उद्योग/व्यापार

FPI को SEBI ने दी बड़ी राहत, अहम बदलावों के ​खुलासे की समयसीमा में ढील को ग्रीन सिग्नल

मार्केट रेगुलेटर सेबी (SEBI) ने विदेशी पोर्टफोलियो निवेशकों (FPI) के लिए, पहले से उपलब्ध कराई जा चुकी किसी जानकारी में महत्वपूर्ण बदलावों (material changes) का खुलासा करने की समयसीमा में ढील दी है। SEBI (Securities and Exchange Board of India) ने 15 मार्च को अपने बोर्ड के साथ मीटिंग के बाद यह घोषणा की। जारी किए गए बयान में कहा गया कि FPI (Foreign Portfolio Investors) के लिए बिजनेस में आसानी के लिए, बोर्ड ने एफपीआई की ओर से अहम बदलावों का खुलासा किए जाने के लिए समयसीमा में छूट देने के प्रस्ताव को मंजूरी दे दी है।

वर्तमान में एफपीआई को अपने डीडीपी को, पहले प्रदान की गई जानकारी में महत्वपूर्ण बदलावों का खुलासा सात वर्किंग डेज के अंदर करना होता है। सेबी ने कहा है कि एफपीआई की ओर से ऐसे अहम बदलाव, जिन्हें नोटिफाई किया जाना जरूरी है, को दो कैटेगरीज में बांटा जाएगा- टाइप I और टाइप II। टाइप I के मैटेरियल चेंजेस के बारे में FPI को अपने डीडीपी को 7 वर्किंग डेज के अंदर सूचित करना होगा। लेकिन अब इसके लिए सपोर्टिंग डॉक्युमेंट्स उपलब्ध कराने के लिए, बदलाव होने से लेकर 30 दिन तक का वक्त होगा। टाइप II के मैटेरियल चेंजेस के बारे में FPI को अपने डीडीपी को सपोर्टिंग डॉक्युमेंट्स के साथ, बदलाव के 30 दिनों के अंदर बताना और जमा करना होगा।

कौन से हैं टाइप I मैटेरियल चेंजेस

टाइप I मैटेरियल चेंजेस वे बदलाव हैं, जिनके लिए एफपीआई को नए रजिस्ट्रेशन की जरूरत होती है या जो उन्हें उपलब्ध किसी विशेषाधिकार/छूट को प्रभावित करते हैं। इनमें क्षेत्राधिकार में बदलाव, अधिग्रहण या विलय या डिमर्जर या रिस्ट्रक्चरिंग या मालिकाना हक/नियंत्रण के कारण नाम में बदलाव, कानूनी रूप की रिस्ट्रक्चरिंग, रेगुलेटरी स्टेटस में बदलाव, एफपीआई का रिक्लासिफिकेशन आदि शामिल हैं। बाकी सभी मैटेरियल चेंजेस टाइप II में आते हैं।

सेबी को हर तरह के मैटेरियल चेंजेस के खुलासे के लिए ​पहले निर्धारित 7 दिन की समयसीमा से जुड़ी चुनौतियों को लेकर रिप्रेजेंटेशन मिले थे। मार्केट पार्टिसिपेंट्स ने कई कठिनाइयों को जिक्र किया था, विशेष रूप से बेनिफीशियल ओनर के बदलने के मामले में।

Zee Entertainment Enterprises से एक और इस्तीफा, टेक और डेटा हेड नितिन मित्तल ने कहा बाय

Source link

Most Popular

To Top