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Insulin in cow Milk: अब गौ माता के दूध में बनेगा इंसुलिन, ब्लड शुगर की हो जाएगी छुट्टी, वैज्ञानिकों ने कर दिया कमाल

Insulin in cow Milk: डायबिटीज दुनियाभर में तेजी से फैल रही है। करोड़ों की तादाद में लोग इस बीमारी के शिकार हो रहे हैं। डायबिटीज से परेशान लोगों को ब्लड शुगर बढ़ जाता है। जिसे जिंदगी भर कंट्रोल करने की जरूरत रहती है। डायबिटीज किसी भी उम्र के लोगों को हो सकती है। जिन लोगों में अत्यधिक मोटापा रहता है। फिजिकल एक्टिविटी बेहद कम रहती है। उन्हें डायबिटीज का खतरा ज्यादा रहता है। शुरुआती दौर में लोग डायबिटीज को समझ नहीं पाते हैं। यह साइलेंट किलर बीमारी होती है। अब डायबिटीज के मरीजों को घबराने की जरूरत नहीं है। उन्हें गाय के दूध में पर्याप्त इंसुलिन मिलता रहेगा। जिससे दवाइयों की भी छुट्टी हो जाएगी।

दरअसल, डायबिटीज की बीमारी में ब्लड शुगर तब हाई होता है, जब पैंक्रियाज इंसुलिन का उत्पादन कम या फिर बंद कर देता है। ऐसे में अब इंसुलिन की समस्या खत्म हो जाएगी। डायबिटीज को कंट्रोल करने के लिए वैज्ञानिकों ने एक बड़ी सफलता हासिल की है। अमेरिका के इलिनोइस यूनिवर्सिटी (अर्बन-शैंपेन) के पशु वैज्ञानिक मैट व्हीलर के नेतृत्व में शोधकर्ताओं ने एक ऐसी जेनेटिकली मोडिफाइड गाय तैयार की है। जिसके दूध में मानव इंसुलिन पाया गया है।

गाय के दूध में ऐसे बनाया इंसुलिन

एक रिसर्च में कहा गया है कि वैज्ञानिकों ने जीन में बदलाव कर एक ऐसी गाय बनी है। जिसके दूध में इंसुलिन भारी मात्रा में मौजूद रहेगा। मैट व्हीलर की टीम ने गाय के भ्रूण को निकालकर उसके जीन में इंसुलिन प्रोटीन वाला इंसानी DNA के सेगमेंट को सेट कर दिया। इस डीएनए में इंसानी डीएनए का कोड मौजूद रहता है। इस जीन में इंजीनियरिंग करने के बाद इस भ्रूण को सामान्य गाय के गर्भाशय में पहुंचा दिया गया। इससे एक सुंदर बछिया का जन्म हुआ। इसके बाद यह गाय बड़ी होकर प्रेग्नेंट हुई और उसने दूध देना शुरू कर दिया। जब दूध का परीक्षण किया गया तो पाया गया कि दूध में वहीं प्रोटीन मौजूद है जो मानव इंसुलिन में है। यानी ठीक यह इंसुलिन ही होता है। स्टडी में पाया गया कि दूध का प्रोइंसुलिन इंसान के शरीर में जाकर इंसुलिन बन जाता है।

जानिए इंसुलिन क्या है?

इंसुलिन एक तरह का हॉर्मोन है जो हमारे शरीर में अग्नाशय (पैंक्रियाज) नाम के अंग द्वारा बनाया जाता है। यह शरीर में ब्लड शुगर के स्तर को कंट्रोल करने में अहम भूमिका निभाता है। आसान शब्दों में कहें तो, हम जो भी खाते-पीते हैं। उसमें से शरीर को ऊर्जा मिलती है। यह ऊर्जा मुख्य रूप से ग्लूकोज से मिलती है। भोजन पचाने के बाद ग्लूकोज हमारे ब्लड में मिल जाता है। इंसुलिन शरीर की कोशिकाओं को संकेत देता है कि वे ग्लूकोज को अवशोषित कर लें। जिससे शरीर को ऊर्जा मिलती है।

इंसुलिन नहीं बनने से क्या होता है?

अगर शरीर पर्याप्त मात्रा में इंसुलिन का उत्पादन नहीं कर पाता है। तब ऐसी स्थिति में कोशिकाएं इंसुलिन के प्रति संवेदनशील नहीं होती हैं। ऐसी स्थिति में लोग डायबिटीज से पीड़ित हो सकते हैं। डायबिटीज की स्थिति में ब्लड शुगर लेवल लगातार हाई बना रहता है। जिससे शरीर को कई तरह की समस्याओं का सामना करना पड़ सकता है।

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