से तत्काल प्रभाव से रोक दिया था। इसका कारण था कि बैंक के आईटी जोखिम प्रबंधन में कमी पाई गई थी।
मुनाफे पर कितना असर पड़ने का अनुमान
वासवानी ने यह भी कहा कि आरबीआई के प्रतिबंधों से वित्त वर्ष 2025 में बैंक के प्रॉफिट बिफोर टैक्स (PBT) पर 300-450 करोड़ रुपये का असर पड़ सकता है। बैंक मौजूदा ग्राहकों से कमाई करने की कोशिश करेगा, जिससे बाजार हिस्सेदारी में बढ़ोतरी होगी, लेकिन कारोबार बढ़ने से वंचित रहने के कारण उसे घाटा होगा। उन्होंने यह भी कहा कि बैंक जल्द ही ओवरऑल टेक्नोलॉजी आर्किटेक्चर का आकलन करने के लिए एक बाहरी ऑडिटर भी नियुक्त करेगा, जैसा कि आरबीआई का आदेश है।
अब दोबारा भरोसा जीतना सबसे बड़ी प्राथमिकता
वासवानी ने कहा कि बैंक तकनीकी मोर्चे पर अपने प्रयासों को दोगुना कर रहा है, और विश्वास वापस जीतना अब बैंक के लिए सर्वोच्च प्राथमिकता है। उन्होंने स्वीकार किया कि भारतीय रिजर्व बैंक के आदेश का असर बैंक के क्रेडिट कार्ड कारोबार और डिजिटल बैंकिंग फोकस्ड कारोबारों पर पड़ेगा।