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CM Mohan Yadav ने उज्जैन महाकाल से संबंधित वर्षों पुराने मिथक को तोड़ा, बीता दी यहां रात

Mohan Yadav

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मध्य प्रदेश के उज्जैन शहर को लेकर एक में तक कई वर्षों से चला रहा है जिसमें कहा जाता है कि कोई भी राजा उज्जैन में रात को नहीं रुक सकता। इस कारण देश का कोई भी नेता कभी भी उज्जैन में रात नहीं बिता सका है।

मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री डॉ मोहन यादव ने मुख्यमंत्री का पद ग्रहण करने के बाद पहली बार उज्जैन स्थित अपने निवास पर रात्रि विश्राम किया है। डॉ मोहन यादव का यह रात्रि विश्राम चर्चा का विषय बन गया है। क्योंकि उन्होंने एक वर्षों पुरानी परंपरा या मिथक को तोड़ दिया है जिस कारण वह चर्चा में आ गए हैं। 

दरअसल मध्य प्रदेश के उज्जैन शहर को लेकर एक मिथक है जो बीते कई वर्षों से चला रहा है जिसमें कहा जाता है कि कोई भी राजा उज्जैन में रात को नहीं रुक सकता। इस कारण देश का कोई भी नेता कभी भी उज्जैन में रात नहीं बीता सका है। इस मिथक के पीछे कारण बताया जाता है कि उज्जैन के राजा महाकाल है, और एक शहर में दो राजा एक साथ एक रात विश्राम नहीं कर सकते। वहीं अपने रात्रि विश्राम को लेकर मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री डॉ मोहन यादव ने कहा कि मैं भगवान महाकाल का बेटा हूं और मैं यहां रुक सकता हूं। उज्जैन में रात बिताकर उन्होंने वर्षों पुराने मिथक को तोड़ दिया है। 

बता दें कि वर्षों पुराने इस मित्र के पीछे कुछ कारण बताए जाते हैं इसका खुलासा खुद मुख्यमंत्री मोहन यादव ने किया है। उन्होंने इस कहानी से जुड़ा एक वाक्या साझा करते हुए बताया कि सिंधिया महाराज को एक रणनीति के तहत अपनी राजधानी को ग्वालियर ले जाना था। हालांकि इस दौरान किसी तरह का आक्रमण ना हो और आक्रमण से बचने के लिए उन्होंने इस मिथक को गढ़ा था। उन्होंने कहा कि भगवान महाकाल तो सिर्फ उज्जैन नहीं बल्कि पूरे ब्रह्मांड के राजा है। उन्होंने कहा कि अगर उन्हें नुकसान करना होगा तो तो वह कहीं भी कर सकते हैं। उन्हें उज्जैन में व्यक्ति के रुकने की आवश्यकता नहीं है। उन्होंने यह भी कहा कि महाकाल सिर्फ उज्जैन नहीं बल्कि पूरे ब्रह्मांड के राजा है, और वो यही चाहते थे कि वर्षों पुराने इस मिथक को मैं तोडू इसीलिए उन्होंने मुझे मुख्यमंत्री भी बनाया।

ये है मिथक
उन्होंने कहा कि यह हमारे लिए सौभाग्य की बात है। दौलत राव जी के समय में 1852 में राजधानी यहां से गई तो नए समीकरण बनाए गए ताकि हमलों से रक्षा हो सके, इसलिए ये मिथक भी गढ़ा गया कि राजा रात में उज्जैन में नहीं रहेगा। जो राजा रात में उज्जैन में रुकता है उसका सब कुछ नष्ट हो जाएगा। उन्होंने कहा कि सिंधिया की रणनीति को जनता ने सच मान लिया। उन्होंने कहा कि हमारे बाबा तो महाकाल हैं और हम उनके बेटे है, तो हम बच्चे उनके यहां रात में रुक सकते है। बाबा तो जन्म और आशीर्वाद देते है। 

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