Jharkhand Politics: झारखंड में राजनीतिक संकट के बीच झारखंड मुक्ति मोर्चा (JMM) की अगुवाई वाली महागठबंधन के विधायकों को फ्लाइट से हैदराबाद ले जाने की योजना रद्द करनी पड़ी। दरअसल, किराए पर लिए गए दोनों प्राइवेट प्लेन एयरपोर्ट पर कम विजिबिलिटी के कारण उड़ान नहीं भर सके। रांची स्थित बिरसा मुंडा एयरपोर्ट पर दो घंटे से अधिक समय तक चार्टर्ड प्लेन में सभी 43 विधायक बैठे रहे। आखिरकार घने कोहरे की वजह से उनकी फ्लाइट कैंसिल हो गई। अब विधायक रांची के सर्किट हाउस लौट आए हैं। वह आज (1 फरवरी) की रात वहीं रहेंगे।
गठबंधन के नेताओं ने कहा कि विधायकों को हैदराबाद भेजने की जरूरत इसलिए पड़ी कि भारतीय जनता पार्टी (BJP) द्वारा इनकी खरीद-फरोख्त की कोशिश को रोका जा सके। एयरपोर्ट डायरेक्टर आरआर मौर्य ने पीटीआई से कहा, “लो विजिबिलिटी के कारण शाम साढ़े 6 बजे के बाद तीन उड़ानें रद्द कर दी गईं। प्राइवेट प्लेन के आज (1 फरवरी) उड़ान भरने की गुंजाइश नहीं के बराबर है।” बता दें कि हैदराबाद कांग्रेस शासित तेलंगाना की राजधानी है। कांग्रेस, JMM की अगुवाई वाली महागठबंधन का हिस्सा है। सुप्रीम कोर्ट जेल में बंद पूर्व सीएम हेमंत सोरेन की याचिका पर शुक्रवार (2 फरवरी) सुबह 10.30 बजे सुनवाई करेगी।
चंपई सोरेन ने फिर की राज्यपाल से मुलाकात
झारखंड मुक्ति मोर्चा (JMM) विधायक दल के नेता चंपई सोरेन ने गुरुवार को दोबारा राज्यपाल सीपी राधाकृष्णन से मुलाकात की और सरकार बनाने के लिए उनके दावे को जल्द से जल्द स्वीकार करने का उनसे आग्रह किया। उन्होंने कहा कि राज्यपाल ने JMM के नेतृत्व वाले गठबंधन के एक प्रतिनिधिमंडल को आश्वासन दिया कि वह जल्द ही इस मामले पर निर्णय लेंगे। JMM के नेतृत्व वाले गठबंधन द्वारा जारी एक वीडियो में 81 सदस्यीय झारखंड विधानसभा में 43 विधायकों का समर्थन दिखाया गया है।
चंपई सोरेन ने राजभवन में राज्यपाल से मुलाकात के बाद कहा, “हमने राज्यपाल से जल्द से जल्द निर्णय लेने का अनुरोध किया क्योंकि झारखंड में 20 घंटे से अधिक समय से कोई सरकार नहीं है।” हेमंत सोरेन को बुधवार (31 जनवरी) रात रांची में मनी लॉन्ड्रिंग मामले में 7 घंटे की पूछताछ के बाद प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने गिरफ्तार कर लिया था। इससे पहले उन्होंने मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा दे दिया था।
इसके बाद चंपई सोरेन झामुमो विधायक दल के नेता चुने गए थे। चंपई सोरेन ने X पर कहा, “हम एकजुट हैं। हमारा गठबंधन बहुत मजबूत है; इसे कोई नहीं तोड़ सकता।” राज्यपाल से मुलाकात के बाद कांग्रेस विधायक दल के नेता आलमगीर आलम ने कहा, “यदि राज्यपाल हमें नहीं बुलाते हैं तो हम कल (2 फरवरी) दोपहर में फिर से उनसे मुलाकात का समय मांगेंगे।”
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आलम ने कहा कि बैठक के दौरान उन्होंने इस बात पर चिंता व्यक्त की कि यदि सरकार के गठन पर शीघ्र निर्णय नहीं लिया गया तो विधायकों की खरीद-फरोख्त के लिए कौन जिम्मेदार होगा। चंपई सोरेन के साथ आलम, राष्ट्रीय जनता दल (RJD) विधायक सत्यानंद भोक्ता, भाकपा (माले) एल के विधायक विनोद सिंह और विधायक प्रदीप यादव भी थे।