Union Budget 2024 : ऑटो इंडस्ट्री को वित्तमंत्री निर्मला सीतारमण (Nirmala Sitharaman) के बजट से कई उम्मीदें हैं। इंडस्ट्री का मानना है कि लास्ट-माइल कनेक्टिविटी, इंफ्रास्ट्रक्चर और अनुकूल पॉलिसी पर फोकस से ऑटो सेक्टर को मजबूती मिलेगी। सोसायटी ऑफ इंडियन ऑटोमोबाइल मैन्युफैक्चरर्स (SIAM) ने कहा है कि अंतरिम बजट (Interim Budget) में बड़े ऐलान की उम्मीद नहीं है। सरकार को मौजूदा पॉलिसी में बड़े बदलाव का ऐलान नहीं करना चाहिए। इससे इकोसिस्टम को नुकसान पहुंच सकता है। सियाम के प्रेसिडेंट विनोद अग्रवाल ने कहा कि सरकार ने कैपिचल एक्सपेंडिचर बढ़ाया है। इससे इंफ्रास्ट्रक्चर पर निवेश बढ़ाने में मदद मिली है। ये स्वागतयोग्य कदम हैं। उन्होंने कहा कि हमारा मानना है कि सरकार को इस पर फोकस बनाए रखना चाहिए।
बजट 2024 में ग्रोथ बढ़ाने वाली पॉलिसी पर फोकस जारी रहने की उम्मीद
मारुति सुजुकी के सीनियर एग्जिक्यूटिव डायरेक्टर शशांक श्रीवास्तव ने कहा कि ऑटो इंडस्ट्री का प्रदर्शन इकोनॉमी के ग्रोथ से जुड़ा है। उन्होंने कहा, “हमे उम्मीद है कि सरकार ग्रोथ बढ़ाने वाली पॉलिसी पर फोकस बनाए रखेगी। खासकर कैपिटर एक्सपेंडिचर और इंफ्रास्ट्रक्चर पर निवेश जारी रखने की जरूरत है। उम्मीद है कि सरकार मैन्युफैक्चरिंग सेक्टर की ग्रोथ बढ़ाने के भी उपाय करेगी।” मर्सिडीज-बेंज इंडिया के मैनेजिंग डायरेक्टर और सीईओ संतोष अय्यर का मानना है कि लग्जरी कार इंडस्ट्री का देश की जीडीपी में अहम योगदान है। इसे ध्यान में रख ड्यूटी स्ट्रक्चर में बदलाव करने की जरूरत है।
एंट्री-लेवल आईसीई टू-व्हीलर्स पर जीएसटी घटाने की मांग
इलेक्ट्रिक व्हीकल्स बनाने वाली कंपनियों को भी उम्मीद है कि सरकार ईवी का इस्तेमाल बढ़ाने की अपनी पॉलिसी जारी रखेगी। ईवी इंडस्ट्री ने लिथियम-आयोन बैटरीज पर जीएसटी में कमी, प्रोडक्शन लिंक्ड इनसेंटिव और एंट्री-लेवल आईसीई टू-व्हीलर्स पर जीएसटी में कमी की मांग की। अभी इस पर जीएसटी 18 फीसदी है। पिछले साल पेश बजट में सरकार ने ईवी में इस्तेमाल होने पार्ट्स पर कस्टम ड्यूटी घटाई थी। इससे लोकल मैन्युफैक्चरिंग को बढ़ावा मिला है। इंडस्ट्री का मानना है कि अंतरिम बजट में भी सरकार का फोकस इस पर बना रहेगा।
ईवी के लिए पॉलिसी फ्रेमवर्क के ऐलान की उम्मीद
कुछ ईवी मैन्युफैक्चरर्स को उम्मीद है कि सरकार ईवी के लिए व्यापक पॉलिसी फ्रेमवर्क का ऐलान करेगी। इसमें लाइसेंसिंग, सेफ्टी स्टैंडर्ड्स और इंश्योरेंस से जुड़े मसले शामिल होंगे। कार बनाने वाली कुछ कंपनियों खासकर जापानी कंपनियों का मानना है कि फेम 3 इनसेंटिव स्कीम में हाइब्रिड व्हीकल्स शामिल किए जा सकते हैं। ऑटोमोटिव कंपोनेंट मैन्युफैक्चरर्स एसोसिएशन (ACMA) के डायरेक्टर जनरल विन्नी मेहता ने कहा कि हमें उम्मीद है कि हमें सरकार का सपोर्ट मिलता रहेगा।