Electoral Bonds Case: सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) ने सोमवार (18) को भारतीय स्टेट बैंक (SBI) को एक बार फिर फटकार लगाते हुए चुनावी बॉन्ड से संबंधित सभी डिटेल्स का खुलासा करने का निर्देश दिया है। सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि SBI से सभी डिटेल्स का खुलासा करने को कहा गया था और इसमें इलेक्टोरल बॉन्ड की संख्या भी शामिल थी। सुप्रीम कोर्ट का कहना है कि SBI को डिटेल्स का खुलासा करने में चयनात्मक नहीं होना चाहिए। शीर्ष अदालत ने कहा कि वे चाहते हैं कि SBI के पास इलेक्टोरल बॉन्ड से जुड़ी जो भी जानकारी है वे सारी जानकारी सार्वजनिक की जाए। अदालत ने गुरुवार (21 मार्च) शाम 5 बजे तक SBI को एक हलफनामा दाखिल करने को कहा है।
न्यूज एजेंसी ANI के मुताबिक, सुप्रीम कोर्ट ने सोमवार को सुनवाई के दौरान SBI को अपने जुलूस में इलेक्टोरल बॉन्ड के सभी विवरणों का खुलासा करने का निर्देश दिया है। जिसमें भुनाए गए बॉन्ड की अद्वितीय अल्फान्यूमेरिक संख्या और सीरियल नंबर, अगर इनमें से कोई भी शामिल हैं तो उन्हें जारी करने को कहा है।
सुप्रीम कोर्ट ने SBI चेयरमैन को गुरुवार शाम 5 बजे तक एक हलफनामा दाखिल करने का निर्देश दिया। हलफनामें के संबंध में कहा गया है कि SBI इलेक्टोरल बॉन्ड के सभी डिटेल्स का खुलासा करें जो उनके अधीन हैं, इसमें कोई विवरण छिपाया नहीं जाना चाहिए।
शीर्ष अदालत ने अपने फैसले में कहा कि एसबीआई चयनात्मक नहीं हो सकता है और उसे अपने पास मौजूद सभी “कल्पना योग्य” चुनावी बांड डिटेल्स का खुलासा करना होगा। सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि चुनाव आयोग SBI से जानकारी प्राप्त होने पर तुरंत अपनी वेबसाइट पर डिटेल्स अपलोड करेगा।
चीफ जस्टिस ऑफ इंडिया (CJI) डीवाई चंद्रचूड़ की अध्यक्षता वाली और जस्टिस संजीव खन्ना, बीआर गवई, जेबी पारदीवाला और मनोज मिश्रा की पीठ ने सुनवाई के दौरान मौखिक रूप से कहा, “हमने एसबीआई से बांड संख्या सहित सभी डिटेल्स का खुलासा करने के लिए कहा था।”
‘जो भी आपके पास है सब सार्वजनिक करें’
शीर्ष अदालत ने कहा कि वह चाहता है कि चुनावी बॉन्ड से संबंधित सभी जानकारी का खुलासा किया जाए जो एसबीआई के पास है। सुप्रीम कोर्ट ने आगे कहा कि वह एसबीआई से चुनावी बॉन्ड नंबरों का खुलासा करने और एक हलफनामा दायर करने के लिए कहेगा जिसमें कहा जाएगा कि उसने कोई जानकारी नहीं छिपाई है। एसबीआई की ओर से पेश वरिष्ठ वकील हरीश साल्वे ने शीर्ष अदालत से कहा कि अगर चुनावी बॉन्ड की संख्या बतानी होगी तो हम देंगे।
केंद्र की ओर से पेश सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने तर्क दिया कि अंतिम उद्देश्य काले धन पर अंकुश लगाना था और शीर्ष अदालत को पता होना चाहिए कि इस फैसले को अदालत के बाहर कैसे खेला जा रहा है।
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वकील प्रशांत भूषण ने पत्रकारों को बताया, “… SBI ने कहा कि हमारे पास सभी जरूरी नंबर और बॉन्ड से जुड़ी जानकारी है, हम वे डेटा आपको दे सकते हैं लेकिन हमने इस विषय में गलत समझ लिया था, हमें लगा की बॉन्ड के नंबर साझा नहीं करने हैं… इसपर कोर्ट ने कहा कि, हमने आपको कहा था कि आपके पास जो भी जानकारी है वे आप साझा करें… सुप्रीम कोर्ट ने गुरुवार की शाम तक एक हलफनामा दायर कर पूरी जानकारी साझा करने के आदेश दिए हैं।”