उद्योग/व्यापार

Jindal Stainless की FY25 में 4700 करोड़ रुपये के Capex की योजना, ये है कंपनी का प्लान

जिंदल स्टेनलेस मौजूदा वित्त वर्ष में 4700 करोड़ रुपये का कैपिटल एक्सपेंडिचर करने जा रही है। इसके पहले FY24 में कंपनी ने 3800 करोड़ रुपये खर्च किए थे। कंपनी के मैनेजिंग डायरेक्टर अभ्युदय जिंदल ने आज 15 मई को यह जानकारी दी। कंपनी के शेयरों में आज करीब 4 फीसदी की गिरावट आई है। यह स्टॉक BSE पर 683.20 रुपये के भाव पर बंद हुआ है। इस गिरावट के साथ कंपनी का मार्केट कैप घटकर 56,257 करोड़ रुपये पर आ गया है। इसका 52-वीक हाई 747.90 रुपये और 52-वीक लो 276.50 रुपये है।

जिंदल स्टेनलेस ने कैपिटल एक्सपेंडिचर में ऐसे समय में बढ़ोतरी की जानकारी दी है, जब कंपनी ने इस अवधि के दौरान और अधिक ब्राउनफील्ड एक्सपेंशन की योजना के साथ बढ़ते डोमेस्टिक डिमांड पर दांव लगाया है। वित्त वर्ष 2025 के कैपिटल एक्सपेंडिचर में पिछले वर्ष से अलग रखे गए 800 करोड़ रुपये शामिल हैं। कंपनी की योजना कैपिटल एक्सपेंडिचर का अधिकांश हिस्सा आंतरिक स्रोतों से जुटाने की है।

Jindal Stainless कहां करेगी Capex का इस्तेमाल

चीफ फाइनेंशियल ऑफिसर अनुराग मंत्री ने बताया, “इस साल कैपिटल एक्सपेंडिचर का इस्तेमाल मुख्य रूप से क्रोमेनी (Chromeni) अधिग्रहण, इंडोनेशिया ज्वाइंट वेंचर और अन्य ब्राउनफील्ड एक्सपेंशन के लिए किया जाएगा।” हाल ही में कंपनी ने 4.2 मिलियन टन प्रति वर्ष (MTPA) की क्षमता तक पहुंचने के लिए अपनी मेल्टिंग और डाउनस्ट्रीम फैसिलिटी को बढ़ाने के लिए 5400 करोड़ रुपये के अधिग्रहण और विस्तार योजनाओं की घोषणा की है। इसमें इंडोनेशिया में 1.2 MTPA स्टेनलेस स्टील मेल्ट शॉप के लिए ज्वाइंट वेंचर में 49 फीसदी की पार्टनरशिप, जाजपुर और ओडिशा में डाउनस्ट्रीम कैपिसिटी में विस्तार और गुजरात के मुंद्रा में क्रोमेनी स्टील्स में 54 फीसदी इक्विटी हिस्सेदारी का अधिग्रहण शामिल है।

Jindal Stainless का नेट प्रॉफिट 30 फीसदी घटा

जिंदल स्टेनलेस ने 15 मई को एक रेगुलेटरी फाइलिंग में कहा कि ग्रुप का कंसोलिडेटे नेट प्रॉफिट सालाना आधार पर 30 फीसदी घटकर 501 करोड़ रुपये रह गया, जो निकेल की कीमतों में गिरावट के कारण नेगेटिव इन्वेंट्री वैल्यूएशन से प्रभावित हुआ। मैनेजमेंट के अनुसार, निकेल कंपनी के कच्चे माल की लागत का 40 से 50 फीसदी हिस्सा है।

यूरोप और संयुक्त राज्य अमेरिका जैसे प्रमुख एक्सपोर्ट मार्केट में मांग में कमी के कारण भी मार्जिन पर दबाव रहा। जिंदल ने कहा, “हम यूरोप के कुछ हिस्सों में कुछ सुधार देख रहे हैं, अगर मार्जिन नहीं है तो हम निर्यात नहीं करेंगे।” उन्होंने कहा कि कंपनी मैक्सिको, दक्षिण अमेरिका और मध्य पूर्व में अपना कारोबार बढ़ाने के लिए वॉल्यूम बढ़ा रही है। जिंदल स्टेनलेस को उम्मीद है कि वित्त वर्ष 25 में प्रति टन EBITDA 18,000 करोड़ रुपये से 20,000 करोड़ रुपये के बीच रहेगा।

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