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Farmers Protest: ‘दिल्ली चलो’ मार्च में कूदा संयुक्त किसान मोर्चा, शुक्रवार को देशभर में ‘काला दिवस’ मनाने का ऐलान

Farmers Protest: संयुक्त किसान मोर्चा (SKM) भी अब किसानों के इस नए आंदोलन में कूद पड़ा है। SKM ने शुक्रवार को ही ये ऐलान किया है। ये वही संगठन है, जिसने तीन कृषि कानूनों के खिलाफ 2020-21 में किसानों आंदोलन का नेतृत्व किया था। हालांकि, अब तक ये संगठन ‘दिल्ली चलो’ मार्च का हिस्सा नहीं था। गुरुवार को SKM की राष्ट्रीय समन्वय समिति और आम सभा के बीच चंडीगढ़ में बैठक हुई। किसान संघ ने घोषणा की है कि वह शुक्रवार को ‘काला दिवस’ या ‘आक्रोश दिवस’ मनाया जाएगा।

न्यूज एजेंसी PTI ने किसान नेता अविक साहा के हवाले से कहा, “कल से हम अखिल भारतीय मेगा कार्यक्रम शुरू कर रहे हैं। पहला कार्यक्रम 23 फरवरी को काला दिवस या आक्रोश दिवस है। 26 फरवरी को पूरे देश में ‘ट्रैक्टर मार्च’ किया जाएगा, जहां हम सरकार से WTO छोड़ने के लिए कहेंगे। 14 मार्च को दिल्ली के रामलीला मैदान में अखिल भारतीय किसान मजदूर महापंचायत का आयोजन किया जाएगा। हमें उम्मीद है कि एक लाख से ज्यादा लोग इसमें शामिल होंगे।”

SKM ने केंद्र के अब निरस्त किए गए तीन कृषि कानूनों के खिलाफ 2020-21 में किसानों के विरोध प्रदर्शन का नेतृत्व किया था। हालांकि, यह वर्तमान में संयुक्त किसान मोर्चा (गैर-राजनीतिक) और किसान मजदूर मोर्चा (KMM) के नेतृत्व में चल रहे आंदोलन का हिस्सा नहीं था।

युवा किसान की मौत के बढ़ा मामला

SKM ने बुधवार को खनौरी सीमा पर मारे गए किसान 21 साल के शुभ करण सिंह की मौत पर हत्या का मामला दर्ज करने की मांग की है। किसान संघ ने मृतक किसान के परिवार को एक करोड़ मुआवजा देने की भी मांग की है।

बठिंडा जिले का रहने वाले शुभ करण सिंह ने खनौरी सीमा बिंदु पर हरियाणा पुलिस के साथ झड़प के बाद दम तोड़ दिया। यह घटना तब हुई थी, जब किसान राष्ट्रीय राजधानी की ओर अपने मार्च को आगे बढ़ने से रोकने के लिए हरियाणा के अधिकारियों की तरफ से लगाए गए बैरिकेड्स की ओर दौड़ पड़े।

SKM नेता बलबीर सिंह राजेवाल ने कहा कि खट्टर और विज के खिलाफ “हत्या” का मामला दर्ज किया जाना चाहिए और दोनों को इस्तीफा देना चाहिए।

संयुक्त समाज मोर्चा पार्टी के प्रमुख बलबीर सिंह राजेवाल ने कहा, “कल हम सरकार की तरफ से किसानों के साथ किए गए अन्याय के लिए ‘काला दिवस’ मनाएंगे। इसके अलावा, हमने (खनौरी में झड़प के दौरान) मारे गए किसान के लिए ₹1 करोड़ का मुआवजा और उसकी कर्ज माफी की भी मांग की है। हमने झड़प के लिए जिम्मेदार लोगों के खिलाफ जांच के लिए सुप्रीम कोर्ट के जज की अध्यक्षता में जांच की भी मांग की।”

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