उद्योग/व्यापार

FirstCry: CEO के मासिक वेतन में FY24 की पहली तीन तिमाहियों में 49% की गिरावट, 16.7 करोड़ से घटकर हुआ 8.6 करोड़

फर्स्टक्राई के फाउंडर और चीफ एग्जीक्यूटिव ऑफिसर (CEO) सुपम माहेश्वरी की मंथली सैलरी FY24 की पहली तीन तिमाहियों में 49 फीसदी घटकर 8.6 करोड़ रुपये हो गई। एक साल पहले की समान अवधि में उनका मासिक वेतन 16.7 करोड़ रुपये था। FY24 की पहली तीन तिमाहियों में उनकी कुल सैलरी 77.5 करोड़ रुपये रही, जबकि पूरे FY23 में यह 200.7 करोड़ रुपये थी। मार्केट रेगुलेटर के पास दाखिल कंपनी के रिवाइज्ड ड्राफ्ट रेड हेरिंग प्रॉस्पेक्टस से यह जानकारी मिली है। वेतन से जुड़े इन आंकड़ों में में शॉर्ट टर्म एम्प्लॉयमेंट बेनिफिट, शेयर-बेस्ट पेमेंट शामिल हैं और ग्रेच्युटी, कंपनसेटेड अबसेंस और अन्य लॉन्ग टर्म एम्प्लॉयमेंट बेनिफिट शामिल नहीं हैं।

CEO ने बेचे 62 लाख शेयर

मनीकंट्रोल ने पहले बताया था कि माहेश्वरी ने दिसंबर में आईपीओ कागजात दाखिल करने से पहले 10 दिनों में कंपनी में 62 लाख शेयर बेचे थे। कंपनी ने इस हफ्ते फिर से अपना DRHP दाखिल किया है क्योंकि रेगुलेटर ने डॉक्यूमेंट्स में अतिरिक्त जानकारी प्रस्तुत करने की मांग की है।

फर्स्टक्राई के CEO ने खुद को पब्लिक इश्यू में बिक्री शेयरधारक के रूप में भी लिस्ट किया है। फर्स्टक्राई बॉस के पास ड्राफ्ट पेपर दाखिल करने से 10 दिन पहले तक कंपनी में 35,097,831 शेयर (7.46 फीसदी हिस्सेदारी) थे, जबकि आवेदन दाखिल करने की तारीख पर उनकी हिस्सेदारी घटकर 28,893,347 शेयर (5.95 फीसदी हिस्सेदारी) हो गई थी।

रिवाइज्ड आईपीओ कागजात से यह भी पता चलता है कि फर्स्टक्राई में केएमपी (प्रमुख प्रबंधकीय कर्मियों) के बीच दूसरे सबसे अधिक मुआवजे वाले को-फाउंडर और चीफ ऑफ स्टाफ संकेत हट्टीमट्टूर हैं, जिनका FY24 की पहली तीन तिमाहियों में कुल वेतन 8.3 करोड़ रुपये था, जबकि पिछले वित्तीय वर्ष में यह 18.5 करोड़ रुपये था। ग्रुप के चीफ फाइनेंशियल ऑफिसर गौतम शर्मा सैलरी लीडरबोर्ड में तीसरे स्थान पर हैं। वित्त वर्ष 24 की पहली तीन तिमाहियों में उनका कुल मुआवजा 1.6 करोड़ रुपये और वित्त वर्ष 23 में 4.8 करोड़ रुपये था।

अप्रैल-दिसंबर 2023 4,814 करोड़ का रेवेन्यू

नए ड्राफ्ट पेपर में कंपनी ने अपने दिसंबर तिमाही के नतीजों को भी शामिल किया है। कंपनी ने बताया कि वित्त वर्ष 2024 के पहले 9 महीनों (अप्रैल-दिसंबर 2023) में उसने 4,814 करोड़ रुपये का कंसॉलिडेटेड रेवेन्यू दर्ज किया। वहीं इस दौरान कंपनी 278 करोड़ रुपये के घाटे में रही। सेबी और फर्स्टक्राई के बीच एक महीने से अधिक समय तक लेटर्स का आदान-प्रदान जारी रहा। हालांकि अंत में SEBI ने कंपनी के ड्राफ्ट पेपर को वापस भेज दिया और पिछले सप्ताह उससे अधिक स्पष्टता की मांग की।

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