Jefferies के Chris Wood ने अपने पोर्टफोलियो में Zomato को शामिल किया है। अपने इंडिया लॉन्ग पोर्टफोलियो में इसे 4 फीसदी वेटेज दिया है। उन्होंने पोर्टफोलियो से HDFC Life को हटा दिया है। उसकी जगह जोमैटो ने ले ली है। क्रिस वुड के इंडिया लॉन्ग पोर्टफोलियो में Rural Electrification Corporation (REC) का वेटेज भी बढ़ेगा। इसके लिए पोर्टफोलियो में ONGC के वेटेज में कमी की जाएगी। ONGC के मार्च तिमाही के नतीजे आज (26 मई) को आएंगे। जोमैटो क्रिस वुड के ग्लोबल लॉन्ग-ओनली पोर्टफोलियो में भी शामिल होगी। उसमें भी इसका वेटेज 4 फीसदी होगा।
मार्च तिमाही में जोमैटो के लॉस में कमी
ग्लोबल लॉन्ग-ओनली पोर्टफोलियो में जोमैटो को शामिल करने के लिए चीन के ऑनलाइन प्लेटफॉर्म JD.com और अलीबाबा में 2-2 पर्सेंटेज प्वाइंट इनवेस्टमेंट घटाया जाएगा। मार्च तिमाही में Zomato का लॉस घटकर 187.6 करोड़ रुपये रह गया। एक साल पहले की मार्च तिमाही में यह 359.7 करोड़ रुपये था। साल दर साल आधार पर कंपनी का रेवेन्यू भी 70 फीसदी बढ़ा है।
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कंपनी को जल्द मुनाफा में आने की उम्मीद
Zomato के क्विक कॉमर्स बिजनेस को छोड़ दिया जाए तो बाकी बिजनेस एडजस्टेड EBITDA लेवल पर प्रॉफिट में आ गया है। कंपनी के मैनेजमेंट को भी नेट लेवल पर प्रॉफिट में आ जाने की उम्मीद है। उसका मानना है कि अगली चार तिमाहियों में क्विक कॉमर्स बिजनेस सहित पूरा बिजनेस मुनाफे में आ जाएगा।
इस साल 12% चढ़ा शेयर
इस साल जोमैटो के शेयरों में 12 फीसदी तेजी देखने को मिली है। हालांकि, अभी भी इसका प्राइस 76 रुपये के आईपीओ प्राइस के मुकाबले कम है। HDFC Life के शेयरों का प्रदर्शन कमजोर रहा है। इसमें पिछले 12 महीनों में स्थिरिता देखने को मिली है। इस साल भी इसका प्रदर्शन कमजोर रहा है।
इंडियन मार्केट में फॉरेन इनवेस्टर्स की वापसी
Chris Wood ने अपने नोट ‘Greed & Fear’ में लिखा है कि विदेश निवेशक चीन से पीछे हटने के बाद बतौर नेट बायर्स इंडियन मार्केट में लौट आए हैं। मार्च से अब तक उन्होंने 7 अरब डॉलर के शेयर खरीदे हैं। उन्होंने लिखा है कि एक मसला यह है कि MSCI बेंचमार्क्स में इंडिया की हिस्सेदारी उसकी इकोनॉमी की साइज को देखते हुए काफी कम रही है। उन्होंने नोट में लिखा है कि हाल के सालों में जापान को छोड़ कर एशिया में लॉन्ग-ओनली पोर्टफोलियो में ग्रीड एंड फीयर का एक्सपोजर औसतन 40 फीसदी रहा है।
प्राइवेट बैंक इंडेक्स का शानदार प्रदर्शन
वुड ने इंडिया में प्राइवेट सेक्टर बैंक इंडेक्स के शानदार प्रदर्शन का भी जिक्र किया है। 2005 में शुरू होने के बाद से यह डॉलर में 1,073 फीसदी चढ़ा है। दूसरी तरफ MSCI AC World Bank इंडेक्स इस अवधि में 20 फीसदी गिरा है।

