जापान ने कभी भारत का बुरा नहीं चाहा

1400 साल का इतिहास बताता है कि कभी भी भारत और जापान एक दूसरे के दुश्मन नहीं रहे हैं। द्वितीय विश्व युद्ध के बाद भारत को आजादी मिली और 1952 में दोनों देशों ने राजनयिक संबंध स्थापित कर लिए। पहले ही दशक में 1957 में जापान के पीएम किशी भारत आए और उसी साल जवाहरलाल नेहरू टोक्यो गए। अगले साल राष्ट्रपति राजेंद्र प्रसाद का जापान दौरा हुआ। जापान ने 1958 में ही भारत को लोन देना शुरू कर दिया था। तब विकास की राह पर भारत के शुरुआती कदम पड़ रहे थे और जापान हमारा हित चाहता था। 1960 में जब जापान के क्राउन प्रिंस अकीहितो और क्राउन प्रिंसेस भारत आए तो संबंध और गहरे हुए।
1991 में जापान ने एक भरोसमंद मित्र का फर्ज निभाया। भुगतान संकट से भारत को उबारने वाले देशों में जापान भी शामिल था। भारत की अर्थव्यवस्था को रफ्तार देने और निवेश में जापान ने बढ़-चढ़कर भूमिका निभाई। जापान के कॉर्पोरेट सेक्टर ने भारत का रुख किया। पीएम और राजा के दौरे के बाद मोदी सरकार के समय में घनिष्ठ संबंधों का नया चैप्टर जुड़ा। 2014 में जापान के पीएम शिंजो आबे गणतंत्र दिवस समारोह के मुख्य अतिथि बने। पीएम नरेंद्र मोदी भी उसी साल जापान गए और दोनों देशों में स्ट्रैटिजिक और ग्लोबल पार्टनरशिप देखी गई। भारत-जापान वार्षिक शिखर सम्मेलन लगातार हर साल आयोजित होता है।
मात्र 0.1% ब्याज पर बुलेट ट्रेन दौड़ाएगा जापान



जापान भारत के नेतृत्व में बने इंटरनेशनल सोलर अलायंस में शामिल हुआ। आज समुद्री सुरक्षा, रक्षा, हेल्थकेयर, खाद्य प्रसंस्करण समेत कई क्षेत्रों में निवेश और सहयोग बढ़ा है। भ्रष्टाचार के खिलाफ लड़ाई हो या आर्थिक भगोड़े अपराधियों पर अंकुश लगाने का फैसला हो जापान हमेशा भारत के साथ खड़ा रहा। पूर्वोत्तर में जापानी कंपनियां इन्फ्रास्ट्रक्टर के काम में लगी हैं। आपको याद होगा जापान की मदद से ही भारत में जल्द से जल्द बुलेट ट्रेन दौड़ाने का सपना हकीकत बनने जा रहा है। मुंबई-अहमदाबाद हाई-स्पीड रेल पर काम चल रहा है। बुलेट ट्रेन शुरू होने से रेल यात्रा में क्रांति आ जाएगी। बुलेट ट्रेन अहमदाबाद, वडोदरा, सूरत, ठाणे होते हुए मुंबई तक जाएगी। बुलेट ट्रेन से 500 किमी का यह सफर मात्र दो घंटे में पूरा हो जाएगा।
खास बात यह है कि बुलेट ट्रेन प्रोजेक्ट के लिए फंड भी जापान उपलब्ध करा रहा है। इस पर 1 लाख करोड़ रुपये से ज्यादा खर्च होने का अनुमान है। इसमें 88 हजार करोड़ रुपये (81%) का कर्ज जापान इंटरनेशनल कोऑपरेशन एजेंसी (JICA) ने दिया है। भारत और जापान की दोस्ती की पराकाष्ठा समझिए कि JICA ने मात्र 0.1 प्रतिशत ब्याज पर यह कर्ज दिया है। जापान भारतीयों के जीवन स्तर को बेहतर बनाने और मेक इन इंडिया जैसी पहलों में भी सहयोग कर रहा है। करीब 40 हजार भारतीय इस समय जापान में रह रहे हैं।

