सत्तारूढ़ कम्युनिस्ट पार्टी (CCP) के महासम्मेलन (National Congress) के आखिरी दिन यानि शनिवार को 79 साल के एक वरिष्ठ नेता को जबरन उठा कर हॉल से बाहर कर देने का मामला दुनियाभर में चर्चा का विषय बना हुआ है। ये बुजुर्ग कोई और नहीं बल्कि चीन के पूर्व सुप्रीम लीडर हू जिंताओ (Hu Jintao) हैं।
हू राष्ट्रपति शी जिनपिंग (Xi jinping) और प्रधानमंत्री ली केकियांग के बगल में बैठे थे। उनके साथ ही आगे की लाइन में दूसरे शीर्ष नेता भी थे। बैठके के दौरान सामने आए वीडियो में शी डेस्क पर कागजात पकड़े हुए बैठे थे। हू जिनपिंग तरफ कुछ कहने को बढ़ते हैं कि तभी दो लोग आकर उन्हें उठा देते हैं और कुछ देर उनसे बातचीत के बाद उन्हें वहां से ले जाते हैं। जाते-जाते हू जिनपिंग को कुछ कहते हैं और प्रधानमंत्री का कंधा थपथपा कर जाते हैं।
इस सब से अलग, अब यह जानना जरूरी है कि चीन की राष्ट्रीय कांग्रेस का एक मिनट से ज्यादा लंबा ये वीडियो आखिर इंटरनेट पर क्यों वायरल हो रहा है। पांच साल में एक बार होने वाली नेशनल कांग्रेस कई मायनों में खास है। इस बैठक में ही पार्टी के संविधान में बदलाव किया गया, ताकि शी को और ज्यादा शक्तियां दी जा सकें। इससे चीन की सत्ता में जिनपिंग की स्थिति अब और ज्यादा मजबूत हो गई।
ही कौन हैं और ऐसा तमाशा क्यों हुआ?
हू जिंताओ 2003 और 2013 के बीच 10 सालों तक चीन के राष्ट्रपति रहे, जिसके बाद उन्होंने शी जिनपिंग को सत्ता सौंप दी। समापन सत्र की ये घटना कोई आम घटना नहीं थी, क्योंकि हू न केवल कांग्रेस के उद्घाटन समारोह में शामिल हुए, बल्कि पूरे सेशन में भी मौजूद रहे।
ये घटना तब हई, जब स्थानीय और विदेशी मीडिया को बैठक में शामिल किया गया थे। इसमें 2,296 से ज्यादा प्रतिनिधियों और अधिकारियों ने हिस्सा लिया। इस दौरान सिर्फ कैमरा ही नहीं बल्कि सभी आखें भी पोडियम पर ही थी, जहां शी और दूसरे शीर्ष नेताओं के साथ हू बैठे थे।
ये घटना केवल इसलिए भी चर्चाओं में है, क्योंकि पूरा मीडिया वहां मौजूद था। ऐसे कयास लगाए जा रहे हैं कि यह जानबूझकर किया गया था। अगर ध्यान से देखा जाए, तो हू को शी से दूर ले जाने के फुटेज से पता चलता है कि पूर्व नेता जाना नहीं चाहते थे।
उनके हाथों में कुछ कागजात थे और जाते समय वह शी कुछ कहकर गए, इसके जवाब में शी ने भी सिर हिलाया। उन्होंने केकियांग को कंधे पर भी थपथपाया था।
शी हैं सबसे ताकतवर, तो हू अहम क्यों?
हू की स्थिति और वह जो प्रतिनिधित्व करते हैं, उसके कारण यह घटना एक तमाशा ज्यादा है। ये सब जानते हैं कि CCP में गुटबाजी चल रही है और शी को माओत्से तुंग के बाद सबसे शक्तिशाली माना जा रहा है। उन्होंने किसी भी विरोध को कुचलने के लिए अपनी ताकत और ज्यादा बढ़ा ली है।
The Indian Express की एक रिपोर्ट के अनुसार, हू ‘तुआनपाई’ या लोकलुभावन नाम के समूह का हिस्सा हैं। समूह में कम्युनिस्ट यूथ लीग की बैकग्राउंड वाले नेता हैं और “पुराने गार्ड” का प्रतिनिधित्व करते हैं। शी के ग्रुप ने पार्टी में ऐसे सभी दूसरे ग्रुप को हाशिए पर ला दिया है।
हू बैठक से तब बाहर हुए, जब प्रतिनिधियों ने शी के ‘कोर लीडरशिप’ पॉजिशन का समर्थन करने के लिए सर्वसम्मति से मतदान किया। यूरेशिया ग्रुप कंसल्टेंसी के एक वरिष्ठ चीन विश्लेषक नील थॉमस ने AFP को बताया, “हम अभी भी नहीं जानते हैं कि हू के बाहर जाने का क्या कारण था। इसलिए ज्यादा जानकारी के बिना यह ठोस निष्कर्ष निकालना मुश्किल है कि यह घटना चीनी राजनीति से कैसे जुड़ी है।”

