Global AI Conclave : आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI) को लेकर आज पूरी दुनिया में चर्चा हो रही है। इसके फायदों के साथ ही संभावित नुकसान को लेकर भी तमाम तरह के कयास लगाए जा रहे हैं। केंद्रीय मंत्री राजीव चंद्रशेखर ने भारत में AI के भविष्य पर बात करते हुए आज 16 दिसंबर को कहा कि देश आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI) इकोसिस्टम में एक अहम मोड़ पर खड़ा है।
बेंगलुरु में उन्होंने टेक में दिलचस्पी रखने वाले लोगों से भरे एक हॉल को संबोधित करते हुए कहा कि 2026 तक भारत की टेक इकोनॉमी को 1 ट्रिलियन डॉलर तक पहुंचाने के लिए AI जैसी उभरती टेक्नोलॉजी के लिए जरूरी इन्फ्रॉस्ट्रक्चर तैयार करने के लिए सरकार 24/7 काम कर रही है।
इलेक्ट्रॉनिक्स और सूचना प्रौद्योगिकी राज्य मंत्री ने CNBC-TV18 और मनीकंट्रोल ग्लोबल AI कॉन्क्लेव में कहा, “15 साल पहले आप एकेडमिक इंस्टीट्यूशन को इस आधार पर मापते थे कि कितने छात्रों को Google द्वारा नौकरी मिली या वे विदेश चले गए। अब बात यह है कि किसी विशेष इंस्टीट्यूशन के छात्र दुनिया के लिए किस तरह का प्लेटफॉर्म बना रहे हैं।”
उन्होंने आगे कहा, “AI में टैलेंट कहीं अधिक फंडामेंटल चैलेंज है। हमें AI में मास्टर्स और पीएचडी करने के लिए यूनिवर्सिटी की जरूरत है। टैलेंट एक ऐसी चीज है जो मुझे रातों में जगाए रखती है।” उन्होंने कहा कि एडवांस चिप्स की कमी के कारण AI पावर के लिए मौजूदा वैश्विक दौड़ के बावजूद यह मुद्दा जल्द ही हल हो जाएगा।
चंद्रशेखर ने ग्लोबल AI कॉन्क्लेव में AI रेगुलेशन के बारे में भी बात की। उन्होंने AI में यूजर्स को डीप फेक जैसे खतरों से निपटने के लिए एक नियम-आधारित ग्लोबल फ्रेमवर्क की जरूरत पर जोर दिया गया।