पर्यावरण

COP28 में, स्वास्थ्य पर जलवायु संकट के प्रभावों और डिजिटल जलवायु कार्रवाई बढ़ाने पर चर्चा

संयुक्त राष्ट्र जलवायु सम्मेलन में, प्रथम ‘स्वास्थ्य दिवस’ से पहले, प्रतिनिधियों ने जलवायु और स्वास्थ्य पर एक नए घोषणा-पत्र पर हस्ताक्षर किए हैं, और जलवायु कार्रवाई में डिजिटल प्रौद्योगिकी की भूमिका पर अलग से विचार किया गया.

संयुक्त राष्ट्र विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) ने नए घोषणा-पत्र का स्वागत किया, जिसका उद्देश्य लोगों को बढ़ते जलवायु प्रभावों से बचाने के लिए, कार्यों में तेज़ी लाने में मदद करना है. इनमें उत्सर्जन को कम करने के लिए सहयोग को मज़बूत करना और जलवायु व स्वास्थ्य समाधानों के लिए वित्त बढ़ाना शामिल है.

यूएन स्वास्थ्य एजेंसी के महानिदेशक डॉक्टर टैड्रॉस ऐडहेनॉम घेब्रेयेसस ने, दुबई के प्रतिष्ठित ऐक्सपो सिटी के एक सभागार में एकत्रित प्रतिनिधियों से कहा, “जलवायु संकट एक स्वास्थ्य संकट है, लेकिन स्वास्थ्य का मुद्दा, बहुत लम्बे समय सेजलवायु चर्चाओं में हाशिये पर रहा है.”

विश्व स्वास्थ्य संगठन के अनुसार, जलवायु संकट चरम मौसम को जन्म देता है जो दुनिया भर में लोगों की जान ले रहा है. इसके अलावा, जो उत्सर्जन जो हमारे ग्रह को गर्म कर रहे हैं, वही उस हवा को भी ज़हरीला बना रहे हैं जिसमें हम साँस लेते हैं.

डब्ल्यूएचओ का अनुमान है कि वायु प्रदूषण से हर साल दुनिया भर में लगभग 70 लाख लोगों की मौत हो जाती है, जबकि हर साल लाखों लोग, चरम मौसम सम्बन्धी घटनाओं की चपेट में आते हैं.

जलवायु परिवर्तन के स्वास्थ्य प्रभावों को कम करने के लिए, पूरे समाज में कार्रवाई की आवश्यकता है, जिसमें अगले सात वर्षों में, उत्सर्जनों में कम से कम 43 प्रतिशत की कमी लाने के लिए, ऊर्जा प्रणालियों में से, कार्बन डाई ऑक्साइड की मात्रा कम करने के क़दम भी शामिल हैं.

डॉक्टर टैड्रॉस ने कहा, “डब्ल्यूएचओ, COP28 की अध्यक्षता के दौरान, स्वास्थ्य को एक प्रमुख प्राथमिकता बनाने के लिए, संयुक्त अरब अमीरात को धन्यवाद देता है, और इस घोषणा का स्वागत करता है, जो ग्रह व लोगों दोनों के स्वास्थ्य की रक्षा के लिए, जलवायु-सहनशील व कम कार्बन वाली स्वास्थ्य प्रणालियों के निर्माण की आवश्यकता पर ज़ोर देता है.”

‘स्वास्थ्य दिवस’ से पहले घोषणा

शनिवार को 123 देशों द्वारा हस्ताक्षरित, ‘जलवायु और स्वास्थ्य पर COP28 यूएई घोषणा-पत्र’ में सरकारों को, समुदायों की रक्षा करने और अत्यधिक गर्मी, वायु प्रदूषण और संक्रामक रोगों जैसे जलवायु-संबंधी स्वास्थ्य प्रभावों से निपटने के लिए, स्वास्थ्य देखभाल प्रणाली तैयार करने की आवश्यकता को स्वीकार किया गया है.

COP28 की अध्यक्षता कार्यालय के अनुसार, इस घोषणा-पत्र को मलावी, ब्रिटेन, संयुक्त राज्य अमेरिका, नैदरलैंड, केनया, फिजी, भारत, मिस्र, सिएरा लियोन और जर्मनी सहित अनेक ‘चैम्पियन देशों’ के समर्थन से विकसित किया गया है.

संयुक्त अरब अमीरात के उद्योग और उन्नत प्रौद्योगिकी मंत्री व COP28 के अध्यक्ष डॉक्टर सुल्तान बिन अहमद अल जाबेर ने कहा किसरकारों ने अब स्वास्थ्य को, जलवायु कार्रवाई के एक महत्वपूर्ण तत्व के रूप में सही रूप से मान्यता दी है.

उन्होंने कहा, “जलवायु परिवर्तन के प्रभाव पहले से ही हमारे दरवाज़े पर हैं. वे 21वीं सदी में मानव स्वास्थ्य के लिए सबसे बड़े ख़तरों में से एक बन गए हैं. “

घोषणा-पत्र में जलवायु और स्वास्थ्य के सम्बन्ध में, अनेक कार्य क्षेत्र शामिल हैं:

अधिक जलवायु-सहनशील स्वास्थ्य प्रणालियों का निर्माण;

उत्सर्जन को कम करने के लिए अन्तर-क्षेत्रीय सहयोग को मजबूत करना;

जलवायु कार्रवाई के स्वास्थ्य लाभों को अधिकतम करना; और

जलवायु और स्वास्थ्य समाधानों के लिए वित्त बढ़ाना.

डिजिटल जलवायु कार्रवाई

COP28 में, ‘विश्व जलवायु कार्रवाई शिखर सम्मेलन’ के दूसरे और अन्तिम दिन शनिवार को, अन्तरराष्ट्रीय दूरसंचार संघ (ITU) ने ‘ग्रीन डिजिटल एक्शन’ पर एक कार्यक्रम भी आयोजित किया गया, जिसमें जलवायु कार्रवाई में सबसे अग्रिम पंक्ति में, डिजिटल प्रौद्योगिकियों की भूमिका पर प्रकाश डाला गया.

सूचना और संचार प्रौद्योगिकी (आईसीटी) प्रौद्योगिकियाँ, जलवायु निगरानी, जलवायु परिवर्तन के प्रति लचीलापन बनाने और प्रारम्भिक चेतावनी प्रणाली तैनात करने में सहायक हैं.

वे ऊर्जा दक्षता को बढ़ावा देने, हरित नैटवर्क बनाने और हरित अर्थव्यवस्था की ओर परिवर्तन में सहायता करने सहित, शमन प्रयासों में भी महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकते हैं.

हालाँकि, डेटा व उपकरणों का उपयोग करने में आ रही तेज़ी से, दुनिया भर में इस क्षेत्र की ऊर्जा खपत, उत्सर्जन, सामग्री का उपयोग और ई-कचरा बढ़ जाता है.

आईटीयू महासचिव डोरीन बोगडान-मार्टिन ने, संयुक्त राष्ट्र जलवायु परिवर्तन के वैश्विक नवाचार हब में एकत्रित प्रतिनिधियों से कहा, “हरित डिजिटल कार्रवाई सही दिशा में एक क़दम है, लेकिन हम सभी को और अधिक प्रयास करना होगा. अभी, एक साथ मिलकर.”

आईटीयू के अनुसार, कॉप28 सम्मेलन, डिजिटल जलवायु कार्रवाई के मूल्य को प्रदर्शित करने के साथ-साथ, आईसीटी क्षेत्र के पदचिह्नों को कम करने की महत्वाकांक्षा बढ़ाने का एक अवसर है, जो तापमान वृद्धि को 1.5 डिग्री सैल्सियस तक सीमित करने में योगदान करेगा.

आईटीयू प्रमुख ने कहा, “हमें एक ऐसा भविष्य बनाना है जहाँ डिजिटल तकनीक और जलवायु कार्रवाई साथ-साथ चलें. यह भविष्य सम्भव है. यह हमारा एकमात्र विकल्प है.”

हरित डिजिटल कार्रवाई ट्रैक के उच्च-स्तरीय उदघाटन के बाद, अब अगले कई दिनों के दौरान, पर्यावरणीय समाधानों के लिए प्रौद्योगिकी की क्षमता पर प्रकाश डाला जाएगा.

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