स्टीफैनी फैकरेल ने रिक्रूटमेंट बिजनेस में 15 साल काम किया है और उन्होंने गूगल, एपल, सैमसंग और एनवीडिया जैसी ग्लोबल टेक कंपनियों के साथ काम किया है। अपने पूरे करियर में वह हजारों ‘रिज्यूमे’ का विश्लेषण कर चुकी है और उनकी सलाह है कि रिज्यूमे तैयार करते समय ‘बोरिंग’ फॉर्मैट का इस्तेमाल करना सबसे बेहतर होता है।
उन्होंने CNBC से बातचीत में कहा, ‘इसे बोरिंग बनाएं।’ उनका कहना था कि ‘रिज्यूमे’ में कोई कलर, कोई चार्ट, कोई ग्राफ, कोई पिक्चर नहीं होना चाहिए। इसके बजाय एचआर कंसल्टेंट अब सिंपल और आसान फॉर्मैट का इस्तेमाल करने की सलाह देते हैं, ताकि नौकरी मांगने वाले उम्मीदवार साफ तौर पर अपने बारे में बात कर सकें।
फैकरेल ने कहा, ‘जब मैं गूगल के लिए काम करती थी, तो लोग हमेशा कलाकारी नमूने वाले रिज्यूमे सौंपते थे, जिनमें चार्ट और गूगल कलर भी होते थे।’ टाइटिल और काम का ब्यौरा लिखने के बजाय उम्मीदवार अपने रिज्यूमे को कॉलम और खांचों में बांट देते थे।
फैकरेल ने गूगल (Google) में 2011 से 2018 तक काम किया। इसके बाद उन्होंने एपल (Apple), एनवीडिया (Nvidia) और सैमसंग (Samsung) में भी काम किया था। यह पूछे जाने पर एक आदर्श रिज्यूमे कैसा होना चाहिए, उन्होंने कहा, ‘रिज्यूमे कागज पर 10-60 सेकेंड के फॉर्मैट में आपको दिखाता है।’ इसको दिलचस्प और छोटा रखा जाना चाहिए। इसमें आपकी उपलब्धियों का जिक्र होना चाहिए और यह दस्तावेज दो पेज से लंबा नहीं होना चाहिए। उनका यह भी कहना था कि अगर कोई उम्मीदवार रिज्यूमे में हर टाइटल के साथ रोज की गतिविधियों का ब्यौरा देता है, तो यह ठीक नहीं है।
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