Business Idea Moong Farming: भारत को कृषि प्रधान देश कहा जाता है। लेकिन यहां किसान आमतौर पर साल में दो बार ही फसलें उगाते हैं। जिनमें खरीफ और रबी सीजन की फसलें प्रमुख होती हैं। अधिकतर किसान रबी सीजन की फसलें काट कर खेतों को 3 से 4 महीने के लिए ख़ाली छोड़ देते हैं। ऐसे में किसान चाहें तो कम लागत में गर्मी के मौसम में मूंग की खेती कर अच्छा खासा मुनाफा कमा सकते हैं। इससे किसानों की आमदनी बढ़ सकती है। इसके साथ ही दूसरी फसलों के लिए खेत को उपजाऊ भी बनाया जा सकता है।
मूंग वैसे भी सेहत के लिए फायदेमंद मानी जाती है। इसमें बड़ी मात्रा में पोषक तत्व मौजूद होते हैं। जिसमें फ्लेवोनोइड्स, फेनोलिक एसिड, कार्बनिक एसिड, अमीनो एसिड, कार्बोहाइड्रेट और लिपिड जैसे पोषक तत्व शामिल है। इसके अलावा, मूंग में एंटीऑक्सीडेंट, एंटीमाइक्रोबियल, एंटीइंफ्लेमेटरी, एंटीडायबिटिक, एंटीहाइपरटेंसिव और एंटीट्यूमर गुण पाए जाते हैं। इससे कई बीमारियां कोसों दूर रहती हैं।
अच्छी किस्म की मूंग का करें चयन
कृषि विज्ञान केन्द्र सीतामढ़ी के वैज्ञानिक राम ईश्वर प्रसाद ने बताया कि मूंग की कई उन्नत किस्में है। जिसमें विराट, आईपीएम 0203, सम्राट, एसएमएल 668 शामिल हैं। इससे किसानों को बेहतर उत्पादन मिलेगा। मौजूदा समय में भारत अभी दलहन के क्षेत्र में आत्म निर्भर नहीं हुआ है। लिहाजा दलहन के क्षेत्रफल के बढ़ाने की जरूरत है। मूंग की खेती करने से जमीन की उपजाऊ शक्ति में इजाफा होता है। इसकी वजह ये है कि मूंग जैसी दलहनी फसलों की जड़ ग्रंथियों में राइयोबियम जीणाणु पाया जाता है। यह खेत की उर्वरक क्षमता को बढ़ाने में मदद करता है।
मूंग की कब करें बुवाई
वैज्ञानिक राम ईश्वर प्रसाद के मुताबिक, मूंग की बुवाई करते समय खेत में किसी भी तरह की खरपतवार नहीं होनी चाहिए। इससे मूंग का उत्पादन बेहतर होता है। मूंग की खेती गर्मी शुरू होते ही शुरू कर देना चाहिए। 15 अप्रैल से 15 जून तक इसकी बुवाई कर सकते हैं। इसमें लागत बेहद कम आती है और किसान मोटा मुनाफा कमा सकते हैं।