India’s biggest IPO : दक्षिण कोरियाई ऑटो दिग्गज हुंडई मोटर कंपनी ने घरेलू शेयर बाजारों में अपनी भारतीय शाखा हुंडई मोटर इंडिया लिमिटेड की मेगा लिस्टिंग के लिए सलाहकारों के अपने सिंडिकेट को अंतिम रूप देने के लिए निवेश बैंकरों के रूप में कोटक महिंद्रा कैपिटल और मॉर्गन स्टेनली को भी चुना है। मनीकंट्रोल ये जानकारी इस मामले से जुड़े चार सूत्रों के हवाले से मिली है। इसके पहले मनीकंट्रोल ने 9 फरवरी को ही जानकारी दी थी कि इस हाई-प्रोफाइल डील के लिए सिटी, जेपी मॉर्गन और एचएसबीसी सिक्योरिटीज पहले से ही सलाहकार के रुपए में चुने गए हैं।
फाइनल वैल्यूएशन और हिस्सेदारी घटाने की लिमिट के आधार पर, यह संभावित रूप से भारत के सबसे बड़े आईपीओ के रूप में रैंक किया जा सकता है। ऑटो दिग्गज हुंडई मोटर की इस आईपीओ के जरिए 2.5 अरब डॉलर से 3 अबर डॉलर जुटाने की योजना है। बता दें कि देश को सबसे बड़े आईपी का वर्तमान रिकॉर्ड सरकारी स्वामित्व वाली एलआईसी के पास है जिसने मई 2022 में आए अपने आईपीओ के जरिए 2.7 बिलियन डॉलर जुटाए थे।
मामले की जानकारी रखने वाले एक सूत्र में बताया कि कोटक महिंद्रा कैपिटल और मॉर्गन स्टेनली हाल ही में आईपीओ के सलाहकार बोर्ड पर आए हैं और बाकियों के साथ जुड़ गए हैं। कंपनी का लक्ष्य जून के अंत या जुलाई तक सेबी के पास आईपीओ का DRHP (ड्राफ्ट रेड हेरिंग प्रॉस्पेक्टस) दाखिल करने का है। हुंडई की सफल लिस्टिंग कई टॉप लेवल की बहुराष्ट्रीय कंपनियों को इसका अनुसरण करने के लिए प्रेरित करेगी।
एक दूसरे सूत्र ने ऊपर बताई गई बातों की पुष्टि करते हुए कहा कि हुंडई की भारतीय शाखा के लिए टारगेटेड बॉलपार्क वैल्यूएशन लगभग 20 अरब डॉलर था, लेकिन उसने तुरंत यह भी कहा कि बहुत सारे मूविंग आइटम हैं जिनमें बदलाव हो सकते हैं। ये शुरुआती दिन हैं, इसमें अभी कुछ पक्के तौर पर नहीं कहा जा सकता। वैल्यूएशन और आईपीओ का आकार अभी तक तय नहीं हुआ है। कंपनी की रणनीति और बाजार की स्थितियों के आधार पर ही इसको अंतिम रूप किया जाएगा। ड्राफ्ट पेपर दाखिल करने के करीब पहुंचने पर ही आईपीओ के वैल्यूएशन और आईपीओ के आकार को बारे में स्पष्टता आएगी।
पिछली मीडिया रिपोर्टों में हुंडई मोटर इंडिया लिमिटेड का वैल्युएशन 22 अरब से 30 अरब डॉलर के बीच आंका गया है। वित्त वर्ष 2024 में यात्री वाहनों की बिक्री की मात्रा के मामले में हुंडई मोटर इंडिया लिमिटेड मारुति सुजुकी के बाद भारत की दूसरी सबसे बड़ी कार निर्माता थी।
एक तीसरे व्यक्ति ने मनीकंट्रोल को बताया कि इस इश्यू के पूरी तरह से पैरेंट कंपनी द्वारा पेश OFS (offer for sale) होने की संभावना है। इस व्यक्ति ने कहा कि OFS के तहत 15 फीसदी हिस्सेदारी बिक्री के लिए पेश की जा सकती लेकिन यह आंकड़ा फाइनल आंकड़ा नहीं है।
एक चौथे सूत्र ने इस आईपीओ सिंडिकेट में i-bank के शामिल होने की पुष्टि की है। इस व्यक्ति ने विस्तार से बताया कि यहां मल्टिपल्स बहुत हाई हैं और भारतीय इकाई की वैल्यू अनलॉकिंग प्रस्तावित लिस्टिंग के लिए एक बड़ा ट्रिगर है। कोरियाई सरकार भी बड़े कारोबारी समूहों को ग्लोबल स्तर पर अपने निवेश का मोनेटाइजेशन करने के लिए प्रोत्साहित कर रही है।