राजनीति

ED की बड़ी कार्रवाई, भूमि घोटाला मामले में हेमंत सोरेन गिरफ्तार, आज ही दिया है सीएम पद से इस्तीफा

कथित भूमि घोटाले के सिलसिले में प्रवर्तन निदेशालय द्वारा झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन को गिरफ्तार कर लिया गया है। हालांकि गिरफ्तारी से कुछ देर पहले ही हेमंत सोरेन ने मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा दे दिया था। जांच एजेंसी ने आज सोरेन से 8 घंटे से अधिक समय तक पूछताछ की। जांच एजेंसी के अनुसार, झारखंड में “माफिया द्वारा भूमि के स्वामित्व में अवैध परिवर्तन के एक बड़े रैकेट” की जांच के तहत सोरेन से पूछताछ की जा रही थी। 

निर्धारित पूछताछ से पहले, प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने झारखंड सरकार को पत्र लिखकर अतिरिक्त सुरक्षा की मांग की। जांच एजेंसी ने सोरेन से पूछताछ के दौरान संभावित कानून-व्यवस्था की समस्या की आशंका में यह मांग की। प्रवर्तन निदेशालय के अधिकारियों की एक टीम कथित भूमि घोटाले से जुड़े मनी लॉन्ड्रिंग मामले में पूछताछ के लिए बुधवार दोपहर मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन के आवास पर पहुंची थी। इस बीच, हेमंत सोरेन ने प्रवर्तन निदेशालय के अधिकारियों के खिलाफ पुलिस शिकायत दर्ज की है, जिसमें अनुसूचित जाति और अनुसूचित जनजाति (अत्याचार निवारण) अधिनियम के तहत कार्रवाई की मांग की गई है। 

ईडी की एक टीम ने सोमवार को सोरेन के दिल्ली आवास की तलाशी ली और झारखंड में एक कथित भूमि सौदे से जुड़े धनशोधन मामले में उनसे पूछताछ करने के लिए लगभग 13 घंटे तक वहां डेरा डाले रखा। एजेंसी ने तलाशी के दौरान 36 लाख रुपये नकद, एक एसयूवी और कुछ ‘आपत्तिजनक’ दस्तावेज जब्त करने का दावा किया है। 

हेमंत सोरेन से प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) की पूछताछ से पहले रांची के प्रमुख इलाकों में निषेधाज्ञा लागू कर दी गई है और राजधानी में कानून-व्यवस्था की स्थिति पर नजर रखने के लिए तीन सदस्यीय टीम का गठन किया गया है। मुख्यमंत्री कहां हैं, इस बारे में गहन राजनीतिक नाटक पर संशय खत्म करते हुए सोरेन मंगलवार को यहां अपने आधिकारिक आवास पहुंचे और अपने गठबंधन के विधायकों की बैठक की अध्यक्षता की थी। 

मामला क्या है?

एजेंसी के अनुसार, जांच झारखंड में माफिया द्वारा जमीन के स्वामित्व को अवैध रूप से बदलने के एक बड़े रैकेट से संबंधित है। मामला सेना के कब्जे वाली जमीन की खरीद-फरोख्त से जुड़ा है। फर्जी नाम-पते के आधार पर झारखंड में सेना की जमीन की खरीद-फरोख्त की गयी। इस संबंध में रांची नगर निगम ने प्राथमिकी दर्ज करायी थी। ईडी ने उसी एफआईआर के आधार पर एन्फोर्समेंट केस इंफॉर्मेशन रिपोर्ट (ईसीआईआर) दर्ज कर जांच शुरू की थी।

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