भारत की दूसरी सबसे बड़ी आईटी कंपनी इंफोसिस लिमिटेड (Infosys Ltd) को आयकर विभाग (Income Tax Department) से असेसमेंट ईयर 2007-08 से लेकर 2015-16, 2017-18 और 2018-19 के लिए असेसमेंट ऑर्डर मिले हैं। इन आदेशों के तहत कंपनी को 6329 करोड़ रुपये का टैक्स रिफंड मिलने वाला है। हालांकि कंपनी पर 2,763 करोड़ रुपये की बड़ी टैक्स देनदारी भी बताई गई है।
कंपनी ने शेयर बाजारों को बताया है कि इंफोसिस 31 मार्च, 2024 को समाप्त होने वाली तिमाही और वित्त वर्ष के वित्तीय विवरणों पर इन आदेशों के इंप्लीकेशंस का मूल्यांकन कर रही है। कंपनी टैक्स देनदारी के आदेशों के खिलाफ अपील दायर करने की संभावना का भी मूल्यांकन कर रही है।
जारी किए गए ऑर्डर इनकम टैक्स एक्ट, 1961 की विभिन्न धाराओं के अनुसार हैं। Infosys को ब्याज सहित मिलने वाला रिफंड 2007-08 से लेकर 2018-19 तक के असेसमेंट ईयर से संबंधित है। दूसरी ओर टैक्स देनदारी ब्याज सहित असेसमेंट ईयर 2022-23 से संबंधित है। इसके अलावा, असेसमेंट ईयर 2011-12 के लिए इंफोसिस से ब्याज सहित 4 करोड़ रुपये की टैक्स डिमांड की गई है।
FY23 में Infosys का इनकम टैक्स एक्सपेंस
वित्त वर्ष 2022-23 में Infosys ने 9,214 करोड़ रुपये का कंसोलिडेटेड इनकम टैक्स एक्सपेंस दर्ज किया, जबकि इससे पहले के वित्त वर्ष में यह 7,964 करोड़ रुपये था। कंपनी के अनुसार, आयकर व्यय में वर्तमान और डेफर्ड इनकम टैक्स शामिल हैं। दिसंबर 2023 में समाप्त तिमाही में कंपनी ने 2,500 करोड़ रुपये से अधिक का इनकम टैक्स एक्सपेंस दर्ज किया।
सहायक कंपनियों को भी मिले ऑर्डर
इन आदेशों का प्रभाव केवल पेरेंट कंपनी इंफोसिस तक ही सीमित नहीं है, बल्कि इंफोसिस की सहायक कंपनियों को भी आयकर विभाग की ओर से असेंसमेंट ऑर्डर मिले हैं। इन आदेशों में 2018-19 और 2021-23 असेसमेंट ईयर के लिए ब्याज सहित कुल मिलाकर 277 करोड़ रुपये का टैक्स मांगा गया है। इसके अतिरिक्त, इंफोसिस की एक यूनिट को असेसमेंट ईयर 2007-09 और 2016-17 के लिए इनकम टैक्स एक्ट, 1961 की विभिन्न धाराओं के तहत 14 करोड़ रुपये के रिफंड ऑर्डर मिलने की उम्मीद है।