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Haryana Political Crisis: हरियाणा में सिर्फ दो सीटों पर BJP-JJP में बिगड़ी बात, CM समेत बदलनी पड़ गई पूरी सरकार

Haryana Political Crisis: हरियाणा की राजनीति ने मंगलवार सुबह को अचानक ऐसी करवट ली कि सत्ताधारी BJP और JJP गठबंधन (BJP JJP Alliance) टूट गया। राज्य के मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर (Manohar Lal Khattar) और उपमुख्यमंत्री दुष्यंत चौटाला (Dushyant Chautala) ने अपने-अपने पद से इस्तीफा दे दिया। साथ ही पूरी कैबिनेट ने भी इस्तीफा देकर राज्य में नई सरकार की कवायद शुरू कर दी। अब ये भी साफ हो गया है कि BJP राज्य में अपना नेतृ्त्व भी बदल रही है और खट्टर की जगह नायब सिंह सैनी नए मुख्यमंत्री बनाए जाएंगे।

एक दिन पहले ही JJP नेता दुष्यंत चौटाला ने BJP के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा से मुलाकात की थी, जिसमें दोनों दलों के बीच लोकसभा चुनाव के लिए सीट बंटवार पर चर्चा हुई, लेकिन कोई आम सहमति नहीं बन पाई।

आगामी लोकसभा चुनावों के लिए सीट बंटवारे को लेकर दोनों सहयोगियों के बीच असहमति को लेकर BJP-JJP गठबंधन की स्थिरता लंबे समय से सवालों के घेरे में थी। BJP की हरियाणा इकाई के नेताओं का एक बड़ा वर्ग JJP के साथ गठबंधन का विरोध कर रहा था।

सिर्फ दो सीटों पर बिगड़ी BJP-JJP की बात

दरअसल JJP नेता चौटाला ने सोमवार को जेपी नड्डा से हुई मुलाकात के दौरान दो लोकसभा सीट- हिसार और भिवानी-महेंद्रगढ़-की मांग की। हालांकि, BJP इनमें से कोई भी लोकसभा सीट देना नहीं चाहती हैं, क्योंकि उसे लगता है कि वो दोनों सीटों पर मजबूत स्थिति में है।

दूसरी तरफ चौटाला ने 2014 में हिसार लोकसभा सीट से जीत हासिल की थी और वर्तमान में उचाना कलां से विधायक हैं, जो हिसार लोकसभा सीट के तहत ही आता है। दुष्यंत के पिता और JJP सुप्रीमो अजय चौटाला 1999 में भिवानी से सांसद थे। JJP का दावा है कि इन दोनों सीटों पर उसका मजबूत आधार है। इस संबंध में JJP समन्वय समिति की पहले ही दो दौर की बातचीत हो चुकी है.

हिसार सीट को लेकर बीजेपी और जेजेपी के बीच खींचतान तब और बढ़ गई, जब वहां से मौजूदा बीजेपी सांसद बृजेंद्र सिंह बीजेपी छोड़कर कांग्रेस में शामिल हो गए।

CM समेत बदली गई पूरी सरकार

BJP के एक सूत्र ने कहा था कि JJP को कुरूक्षेत्र की तरह एक और सीट की पेशकश की जा सकती है, जहां से AAP चुनाव लड़ रही है, लेकिन JJP हिसार और भिवानी-महेंद्रगढ़ पर ही जोर दे रही थी।

इसी के साथ सत्ता विरोधी लहर को मात देने की कोशिश करते हुए BJP ने अपने मौजूदा मुख्यमंत्री खट्टर को भी बदल दिया। इस साल के आखिर में हरियाणा में विधानसभा चुनाव होंगे। अब उनकी जगह पार्टी के OBC चेहरे और प्रदेश अध्यक्ष नायब सिंह सैनी को लिया गया है।

पिछले नौ सालों में हरियाणा में सरकारी भर्ती सिस्टम को दुरुस्त करने का क्रेडिट खट्टर को दिया जाता है और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के साथ उनके अच्छे समीकरण भी हैं। हालांकि, पिछले विधानसभा चुनाव में बीजेपी अपने दम पर बहुमत का आंकड़ा छूने में नाकाम रही थी।

बीजेपी के लिए विधानसभा चुनाव से पहले सीएम बदलने का एक कारण ये भी हो सकता है। क्योंकि पार्टी पहले ही गुजरात और उत्तराखंड में भी इस तरह स्टेट लीडरशिप बदल चुकी है। खबर है कि खट्टर अब अपने गृह क्षेत्र करनाल से लोकसभा चुनाव लड़ सकते हैं।

कैसे थे 2019 के चुनावी नतीजे?

90 सदस्यों वाली हरियाणा विधानसभा में, BJP के 41 विधायक, कांग्रेस के 30 और JJP के 10 विधायक हैं। सात निर्दलीय हैं, जबकि इंडियन नेशनल लोक दल (INLD) और HLP का एक-एक विधायक है।

2019 के लोकसभा चुनाव में BJP ने हरियाणा की सभी 10 सीटों पर जीत हासिल की थी, लेकिन उसी साल राज्य विधानसभा चुनाव में JJP ने 10 सीटें जीतीं थीं। JJP ने BJP के साथ गठबंधन किया, क्योंकि BJP सरकार बनाने के लिए बहुमत के आंकड़े से छह अंक पीछे रह गई था।

वहीं अगर मौजूदा आंकड़ों की बात की जाए, तो 41 विधायकों वाली BJP को छह निर्दलीय और एक विधायक गोपाल कांडा का समर्थन हासिल है, जिससे उसकी संख्या 48 हो गई है। इनकी मदद से भगवा पार्टी 46 सीटों के बहुमत के निशान से ऊपर है। ऐसे भी कहा जा रहा है कि JJP के कुछ विधायक भी बीजेपी को समर्थन दे सकते हैं।

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