उद्योग/व्यापार

IT कंपनियों के शेयर धड़ाम! बेचकर भाग रहे निवेशक, ब्रोकरेज भी सतर्क, जानें वजह

IT Stocks Crash: भारतीय आईटी कंपनियों के शेयर शुक्रवार 22 मार्च को धराशायी हो गए। यह गिरावट दिग्गज आईटी कंपनी एक्सेंचर (Accenture) की ओर से अपने रेवेन्यू अनुमानों में कटौती के बाद आई है। दरअसल, एक्सेंचर दुनिया की सबसे बड़ी आईटी कंपनी है। ऐसे में उसके रेवेन्यू अनुमान में कमी के ऐलान से पूरे आईटी सेक्टर को लेकर सेंटीमेंट कमजोर हो गया है। एक्सेंचर ने कहा कि आर्थिक अनिश्चितता के चलते उसके क्लाइंट्स कंसल्टिंग सेवाओं पर होने वाले खर्च में कटौती कर रहे हैं, जिसका असर उसके रेवेन्यू पर पड़ेगा।

निफ्टी आईटी इंडेक्स (Nifty IT Index) आज कारोबार की शुरुआत 3 प्रतिशत से अधिक गिर गया। इंडेक्स में शामिल लगभग अधिकतर शेयर सुबह 9.30 बजे के आसपास गिरावट के साथ लाल निशान में कारोबार कर रहे थे। सबसे अधिक गिरावट एचसीएल टेक (HCL Tech), एम्फैसिस (Mphasis), पर्सिस्टेंट सिस्टम्स (Persistent Systems) में देखी गई, जो करीब 4 प्रतिशत से अधिक टूट गए।

LTIMindtree के शेयर दो महीने के निचले स्तर पर पहुंच गए, जबकि इंफोसिस (Infosys) के शेयरों में पिछले 8 महीने की सबसे बड़ी गिरावट आई। HCL टेक में 15 महीनों की सबसे बड़ी गिरावट देखी गई। टेक महिंद्रा (Tech Mahindra) के शेयर आठ हफ्ते के निचले स्तर पर फिसल गए।

एक्सेंचर ने साल 2024 के लिए अपने रेवेन्यू ग्रोथ अनुमान को घटाकर 1 से 3 प्रतिशत कर दिया है, जो पहले 2 से 5 प्रतिशत था। इसके बाद से आईटी शेयरों को लेकर निवेशकों में नए सिरे से निराशा फैली। इंफोसिस और विप्रो के अमेरिकी शेयर बाजार में सूचीबद्ध ADR (अमेरिकन डिपॉजिटरी रिसीट) रात में गिरावट के साथ बंद हुए।

एक्सेंचर को आईटी और कंसल्टिंग सेवाओं की मांग में सुस्ती का सामना करना पड़ रहा है। कोरोना महामारी के दौरान आईटी कंपनियों की ग्रोथ को खतरनाक तरीके से बढ़ते देखा जा रहा था। लेकिन दुनिया के लगभग अधिकतर देशों में ब्याज दरें बढ़ने के बाद अब इंडस्ट्री की ग्रोथ पर ब्रेक लग गया है। रेवेन्यू ग्रोथ में हालिया कटौती, ग्लोबल लेवल पर आर्थिक अनिश्चतता का संकेत देती है, जिससे कंसल्टिंग सेवाएं प्रभावित हो रही हैं और इसके चलते छंटनी या फिर नई हायरिंग पर रोक जैसे फैसले हो रहे हैं।

मॉर्गन स्टेनली ने कहा कि एक्सचेंर के रेवेन्यू अनुमानों में कटौती ने आईटी सेक्टर को लेकर चिंताएं बढ़ाई हैं। ब्रोकर ने कहा कि उसका मानना है कि रिकवरी की गति उम्मीद से धीमी हो सकती है और वित्त वर्ष 2025 के लिए लगाए रेवेन्यू अनुमानों में कटौती हो सकती है। वहीं CLSA ने कहा कि एक्सचेंर के अनुमान में कटौती का मतलब है कि वित्त वर्ष 24 की दूसरी छमाही में कोई बड़ी तेजी नहीं होगी। ब्रोकरेज घरेलू आईटी सेक्टर को लेकर सतर्क है और कहा कि यह कमाई में गिरावट के चक्र में बना हुआ है।

नोमुरा ने भी आईटी स्टॉक्स को लेकर सतर्क रुख बरकरार रखा है। ब्रोकरेज ने लार्जकैप शेयरों में टेक महिंद्रा और मिड-कैप शेयरों में कोफोर्ज, बिड़लासॉफ्ट और ईक्लर्क्स पर अपनी ‘Buy’ रेटिंग दोहराई। वहीं उसने TCS, विप्रो, LTIमाइंडट्री, L&T टेक और एमफैसिस पर बेयरिश नजरिया दिया।

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