
प्रवर्तन निदेशालय।
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झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन के पूर्व प्रधान सचिव राजीव अरुण एक्का एक आईएएस अधिकारी पूजा सिंघल के खिलाफ मामलों से जुड़े मनी लॉन्ड्रिंग की जांच के सिलसिले में सोमवार को प्रवर्तन निदेशालय के सामने पेश हुए। एक्का, जो अब पंचायती राज विभाग के सचिव हैं, ने झारखंड विधानसभा के बजट सत्र के मद्देनजर इस महीने की शुरुआत में 24 मार्च के बाद केंद्रीय एजेंसी के सामने पेश होने का समय मांगा था। झारखंड का पिछला विधानसभा सत्र 23 मार्च को समाप्त हुआ था।
केंद्रीय एजेंसी के एक अधिकारी ने बताया कि मनरेगा योजना में कथित अनियमितताओं और पूजा सिंघल के खिलाफ मामलों से जुड़े मनी लॉन्ड्रिंग की जांच के सिलसिले में राजीव अरुण एक्का रांची में प्रवर्तन निदेशालय के अधिकारियों के सामने पेश हुए। मुख्यमंत्री के पूर्व प्रमुख सचिव एक्का पर आरोप है कि उन्होंने एक निजी स्थान पर आधिकारिक दस्तावेजों पर हस्ताक्षर किए थे। विपक्ष द्वारा उनके खिलाफ लगाए गए आरोपों के बाद उन्हें मुख्यमंत्री कार्यालय से हटा दिया गया था।
ईडी के अधिकारी ने कहा कि एजेंसी राज्य के खनन क्षेत्र में कथित अनियमितताओं में पूजा सिंघल की भूमिका की भी जांच कर रही है, जो मनरेगा घोटाले के साथ-साथ धन शोधन निवारण अधिनियम (पीएमएलए) के तहत दर्ज एक मामले का हिस्सा है। राज्य सरकार ने पहले एक्का के खिलाफ आरोपों की जांच के लिए झारखंड उच्च न्यायालय के पूर्व मुख्य न्यायाधीश विनोद कुमार गुप्ता की अध्यक्षता में एक सदस्यीय जांच आयोग का गठन किया था।
भाजपा नेता और पूर्व मुख्यमंत्री बाबूलाल मरांडी ने एक निजी स्थान पर आधिकारिक दस्तावेजों पर हस्ताक्षर करने के मद्देनजर इस महीने की शुरुआत में मुख्य सचिव सुखदेव सिंह को एक पत्र लिखा था और पुलिस भवन निर्माण निगम में एक इंजीनियर के अलावा मामले में सत्ता के एक दलाल की कथित संलिप्तता की गहन जांच की मांग की थी। मरांडी ने एक्का और विभागीय इंजीनियरों के खिलाफ भी कार्रवाई की मांग की थी।
2000 बैच की आईएएस अधिकारी और झारखंड के खनन विभाग की पूर्व सचिव पूजा सिंघल को ईडी ने पिछले साल 11 मई को मनरेगा योजना में कथित अनियमितताओं से जुड़े मनी लॉन्ड्रिंग के आरोप में गिरफ्तार किया था। एजेंसी ने कहा था कि उसने सिंघल और अन्य के खिलाफ मनी लॉन्ड्रिंग के मामलों की जांच के दौरान कथित अवैध खनन से जुड़ी 36 करोड़ रुपये से अधिक की बेहिसाब नकदी जब्त की थी।

