Go First Airlines की मुश्किलें खत्म हो सकती हैं। SpiceJet के सीएमडी अजय सिंह और Busy Bee Airways ने गो फर्स्ट एयरलाइंस के लिए एक प्लान पेश किया है। इस प्लान के तहत गो फर्स्ट एयरलाइंस में 1,600 करोड़ रुपये का निवेश होगा। बिजी बी एयरवेज में EaseMyTrip के सीईओ निशांत पिट्टी की बड़ी हिस्सेदारी है। CNBC-TV18 ने सूत्रों के हवाले से बताया है कि सिंह और पिट्टी के कंसोर्शियम ने जो प्रस्ताव पेश किया है, उसमें 1,000 करोड़ रुपये में गो फर्स्ट का अधिग्रहण शामिल है। इसके बाद दोनों प्रमोटर गो फर्स्ट में 600 करोड़ रुपये का निवेश करेंगे। गो फर्स्ट एयरलाइंस की सेवाएं फिर से शुरू करना इसका मकसद है।
शारजाह की कंपनी स्काई वन ने भी लगाई है बोली
सिंह और पिट्टी के इस कंसोर्शियम का मुकाबला Sky One से है। इनसॉल्वेंसी रिजॉल्यूशन प्रोसिडिंग्स में स्काई वन ने भी गो फर्स्ट एयरलाइंस के लिए बोली लगाई है। यह शारजाह की कंपनी है, जो मुख्य रूप से चार्टर्ड हेलीकॉप्टर्स और कार्गो सर्विसेज ऑपरेट करती है। इन बोलियों पर विचार होगा। इस प्रक्रिया के मार्च के आखिर तक पूरी हो जाने की उम्मीद है। गो फर्स्ट एयरलाइंस का प्रमोटर वाडिया परिवार है। गो फर्स्ट ने पिछले साल मई में नेशनल कंपनी लॉ ट्राइब्यूनल (NCLT) में खुद ही इनसॉल्वेंसी के लिए आवेदन किया था।
पिछले साल मई से बंद है गो फर्स्ट की सेवाएं
पिछले साल मई से ही गो फर्स्ट एयरलाइंस की सेवाएं बंद हैं। कंपनी ने इसके लिए Pratt & Whitney (PW) को जिम्मेदार ठहराया था। प्रैट एंड व्हीट्नी विमानों के इंजन सप्लाई करती है। गो फर्स्ट का आरोप था कि प्रैट एंड व्हिट्नी उसे इंजन सप्लाई करने में नाकाम रही। उसके इंजन में कई तरह की खराबियां मिली थीं। इसके वजह से गो फर्स्ट को अपने कई विमानों का इस्तेमाल बंद करने को मजबूर होना पड़ा। आखिरकार 3 मई को एयरलाइंस ने अपनी सेवाएं बंद करने का ऐलान कर दिया।
रिजॉल्यूशन के लिए और 60 दिन का वक्त मिला
सिंह और पिट्टी के कंसोर्शियम ने 16 फरवरी को गो फर्स्ट एयरलाइंस के अधिग्रहण के लिए अपनी बोली पेश की। इससे पहले दिल्ली में एनसीएलटी ने 13 फरवरी को कॉर्पोरेट इनसॉल्वेंसी रिजॉल्यूशन प्रोसेस (CIRP) 60 दिन बढ़ाने के रिजॉल्यूशन प्रोफेशनल (RP) के प्रस्ताव को मंजूरी दी थी।