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dhruv jurel won player of the match award in his secound match india vs england 4th test ranchi | दूसरे ही टेस्ट में मिला प्लेयर ऑफ द मैच का अवार्ड, जीतकर चहकते हुए क्या बोले ध्रुव जुरेल

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दूसरे ही टेस्ट में मिला प्लेयर ऑफ द मैच का अवार्ड, जीतकर चहकते हुए क्या बोले ध्रुव जुरेल

Dhruv Jurel Player of the Match : ध्रुव जुरेल। यूपी का ये करीब 23 साल का खिलाड़ी पिछले ​कुछ दिनों में भारतीय क्रिकेट का बड़ा सितारा बन गया है। हालांकि अभी तक वे 2 ही मैच खेल पाए हैं, लेकिन अपने बल्लेबाजी कौशल और टेंपरामेंट से सभी को प्रभावित किया है। ये ध्रुव जुरेल ही थे, जिन्होंने एक फंसे हुए मैच से न केवल भारतीय टीम को बाहर निकाला, बल्कि जीत दिलाने त​क क्रीज पर टिके रहे। भले ही उनके बल्ले से शतक न आया हो, लेकिन वे ​इसके बाद भी प्लेयर ऑफ द मैच का अवार्ड जीतने में कामयाब रहे। पहली बार जब इंटरनेशनल क्रिकेट में उन्हें ये अवार्ड मिला तो ध्रुव ने क्या, चलिए जरा जानते हैं। 

पहले दो टेस्ट के बाद टीम में आए ध्रुव 

भारत और इंग्लैंड के बीच 5 मैचों की सीरीज के पहले दो मैचों के लिए जब भारतीय टीम का ऐलान किया गया तो उसमें ध्रुव जुरेल दूर दूर तक नहीं थे। बीसीसीआई की सेलेक्शन कमेटी ने केएस भारत को चुना था। लेकिन केएस भरत मौका चूक गए। हैदराबाद के बाद जब वे विशाखापट्टम में अपने घर पर खेलने के लिए उतरे तो उसमें भी वे नहीं कर पाए। इसके बाद समझ आ गया था कि केएस भरत के बाद दूसरे विकल्प के बारे में विचार किया जा सकता है। हुआ भी यही। तीसरे टेस्ट में जब टीम राजकोट में उतरी तो कप्तान रोहित शर्मा ने साफ कर दिया कि केएल भरत की जगह ध्रुव जुरैल खेल रहे हैं। इसके बाद ध्रुव के प्रथम श्रेणी मैचों के आंकड़े खंगाले जाने लगे, जो काफी शानदार हैं। 

डेब्यू टेस्ट में खेली थी 46 रनों की अच्छी पारी 

ध्रुव जुरेल ने राजकोट में अपनी डेब्यू पारी के दौरान 46 रन की बेहतरीन पारी खेली। वे अपना अर्धशतक भले पूरा न कर पाए हों, लेकिन इसके बाद भी प्रभावित तो उन्होंने किया ही। साथ ही विकेट के पीछे भी उन्होंने बेहतरीन काम किया। इसके बाद जब वे अपने दूसरे और सीरीज के चौथे मैच में रांची में खेलने के लिए उतरे तो पहली ही पारी मे 90 रनों की शानदार पारी खेली। इस बार उनका अर्धशतक पूरा हुआ, लेकिन वे शतक से चूक गए। उनकी वाहवाही त​ब और हुई, जब रांची टेस्ट में उन्होंने भारत को एक फंसे हुए मैच में जीत दिला दी। भारतीय टीम को इस टेस्ट की चौथी पारी में 192 रनों का टागरेट मिला था। रोहित शर्मा और यशस्वी जायसवाल के अलावा रजत पाटीदार भी आउट हो गए। इसके बाद संकट तब सामने आया, जब रवींद्र जडेजा के बाद सरफराज खान भी 120 के स्कोर पर आउट हो गए। उस वक्त लक्ष्य दूर था और भारत के 5 विकेट ​गिर चुके थे। लेकिन शुभमन गिल के साथ मोर्चा संभाला ध्रुव जुरेल ने। पहले एक एक रन लेकर उन्होंने टीम को संकट से बाहर निकाला और इसके बाद जब लगा कि वे जीत की दहलीज तक पहुंच चुके हैं तो उनके बल्ले से तेजी से रन निकले। 

प्लेयर ऑफ द मैच का अवार्ड जीतने के बाद क्या बोले ध्रुव 

अपने दो टेस्ट मैचों के छोटे से टेस्ट करियर के दूसरे ही मैच में उन्होंने प्लेयर ऑफ द मैच का अवार्ड जीत लिया है। जबकि इस पारी में उन्होंने एक अर्धशतक ही लगाया है। इससे पहला चलता है कि उनकी ये पारियां कितनी खास थीं। मैच का सर्वश्रेष्ठ खिलाड़ी बनने के बाद ध्रुव जुरेल ने कहा कि वह हालात की मांग के अनुसार खेलते हैं। पहली पारी में भी टीम को रन बनाने की जरूरत थी, हम जानते थे कि हमें आखिर में बल्लेबाजी करनी है और इसलिए हर रन अहम होगा। वह कुछ साझेदारियों में शामिल थे, इसलिए इसका श्रेय उन सभी को जाता है जो टिके रहे और रन जोड़े। ध्रुव ने कहा कि उन्होंने बस गेंद देखी और फिर उस पर प्रतिक्रिया की, बहुत आगे के बारे में नहीं सोचा। शुभमन गिल से पारी के बीच में बातचीत को लेकर उन्होने कहा कि ये अच्छी रही। 

पहले दो टेस्ट में ध्रुव के आंकड़े 

ध्रुव की रांची टेस्ट की दोनों पारियों की बात करें तो पहली पारी में उन्होंने 149 बॉल पर 90 रनों की बेशकीमती पारी खेली, जिसमें 6 चौकों के साथ साथ 4 आसमानी छक्के भी शामिल रहे। वहीं बात अगर दूसरी पारी की बात करें तो उन्होंने 77 बॉल पर 39 रन बनाए। जहां उनके बल्ले से 2 चौके आए। इस छोटी सी पारी के दौरान ही उन्होंने सभी का दिल जीत लिया और मैच के सर्वश्रेष्ठ खिलाड़ी बन गए। 

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