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Direct to Mobile Technology: DTH और केबल की हो जाएगी छुट्टी, बिना इंटरनेट और सिम के फोन पर चलाएं TV चैनल

Direct to Mobile Technology: DTH और केबल की हो जाएगी छुट्टी, बिना इंटरनेट और सिम के फोन पर चलाएं TV चैनल

Direct to Mobile Technology: मौजूदा समय में स्मार्टफोन पर लाइव टीवी और OTT प्लेटफॉर्म पर मनोरंजन करने के लिए इंटरनेट की जरूरत होती है। लेकिन अब आने वाले दिनों में आप इन सभी प्लेटफॉर्म पर बिना इंटरनेट और सिम के मजा ले सकेंगे। आप लाइव टीवी चैनल्स देख सकेंगे। इसके ले इंटरनेट या सिम की जरूरत नहीं पड़ेगी। दरअसल, केंद्र सरकार अब एक नई टेक्नोलॉजी पर काम कर रही है। जिसका नाम डायरेक्ट टू मोबाइल (Direct-To-Mobile Technology – D2M) है। दूरसंचार विभाग (DoT) की टेक्नोलॉजी वेंचर दूरसंचार इंजीनियरिंग केंद्र (TEC) इस पर काम कर रहे थे। इस पर अब फाइनल ड्रॉफ्ट केंद्र सरकार को सौंप दिया है।

यह टेक्नोलॉजी बिना किसी एक्टिव इंटरनेट कनेक्शन के स्मार्टफ़ोन पर मल्टीमीडिया कॉन्टेंट ट्रांसमिट करने में सक्षम है। D2M का उपयोग करके नेटवर्क बैंडविड्थ पर दबाव डाले बिना सीधे यूजर्स के मोबाइल फोन पर जानकारी पहुंचाई जा सकती है। देश के 19 शहरों में इस टेक्नोलॉजी का ट्रायल चल रहा है। इसे एक पायलट प्रोजेक्ट के तहत शुरू किया गया था।

जानिए क्या है D2M टेक्नोलॉजी?

भारत में स्मार्ट टीवी की डिमांड दिनों दिन तेजी से बढ़ रही है। स्मार्ट टीवी में इंटरनेट कनेक्शन के जरिए YouTube जैसे ऐप की मदद से वीडियो और पिक्चर देख सकते हैं। हालांकि टीवी चैनल को लाइव नहीं देखा जा सकता है। इसी समस्या को खत्म करने के लिए सरकार एक नई टेक्नोलॉजी पर काम कर रही है। जिसमें बिना किसी एक्सटर्नल एंटीना या फिर सेटअप बॉक्स के जरिए मोबाइल पर लाइव टीवी देखा जा सके। कहा जा रहा है कि इस टेक्नोलॉजी में सीधे मोबाइल फोन में एक एंटीना लगाया जाएगा। जिसके जरिए सीधे मोबाइल पर चैनल कैच करने लगेंगे। सरल शब्दों में कहें तो यह एक तरह से FM रेडियो की तरह काम करेगा। जहां रिसीवर एक डिवाइस के भीतर अलग-अलग रेडियो फ्रीक्वेंसी पर टैप कर सकता है।

क्यों है D2M टेक्नोलॉजी की जरूरत?

टीवी से स्मार्टफोन की ओर बढ़ते कंटेंट कंजप्शन के साथ भारत में इससे मोबाइल डेटा की खपत में इजाफा हुआ है। ऐसे में मोबाइल फोन पर डायरेक्ट ब्रॉडकास्टिंग कैपेबिलिटी लाने की जरूरत महसूस की जा रही है। इस टेक्नोलॉजी के जरिए वैल्यूबल स्पेक्ट्रम का ठीक तरह से इस्तेमाल किया जा सकेगा। जिससे सेलुलर नेटवर्क पर बोझ कम होगा। वहीं स्मार्टफोन की बढ़ती उपयोगिता की वजह से फेक न्यूज और वायरल कंटेंट बहुत तेजी से बढ़े हैं, जो सरकार के लिए किसी सिरदर्द से कम नहीं है। वहीं D2M टेक्नोलॉजी के आने से स्मार्टफोन यूजर्स की इंटरनेट पर निर्भरता खत्म हो जाएगी।

D2M टेक्नोलॉजी पर उठ रहे हैं सवाल

इस टेक्नोलीज को इस्तेमाल करने के लिए मोबाइल फोन के हार्डवेयर में बदलाव करना होगा। ताकि लाइव टीवी देखा जा सके। ऐसे में यह पुराने फोन पर लाइव टीवी नहीं चलेगी। इसके लिए नया फोन खरीदना होगा। इसीपर स्मार्टफोन बनाने वाली कंपनियां सवाल उठा रही हैं। उनका कहना है कि इस टेक्नोलॉजी को लागू करने के लिए जल्दबाजी नहीं करना चाहिए।

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