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CAA की टाइमिंग पर कांग्रेस ने उठाए सवाल, BJP बोली- ‘जो कहा सो किया’, केरल और बंगाल ने दिखाए तेवर

CAA implemented: लोकसभा चुनाव से ठीक पहले विवादास्पद नागरिकता संशोधन अधिनियम (CAA) कानून देश भर में लागू हो गया है। CAA 2019 को लागू करने से जुड़े नियमों को सोमवार (11 मार्च) को अधिसूचित कर दिया गया जिससे पाकिस्तान, बांग्लादेश और अफगानिस्तान से दस्तावेज के बिना भारत आने वाले गैर-मुस्लिम प्रवासियों को नागरिकता देने का मार्ग प्रशस्त हो गया है। इसके तहत 31 दिसंबर 2014 से पहले तीन पड़ोसी देश पाकिस्तान, बांग्लादेश और अफगानिस्तान से भारत में आने वाले 6 धार्मिक अल्पसंख्यकों (हिंदू, सिख, बौद्ध, जैन, पारसी और ईसाई) को नागरिकता दी जाएगी।

किस पार्टी ने क्या कहा?

कांग्रेस ने CAA को लागू करने से जुड़े नियमों को अधिसूचित किए जाने के बाद सोमवार को आरोप लगाया कि लोकसभा चुनाव से पहले देश और खासकर पश्चिम बंगाल एवं असम में ध्रुवीकरण का प्रयास किया गया है। पार्टी महासचिव जयराम रमेश ने यह दावा भी किया कि चुनावी बॉण्ड पर सुप्रीम कोर्ट की फटकार के बाद सरकार ने ‘हेडलाइन मैनेज करने’ की कोशिश भी की है। उन्होंने आरोप लगाया कि CAA के नियमों की अधिसूचना के लिए 9 बार समयसीमा बढ़ाने की मांग के बाद इसकी घोषणा करने के लिए जानबूझकर लोकसभा चुनाव से ठीक पहले का समय चुना गया है।

उन्होंने X पर एक पोस्ट में लिखा, “दिसंबर 2019 में संसद द्वारा पारित नागरिकता संशोधन अधिनियम के नियमों को अधिसूचित करने में मोदी सरकार को चार साल और तीन महीने लग गए। प्रधानमंत्री दावा करते हैं कि उनकी सरकार बिल्कुल प्रोफेशनल ढंग से और समयबद्ध तरीके से काम करती है। सीएए के नियमों को अधिसूचित करने में लिया गया इतना समय प्रधानमंत्री के सफेद झूठ की एक और झलक है।”

जयराम रमेश ने अपने पोस्ट में आगे लिखा, “नियमों की अधिसूचना के लिए 9 बार एक्सटेंशन मांगने के बाद घोषणा करने के लिए जानबूझकर लोकसभा चुनाव से ठीक पहले का समय चुना गया है। ऐसा स्पष्ट रूप से चुनाव को ध्रुवीकृत करने के लिए किया गया है, विशेष रूप से असम और बंगाल में। यह इलेक्टोरल बांड घोटाले पर सुप्रीम कोर्ट की कड़ी फटकार और सख़्ती के बाद हेडलाइन को मैनेज करने का प्रयास भी प्रतीत होता है।”

BJP बोली- ‘जो कहा सो किया’

केंद्र में 10 साल से सत्तारूढ़ भारतीय जनता पार्टी के आधिकारिक X हैंडल से एक पोस्ट में लिखा गया, “जो कहा सो किया…मोदी सरकार ने नागरिकता संशोधन कानून (CAA) की अधिसूचना जारी कर पूरी की अपनी गारंटी।”

केरल और बंगाल का लागू करने से इनकार

केरल के मुख्यमंत्री पिनराई विजयन ने CAA को साम्प्रदायिक विभाजन करने वाला कानून बताया और कहा कि इसे राज्य में लागू नहीं किया जाएगा। वहीं, पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने सोमवार को कहा कि अगर नागरिकता संशोधन अधिनियम लोगों के समूहों के साथ भेदभाव करता है, तो वह इसका विरोध करेंगी। CAA और NRC को पश्चिम बंगाल और पूर्वोत्तर के लिए संवेदनशील करार देते हुए बनर्जी ने कहा कि वह लोकसभा चुनाव से पहले अशांति नहीं चाहती हैं।

केंद्र पर भड़के अखिलेश

समाजवादी पार्टी (SP) के प्रमुख और यूपी के पूर्व सीएम अखिलेश यादव ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म X पर एक पोस्ट में लिखा, “जब देश के नागरिक रोज़ी-रोटी के लिए बाहर जाने पर मजबूर हैं तो दूसरों के लिए ‘नागरिकता कानून’ लाने से क्या होगा? जनता अब भटकावे की राजनीति का भाजपाई खेल समझ चुकी है। बीजेपी सरकार ये बताए कि उनके 10 सालों के राज में लाखों नागरिक देश की नागरिकता छोड़कर क्यों चले गए। चाहे कुछ हो जाए कल ‘इलेक्टोरल बांड’ का हिसाब तो देना ही पड़ेगा और फिर ‘केयर फंड’ का भी।””

CM योगी ने किया स्वागत

उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने X पर एक पोस्ट में कहा, पीड़ित मानवता के कल्याणार्थ नागरिकता (संशोधन) अधिनियम लागू करने का निर्णय ऐतिहासिक है। इससे पाकिस्तान, बांग्लादेश व अफगानिस्तान में मजहबी बर्बरता से पीड़ित अल्पसंख्यक समुदाय के सम्मानजनक जीवन का मार्ग प्रशस्त हुआ है। मनुष्यता को आह्लादित करने वाले इस मानवीय निर्णय हेतु आदरणीय प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी जी का आभार एवं माननीय गृहमंत्री श्री अमित शाह जी का धन्यवाद! इस अधिनियम के अंतर्गत भारत की नागरिकता प्राप्त करने जा रहे सभी भाइयों-बहनों का हार्दिक अभिनन्दन!”

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