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Google के बिलिंग नॉर्म का पालन करने के बाद कई ऐप्स की प्ले स्टोर में वापसी, लेकिन IAMAI की चिंता कायम

गूगल की बिलिंग पॉलिसी का पालन करने के बाद कुछ और ऐप 3 मार्च को प्ले स्टोर में वापस आ गए। हालांकि, इस मामले में इंटरनेट एंड मोबाइल एसोसिएशन ऑफ इंडिया (IAMAI) की चिंता कायम है, क्योंकि प्ले स्टोर से हटाए गए ज्यादातर ऐप अब भी डीलिस्टेड हैं।

matrimony.com के फाउंडर मुरुगवल जे ने बताया कि गूगल की शर्तों को स्वीकार करने के बाद कंपनी के सिर्फ 8 ऐप प्ले स्टोर में आए, जिनमें बंगाली मैट्रोमोनी, मराठी मैट्रीमोनी, तमिल मैट्रीमोनी, भारत मैट्रीमोनी आदि शामिल हैं। उन्होंने बताया कि उसके 100 से भी ज्यादा ऐप में से ज्यादातर अभी भी प्ले स्टोर में वापस नहीं आए हैं।

मुरुगवल ने बताया, ‘ इस मसले पर सरकार के स्पष्ट संदेश के बावजूद गूगल ने उन सभी ऐप्स को प्ले स्टोर में फिर से शामिल करने के लिए कदम नहीं उठाया है, जिन्हें बिलिंग पॉलिसी की वजह से डीलिस्ट किया गया था।’ आईटी मिनिस्टर अश्विनी वैष्णव ने 2 मार्च को साफ किया था कि गूगल द्वारा ऐप्स को बाहर करना स्वीकार्य नहीं है और स्टार्टअप्स को जरूरत के हिसाब से सुरक्षा दी जाएगी।

गूगल और कुछ भारतीय ऐप्स के बीच 1 मार्च को उस वक्त तनाव काफी बढ़ गया था, जब सर्विस फीस के भुगतान से जुड़े विवाद की वजह से गूगल ने प्ले स्टोर से कुछ ऐप्स को हटा दिया था। ऐप्स और कुछ स्टार्टअप के फाउंडर गूगल के इस कदम से नाराज हैं और उन्हें इस सिलसिले में गूगल से बात भी की है। इंटरनेट एंड मोबाइल एसोसिएशन ऑफ इंडिया ने डीलिस्टिंग की आलोचना करते हुए कहा कि इस तरह के सख्त उपाय गलत और बेतुके हैं। एसोसिएशन के मुताबिक, यह कदम ऐसे वक्त में उठाया गया है, जब कानूनी प्रक्रिया चल रही है।

IAMAI ने इस मामले को लेकर गहरी चिंता व्यक्त की है, क्योंकि ज्यादातर ऐप अब भी डीलिस्टेड हैं। यहां यह भी बताना जरूरी है कि सरकार इस मसले को निपटाने के लिए 4 मार्च को गूगल और संबंधित ऐप्स के प्रतिनिधियों के साथ बात कर सकती है। नौकरी, 99एकड़ और Shaadi.com जैसे चुनिंदा ऐप्स 2 मार्च को ही प्ले स्टोर में वापस आ गए थे। IAMAI का कहना है कि भारत के टेक्नोलॉजी इकोसिस्टम को सुरक्षा की जरूरत है।

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