Budget 2024 : भारत में टैक्स का भुगतान करना इंडिविजुअल और कॉर्पोरेट एंटिटी दोनों के लिए अनिवार्य है। सरकार डायरेक्ट तरीके से इनकम पर या इनडायरेक्ट तरीके से गुड्स और सर्विसेज पर टैक्स वसूल करती है। इसका मतलब यह है कि टैक्स हर किसी के लिए देना अनिवार्य है, चाहे उसकी इनकम कितनी भी हो। टैक्स दो तरह के होते हैं- डायरेक्ट और इनडायरेक्ट। डायरेक्ट टैक्स वह है जो सीधे सरकार को भुगतान किया जाता है। वहीं, इनडायरेक्ट टैक्स वह टैक्स होता है जो सीधे-सीधे तो आम आदमी से नहीं लिया जाता लेकिन किसी न किसी तरह से ये आम आदमी को ही देना होता है। केंद्रीय मंत्री निर्मला सीतारमण 1 फरवरी 2024 को छठी बार बजट पेश करेंगी। यहां हमने इनडायरेक्ट टैक्स से जुड़ी पूरी जानकारी दी है।
क्या होता है इनडायरेक्ट टैक्स
इनडायरेक्ट टैक्स एक ऐसा टैक्स है जिसे कई एंटिटी को ट्रांसफर किया जा सकता है। आमतौर पर सप्लायर या मैन्युफैक्चरर ही होते हैं जिन्हें फाइनल कंज्यूमर को इसका भुगतान करना होता है। यह कमाई या मुनाफे के विपरीत प्रोडक्ट्स और सर्विसेज पर लगाया जाने वाला टैक्स है। सेल्स टैक्स, वैल्यू एडेड टैक्स (वैट), और एक्साइज ड्यूटी अप्रत्यक्ष करों के उदाहरण हैं। यहां हमने भारत में लगाए जाने वाले कई तरह के इनडायरेक्ट टैक्स की जानकारी दी है।
सर्विस टैक्स
यह एक तरह का टैक्स है जो किसी ऑर्गेनाइजेशन द्वारा दी जाने वाली सर्विसेज के बदले में लगाया जाता है। सर्विस टैक्स कलेक्ट करने और जमा करने की जिम्मेदारी भारत सरकार की है।
एक्साइज ड्यूटी
भारत में किसी कंपनी द्वारा निर्मित किसी प्रोडक्ट या गुड्स पर लगाया जाने वाला टैक्स एक्साइज ड्यूटी कहलाता है।
वैल्यू एडेड टैक्स
वैल्यू एडेड टैक्स को वैट के रूप में भी जाना जाता है। इस तरह का टैक्स ग्राहक को सीधे बेचे जाने वाले चल उत्पाद पर लगाया जाता है। वैट में सेंट्रल सेल्स टैक्स शामिल होता है, जिसका भुगतान भारत सरकार को किया जाता है। राज्य केंद्रीय बिक्री कर का भुगतान संबंधित राज्य सरकारों को किया जाता है।
कस्टम ड्यूटी
भारत में आयात की जाने वाली वस्तुओं पर कस्टम ड्यूटी लगाया जाता है। कभी-कभी यह टैक्स देश से निर्यात होने वाले प्रोडक्ट्स पर भी लगाया जाता है।
स्टाम्प ड्यूटी
यह भारत में किसी भी अचल संपत्ति के ट्रांसफर पर लगाया जाने वाला टैक्स है। स्टाम्प टैक्स सभी लीगल डॉक्यूमेंट्स पर भी लागू होता है।
एंटरटेनमेंट टैक्स
राज्य सरकार एंटरटेनमेंट से जुड़े किसी भी सामान या लेनदेन पर एंटरटेनमेंट टैक्स लगाती है। किसी भी वीडियो गेम की खरीदारी, मूवी शो के टिकट, स्पोर्ट्स एक्टिविटी, आर्केड, मनोरंजन पार्क आदि कुछ ऐसे प्रोडक्ट हैं जिन पर एंटरटेनमेंट टैक्स लगाया जाता है।
सिक्योरिटीज ट्रांजेक्शन टैक्स
यह टैक्स भारतीय स्टॉक एक्सचेंज के माध्यम से सिक्योरिटीज के ट्रेडिंग के दौरान लगाया जाता है।