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Delhi News: विशेष सचिव राजशेखर को फिर से चार्ज सौंपने के आदेश को मंत्री ने फिर पलटा – aap govt rejects order to reinstate vigilance officer yvvj rajasekhar asserts its minister is competent authority

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विशेष संवाददाता, नई दिल्लीः विजिलेंस विभाग के विशेष सचिव (Special Secretary Vigilance) वाई.वी. राजशेखर (YVVJ Rajasekhar) को दोबारा विभाग का चार्ज सौंपने के संबंध में सोमवार को जारी हुए आदेश की वैधता पर ही सवाल खड़े हो गए हैं। सर्विसेज और विजिलेंस विभाग के मंत्री सौरभ भारद्वाज (Saurabh Bhardwaj) ने मंगलवार को एक नया आदेश जारी करके सोमवार को जारी हुए आदेश को फिर से पलट दिया और राजशेखर से चार्ज वापस लेने का निर्देश दिया। सोमवार के आदेश को पूरी तरह अवैध बताते हुए सौरभ ने इस मामले की अलग से जांच के आदेश भी दिए हैं कि उनकी अनुमति के बिना वह आदेश कैसे जारी हुआ।वाईवीवीजे राजशेखर वापस लौटे, दिल्ली में आखिर इस IAS अधिकारी को लेकर क्यों मचा था बवाल
सौरभ भारद्वाज ने अपने नए आदेश में कहा है कि केंद्र सरकार द्वारा जारी किए गए अध्यादेश में केवल अधिकारियों की ट्रांसफर-पोस्टिंग के लिए अथॉरिटी गठित करने की बात कही गई है। वर्क एलोकेशन यानी किस अधिकारी को कौन से विभाग का जिम्मा सौंपा जाएगा, इसका अधिकार अभी भी चुनी हुई सरकार के पास ही है। अपने इसी अधिकार का इस्तेमाल करते हुए उन्होंने मंगलवार को ऑफिस मेमो के जरिए इस संबंध में नए निर्देश जारी किए। इसमें उन्होंने कहा उनकी मंजूरी लिए बिना उनके नाम पर सोमवार को अनधिकृत तरीके से आदेश जारी किया गया था, इसलिए वह आदेश पूरी तरह से अवैध और गैरकानूनी है।

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नए आदेश में उन्होंने एक बार फिर राजशेखर से सभी काम वापस लेने के लिए कहा है। चूंकि राजशेखर के पास सर्विसेज विभाग का भी जिम्मा था, इसे देखते हुए आदेश में कहा गया है कि सर्विसेज विभाग का काम स्पेशल सेक्रेटरी किनी सिंह देखेंगी और वो सीधे सेक्रेटरी सर्विसेज को रिपोर्ट करेंगी। राजशेखर से कहा गया है कि वह सर्विसेज विभाग की सभी फाइलें किनी सिंह के सुपुर्द करें। विजिलेंस विभाग का काम असिस्टेंट डायरेक्टरों को सौंपने के लिए कहा गया है, जो सीधे विभाग के सेक्रेटरी को रिपोर्ट करेंगे। विजिलेंस विभाग की फाइलें भी सचिव को सौंपने के लिए कहा गया है।

उधर, राजशेखर ने सौरभ के नए आदेश के संबंध में अनभिज्ञता जताते हुए कहा है कि उन्होंने ऐसा कोई अभी आदेश नहीं देखा है और ना ही उन्हें अभी तक ऐसा कोई निर्देश मिला है। उन्होंने कहा कि यह मामला अभी विचाराधीन है और वह केवल अपने काम पर फोकस करना चाहते हैं।

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