खेल मंत्रालय ने रविवार को बड़ा फैसला लेते हुए संजय सिंह के नेतृत्व में हाल ही में चुने गए नए कुश्ती संघ को निलंबित कर दिया। वे गुरुवार को ही कुश्ती संघ के अध्यक्ष चुने गए थे। कुश्ती संघ के लिए हुए चुनाव में उन्हें 47 में से 40 वोट मिले थे, जबकि उनकी प्रतिद्वंदी और कॉमनवेल्थ गेम्स में स्वर्ण पदक विजेता अनीता श्योराण को सिर्फ 7 वोट मिले थे। संजय सिंह को बीजेपी सांसद बृजभूषण सिंह का करीबी माना जाता है। सजय सिंह इससे पहले उत्तर प्रदेश कुश्ती संस्था के उपाध्यक्ष रह चुके हैं। वे 2019 से डब्ल्यूएफआई की अंतिम कार्यकारी परिषद का हिस्सा थे। ऐसे में WFI प्रमुख के रूप में संजय सिंह के निलंबन के बाद सवाल उठने लगा कि क्या अब कुश्ती संस्था में बृजभूषण सिंह का वर्चस्व खत्म हो जाएगा? इसे लेकर हमने पोल चलाया। इंडिया टीवी के इस पोल में लोगों ने अपनी राय रखी, जिसके आंकड़े हैरान करने वाले हैं।
इंडिया टीवी के विभिन्न प्लेटफॉर्म्स पर हमने जनता से पूछा था, “क्या WFI प्रमुख के रूप में संजय सिंह के निलंबन से कुश्ती संस्था में बृजभूषण सिंह का वर्चस्व खत्म हो जाएगा?” और हमने ‘हां’, ‘नहीं’ और ‘कह नहीं सकते’ के विकल्प दिए थे। पोल पर कुल 8643 लोगों ने अपना जवाब दर्ज कराया, जिसके आंकड़े काफी हैरान करने वाले हैं। 73 फीसदी लोगों ने ‘हां’ में जवाब दिया, जबकि 22 फीसदी ने ‘नहीं’ ऑप्शन को चुना। इसके अलावा 5 फीसदी लोगों का जवाब ‘कह नहीं सकते’ में है।
बृजभूषण सिंह के करीबी WFI प्रमुख के रूप में संजय सिंह का निलंबन
बता दें कि कुश्ती संघ के लिए हुए चुनाव में संजय सिंह की प्रतिद्वंदी अनीता को बृजभूषण के खिलाफ यौन उत्पीड़न का आरोप लगाने वाले पहलवानों का समर्थन था। नए कुश्ती संघ ने हाल ही में जूनियर नेशनल चैंपियनशिप गोंडा में कराने का ऐलान किया था। खेल मंत्रालय की ओर से कहा गया है कि WFI के नवनिर्वाचित कार्यकारी निकाय की ओर से लिए गए फैसले WFI के प्रावधानों और नेशनल स्पोर्ट्स डेवलेपमेंट कोड का उल्लंघन है। वहीं, संजय सिंह के अध्यक्ष बनने के बाद से विवाद लगातार बढ़ता जा रहा था। रेसलर साक्षी मलिक ने संजय सिंह को बृजभूषण सिंह का करीबी बताते हुए संन्यास का ऐलान कर दिया।