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CAA implementation: सीएए का वेब पोर्टल और मोबाइल ऐप लॉन्च, इन 3 देशों से आए गैर मुस्लिमों को मिलेगी नागरिकता

CAA implementation: नागरिकता संशोधन अधिनियम (CAA) के नियमों की अधिसूचना जारी होने के एक दिन बाद केंद्रीय गृह मंत्रालय ने मंगलवार (12 मार्च) को कानून के तहत भारतीय नागरिकता के लिए अप्लाई करने की प्रक्रिया को सुविधाजनक बनाने के लिए एक वेब पोर्टल (http://indiancitizenshiponline.nic.in) लॉन्च किया। गृह मंत्रालय मोबाइल फोन के माध्यम से भी इस प्रोसेस को पूरा करने के लिए जल्द ही ‘CAA-2019’ नाम से एक मोबाइल एप्लिकेशन भी लॉन्च करेगा। पाकिस्तान, बांग्लादेश और अफगानिस्तान के 6 अल्पसंख्यक अब भारतीय नागरिकता के लिए पोर्टल के माध्यम से अप्लाई कर सकेंगे।

गृह मंत्रालय के एक अधिकारी ने कहा कि नागरिकता संशोधन अधिनियम (CAA)-2019 के तहत नागरिकता का आवेदन करने वालों के लिए सरकार पोर्टल के अलावा मोबाइल ऐप ‘सीएए-2019’ भी शुरू करेगी। सीएए के लिए ऑनलाइन पोर्टल आवेदकों को एक लॉगिन बनाने और फिर अपने आवेदन जमा करने की अनुमति देता है।

लोकसभा चुनाव से पहले CAA लागू

केंद्र सरकार ने लोकसभा चुनाव से ठीक पहले सोमवार (11 मार्च) को नागरिकता संशोधन अधिनियम (CAA)-2019 को लागू करने की घोषणा की। विवादास्पद कानून को पारित किए जाने के चार साल बाद केंद्र के इस कदम के कारण पाकिस्तान, बांग्लादेश और अफगानिस्तान से 31 दिसंबर, 2014 से पहले भारत आने वाले गैर-मुस्लिम प्रवासियों को नागरिकता प्रदान करने का रास्ता साफ हो गया है।

3 पड़ोसी देशों के नागरिकों को मिलेगी नागरिकता

लोकसभा चुनाव के कार्यक्रम की संभावित घोषणा के पहले ही CAA से जुड़े नियमों को अधिसूचित कर दिया गया। सीएए के नियम जारी हो जाने के साथ ही अब प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की सरकार इन तीन देशों के प्रताड़ित गैर-मुस्लिम प्रवासियों (हिंदू, सिख, जैन, बौद्ध, पारसी और ईसाई) को भारतीय नागरिकता देना शुरू कर देगी।

केंद्रीय मंत्री अमित शाह ने कहा कि प्रधानमंत्री मोदी ने एक और प्रतिबद्धता पूरी की है और संविधान निर्माताओं के वादे को साकार किया है। CAA को दिसंबर, 2019 में संसद में पारित किया गया था और बाद में इसे राष्ट्रपति की मंजूरी भी मिल गई थी। लेकिन इसके खिलाफ देश के कई हिस्सों में विरोध प्रदर्शन शुरू हो गए थे।

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यह कानून अब तक लागू नहीं हो सका था, क्योंकि इसके कार्यान्वयन के लिए नियमों को अब तक अधिसूचित किया जाना बाकी था। ये नियम अब पाकिस्तान, बांग्लादेश और अफगानिस्तान में धार्मिक आधार पर प्रताड़ित अल्पसंख्यकों को हमारे देश में नागरिकता प्राप्त करने में सक्षम बनाएंगे।

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