वित्त वर्ष 2023 में स्टार्टअप मेन्सा ब्रांड्स (Mensa Brands) का रेवेन्यू 151 पर्सेंट की बढ़ोतरी के साथ 505 करोड़ रुपये रहा। रेगुलेटरी फाइलिंग के मुताबिक, वित्त वर्ष 2022 में कंपनी का रेवेन्यू 201 करोड़ रुपये था। हालांकि, रेवेन्यू ग्रोथ के साथ-साथ कंपनी के नुकसान में भी बढ़ोतरी हुई। वित्त वर्ष 2023 में कंपनी का नुकसान बढ़कर 214 करोड़ रुपये हो गया, जबकि वित्त वर्ष 2022 में कंपनी का नुकसान 88 करोड़ रुपये था।
मेन्सा ब्रांड्स सिंगापुर में रजिस्टर्ड कंपनी है। यह स्टार्टअप छोटी और प्रॉफिट वाली स्टार्टअप्स में कंट्रोलिंग स्टेक खरीदती है। कंपनी ने संबंधित अवधि में एंप्लॉयीज के बेनिफिट, मार्केटिंग और अन्य चीजों पर ज्यादा खर्च किया। वित्त वर्ष 2023 में कंपनी का कुल खर्च सालाना 149 पर्सेंट की बढ़ोतरी के साथ 719 करोड़ रुपये रहा, जबकि वित्त वर्ष 2022 में खर्च 289 करोड़ रुपये था।
कंपनी के प्रवक्ता ने बताया, ‘हमें यह बताते हुए खुशी हो रही है कि हम भारत की सबसे बड़ी डीटीसी कंपनियों में से एक हैं। हमारे 7 ब्रांड्स का एआरआर 100 करोड़ से भी ज्यादा है और इनमें से कई ब्रांड की ग्रोथ 5-6 गुना रही है। 90 पर्सेंट ब्रांड इबिट्डा के लेवल पर मुनाफे में हैं और कॉरपोरेट लेवल पर हम ब्रेक-इवन में हैं।’ कंपनी की यह टिप्पणी ऐसे वक्त में आई है जब मेन्सा अपना बिजनेस बढ़ाने के लिए फंड हासिल कर रही है।
कंपनी ने अक्टूबर में EvolutionX से 40 करोड़ डॉलर (330 करोड़ रुपये) जुटाए थे। इससे पहले मेन्सा ब्रांड्स ने फरवरी में ट्रेडक्रेड (TradeCred) के जरिये 300 करोड़ जुटाए थे। कंपनी का कहना था कि वह इस फंड का इस्तेमाल कंज्यूमर टेक कंपनियों के अधिग्रहण में करेगी। मेन्सा ब्रांड्स की शुरुआत मिंट्रा (Myntra) के पूर्व सीईओ अनंत नारायणन ने 2021 में की थी। प्राइवेट मार्केट डेटा प्रोवाइडर ट्रैक्सन के मुताबिक, कंपनी पहले ही अपना 60 पर्सेंट हिस्सा निवेशकों को बेच चुकी है और बाकी 40 पर्सेंट उसने अपने पास रखा है।
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