Delhi Metro Phase 4: दिल्ली मेट्रो रेल कॉर्पोरेशन (Delhi Metro Rail Corporation – DMRC) ने मेट्रो के चौथे चरण (फेज 4) में एक अहम बदलाव किया है। इस चरण के तहत तुगलकाबाद से दिल्ली एयरोसिटी कॉरिडोर के रंग में एक महत्वपूर्ण बदलाव का ऐलान किया है। इसे गोल्डन लाइन 10 के नाम से जाना जाएगा। पहले इसे सिल्वर लाइन के रूप में जाना जाता था। गोल्डन लाइन कुल 64.67 किमी की है। यह फैसला विजिबिलिटी संबंधी समस्या के बाद लिया गया है। मेट्रो कोचों पर सिल्वर कलर है, जो कि साफतौर पर नहीं दिखाई देता है।
गोल्डन लाइन कॉरिडोर में कुल 15 स्टेशन होंगे। इससे पूरे क्षेत्र में बेहतर कनेक्टिविटी मिलेगी। इस कॉरिडोर पर तेजी से काम चल रहा है। इसके साल 2025 तक पूरा होने की उम्मीद जताई जा रही है।
एल्सटॉम कंपनी बनाएगी ट्रेनें
दिल्ली मेट्रो के फेज-चार में दौड़ने वाली ट्रेनों का निर्माण कार्य शुरू हो गया है। इसके लिए एल्सटॉम (Alstom) कंपनी 52 ट्रेनें तैयार करेगी। हर ट्रेन छह कोच की होगी। नवंबर 2022 में दिल्ली मेट्रो रेल कॉरपोरेशन (डीएमआरसी) ने आर्डर दिया था। मेक इन इंडिया के तहत आंध्रप्रदेश के श्रीसीटी में ट्रेनें का निर्माण काम शुरू है। नई ट्रेनें आधुनिक सुविधाओं से लैस होंगी। इन ट्रेनों को ऐसे बनाया जा रहा है कि 95 किमी प्रति घंटे की रफ्तार से चल सकें। ट्रेनों के अंदर के दरवाजों के पोल में केसरिया, सफेद और हरे रंग का मिश्रण होगा। गोल्डन लाइन के अलावा फेज-4 में दो अन्य कॉरिडोर बनाए जा रहे हैं। इनमें जनकपुरी पश्चिम से आरके आश्रम तक मजेंटा लाइन का विस्तार और मजलिस पार्क से मौजपुर तक पिंक लाइन का विस्तार किया जा रहा है।
दिल्ली मेट्रो हर कॉरिडोर की अलग रंग से पहचान
बता दें कि दिल्ली मेट्रो के हर कॉरिडोर की पहचान एक अलग रंग से होती है। जैसे येलो लाइन समयपुर बादली से गुड़गांव तक चलती है। ब्लू लाइन वैशाली से द्वारका को जोड़ती है। रेड लाइन नया बस अड्डा से रिठाला तक चलती है।