Jharkhand Political Drama: झारखंड में इस वक्त जबरदस्त राजनीतिक ड्रामा और सत्ता परिवर्तन की सुगबुगाहट चल रही है। मुख्यमंत्री और झारखंड मुक्ति मोर्चा (JMM) के नेता हेमंत सोरेन से प्रवर्तन निदेशालय (ED) बुधवार सुबह से पूछताछ कर रही है। उनकी गिरफ्तारी की भी आशंका है, क्योंकि ED ने अतिरिक्त सुरक्षा की मांग की है। इस बीच JMM ने अपना प्लान-B भी तैयार कर लिया है। खबरों के मुताबिक, कयास लगाए जा रहे हैं कि अगर हेमंत सोरेन को गिरफ्तार किया जाता है तो उनकी पत्नी कल्पना मुख्यमंत्री पद के लिए पहली पसंद होंगी। हालांकि, यह इतना आसान नहीं है।
राजनीतिक सरगर्मियां बढ़ने और ED द्वारा हेमंत सोरेन से पूछताछ के बीच, सत्तारूढ़ सोरेन परिवार में JMM की विधायक और पार्टी सुप्रीमो शिबू सोरेन की बड़ी बहू सीता सोरेन को लेकर अनबन उभर आई है। सीता ने खुले तौर पर कहा कि वह कल्पना सोरेन को मुख्यमंत्री बनाने के किसी भी कदम का विरोध करेंगी। यह बयान ऐसे वक्त आया है जब सीता सोरेन ने पीटीआई से फोन पर बातचीत में कल्पना सोरेन को JMM विधायक दल का नेता बनाने के किसी भी कदम को लेकर कड़ी आपत्ति जताई।
दरअसल, मंगलवार को मुख्यमंत्री आवास पर गठबंधन के विधायकों की बैठक में कल्पना सोरेन भी मौजूद थीं। बाद में इसकी मुख्यमंत्री कार्यालय द्वारा तस्वीरें भी शेयर की गईं। जामा की विधायक ने पीटीआई से कहा, “मैं पूछना चाहती हूं कि केवल कल्पना सोरेन ही क्यों, जो विधायक भी नहीं हैं और उनके पास कोई राजनीतिक अनुभव भी नहीं है।” दिवंगत दुर्गा सोरेन की पत्नी सीता ने सवाल उठाया कि किस परिस्थिति में उनका (कल्पना का) नाम अगले मुख्यमंत्री के तौर पर लिया जा रहा है, जबकि पार्टी में इतने सारे वरिष्ठ नेता हैं।
विधायकों की बैठक में सीता सोरेन मौजूद नहीं थीं। वह कुछ निजी कारणों से शहर से बाहर थीं और शाम को रांची पहुंचेंगी। करीब 14 साल से विधायक सीता ने कहा, “मैं उन्हें मुख्यमंत्री बनाने के किसी भी कदम का कड़ा विरोध करूंगी।” उन्होंने कहा, “पार्टी में कई वरिष्ठ नेता हैं, जिन्हें बागडोर सौंपी जा सकती है। अगर वे एक परिवार से चुनाव करना चाहते हैं, तो मैं सदन में सबसे वरिष्ठ हूं और लगभग 14 साल तक विधायक रही हूं।”
एक वरिष्ठ नेता ने नाम न छापने की शर्त पर कहा कि विधायकों की बैठक के दौरान कई विधायक अनुपस्थित थे। इस महीने की शुरुआत में सोरेन ने अपनी पत्नी के गांडेय विधानसभा क्षेत्र से चुनाव लड़ने की अटकलों को खारिज कर दिया था। उन्होंने इसे भारतीय जनता पार्टी (BJP) का शिगूफा करार दिया था।
दिसंबर में सत्तारूढ़ JMM के गांडेय विधायक सरफराज अहमद के अचानक इस्तीफे के साथ-साथ मुख्यमंत्री को ED के हालिया समन से अटकलें शुरू हो गईं। विपक्षी दल BJP ने दावा किया है कि अहमद को पद छोड़ने के लिए मजबूर किया गया था ताकि मुख्यमंत्री की पत्नी ED के समन के संबंध में किसी भी स्थिति में गांडेय से चुनाव लड़ सकें।