Gyanvapi Case: ज्ञानवापी मस्जिद को लेकर आर्कियोलॉजिकल सर्वे ऑफ़ इंडिया (Archaeological Survey of India –ASI) की रिपोर्ट में कई बड़े दावे किए गए हैं। रिपोर्ट सामने आने के बाद हिंदू पक्ष ने मंदिर होने का दावा किया है। वहीं सर्वे की रिपोर्ट में कई चौंकाने वाले खुलासे भी किए गए हैं। सर्वे में मस्जिद के भीतर देवी-देवताओं की मूर्ति समेत कई ऐसे निशान पाए जाने की बात कही गई है। इस रिपोर्ट में ये भी दावा किया गया है कि मंदिर को तोड़कर मस्जिद बनाई गई है। बता दें कि 839 पेज की साइंटिफिक सर्वे रिपोर्ट तैयार की गई है।
यह रिपोर्ट अदालत में पेश की गई और इसके बाद हिंदू और मुसलमान, दोनों पक्षों के साथ शेयर की गई है। रिपोर्ट के शुरुआती पन्नों में ही एक लूज पत्थर का जिक्र किया गया है। इस पत्थर पर लिखा गया था कि इस मस्जिद का निर्माण मुगल शासक औरंगजेब के काल में 1676 से 1677 के बीच हुआ।
किसने तोड़ा मंदिर?
ASI ने अपनी रिपोर्ट में पत्थर की फोटोग्राफ भी सौंपी है। यह फोटो साल 1965-66 में ली गई थी। ASI की रिपोर्ट में कहा गया है कि इस पत्थर से मस्जिद के निर्माण और इसके मरम्मत से जुड़ी तारीख जैसी चीजों को जबरन खरोच कर मिटा दिया गया है। जबकि 1965-66 की तस्वीरों में यह सब कुछ साफ-साफ मौजूद है। सर्वे में स्वस्तिक, कमल पुष्प और घंटी के निशान पाए गए हैं। इसके साथ ही मंदिर के टूटे हुए खंभे भी मिले हैं। दीवारों पर सांचे, केंद्रीय कक्ष में कर्ण, रथ, पश्चिमी दीवार पर तोरण के साथ एक बड़ा प्रवेश द्वार, एक छोटा प्रवेश द्वार और पक्षियों और जानवरों की नक्काशी की गई है। इससे पता चलता है कि मस्जिद की पश्चिमी दीवार साफ तौर पर किसी मंदिर का हिस्सा नजर आ रहा है।
तहखाने से बरामद हुई मूर्तियां
सर्वे के दौरान 32 जगह मंदिर से जुड़े सबूत मिले हैं। ASI की रिपोर्ट में मस्जिद के पूर्वी हिस्से में तहखाने बनाए गए हैं। इसे बनाने के लिए मंदिर के स्तंभों और कॉलम का इस्तेमाल किया गया है। N2 नाम के तहखाने में एक स्तंभ का इस्तेमाल किया गया है। जिस पर घंटियां, दीपक और ज्योति रखने की जगह बनी हुई है। इसमें शिलालेख भी मौजूद हैं। इसी तरह S2 नाम के एक तहखाने में मिट्टी के नीचे दबी हुई हिंदू देवी देवताओं की मूर्तियां बरामद की गई हैं।