India Budget 2024: इंश्योरेंस रेगुलेटरी एंड डेवलपमेंट अथॉरिटी (IRDAI) ने 2047 तक सबको इंश्योरेंस कवर के तहत लाने का प्लान बनाया है। इसका मतलब यह है कि 23 साल बाद हर व्यक्ति के पास पर्याप्त लाइफ, हेल्थ और प्रॉपर्टी इंश्योरेंस होगा। इसके लिए सरकार को लोगों को इंश्योरेंस प्रोडक्ट्स खरीदने के लिए प्रोत्साहित करना होगा। कुछ इंश्योरेंस प्रोडक्ट्स पर टैक्स बेनेफिट मिलता है। लेकिन, इसे बढ़ाने की जरूरत है। 1 फरवरी को वित्तमंत्री निर्मला सीतारमण (Nirmala Sitharaman) अंतरिम बजट (Interim Budget) पेश करेंगी। वह आईआरडीएआई के प्लान को ध्यान में रख इंश्योरेंस प्रोडेक्ट्स खरीदने में लोगों की दिलचस्पी बढ़ाने के लिए उपायों का ऐलान कर सकती हैं।
पहली बार हेल्थ इंश्योरेंस खरीदने पर टैक्स छूट
आबादी के बड़े हिस्से को हेल्थ इंश्योरेंस के दायरे में लाने के लिए पहली बार मेडिकल इंश्योरेंस खरीदने पर वित्तमंत्री टैक्स एग्जेम्प्शन का ऐलान कर सकती हैं। सरकार प्रीमियम अमाउंट पर 200 फीसदी एग्जेम्प्शन दे सकती है। इसे अगले 3-4 साल में घटाकर सेक्शन 80डी के तहत डिडक्शन की लिमिट तक लाया जा सकता है। एक दूसरा उपाय यह हो सकता है कि इंश्योरेंस कंपनियां ओपीडी खर्च को कवर करने वाले प्रोडक्ट्स लॉन्च करें। इलाज पर होने वाले कुल खर्च में ओपीडी खर्च की हिस्सेदारी 50-60 फीसदी तक है।
युवाओं के लिए अलग से टैक्स छूट
सरकार ऐसे लोगों के लिए स्पेशल एग्जेम्प्शन का ऐलान कर सकती है, जिनकी उम्र 30 साल से कम है और जो डिजिटल तरीके का इस्तेमाल पॉलिसी खरीदने के लिए करते हैं। इसके लिए मॉर्टलिटी प्रोटेक्शन गैप घटाया जा सकता है। सरकार सीमा-आधारित टैक्स एग्जेम्प्शन लॉन्च कर सकती है, जिसमें अगर कोई टैक्सपेयर पूर्व निर्धारित न्यूनतम कवर सीमा के साथ टर्म इंश्योरेंस पॉलिसी या एन्युटी प्रोडक्ट या दोनों खरीदता है तो उसे चैप्टर VIA के तहत ऐसी पॉलिसी पर चुकाए गए प्रीमियम पर अतिरिक्त टैक्स एग्जेम्प्शन दिया जा सकता है।
सभी व्हीकल्स को बीमा के तहत लाने के उपाय
थर्ड पार्टी इंश्योरेंस कवर अनिवार्य होने के बावजूद देश में 50 फीसदी से ज्यादा ऐसी गाड़ियां हैं, जिनका इंश्योरेंस नहीं है। थर्ड पार्टी इंश्योरेंस कवर नहीं खरीदने की कई वजहें हो सकती हैं। सरकार को ऐसे लोगों को थर्ड पार्टी कवर खरीदने के लिए प्रोत्साहित करने के उपाय करने होंगे। इसके लिए उन्हें अपनी पॉलिसी रिन्यू कराने पर एक बार टैक्स एग्जेम्प्शन का लाभ दिया जा सकता है। अभी मोटर इंश्योरेंस पर किसी तरह का टैक्स-बेनेफिट नहीं मिलता है।
प्रॉपर्टी इंश्योरेंस पर टैक्स-छूट
हर साल भूकंप, भूस्खलन और बाढ़ जैसी प्राकृतिक आपदाएं देखने को मिलती है। 2001 से 2021 तक इस तरह की करीब 354 घटनाएं देखने को मिली हैं। इससे लोगों को बहुत नुकसान उठाना पड़ता है। ऐसे में सरकार प्रॉपर्टी इंश्योरेंस पर डिडक्शन की सुविधा दे सकती है। इसके लिए डिडक्शन के लिए 25,000 रुपये की सीमा तय की जा सकती है। सरकार रियल एस्टेट रेगुलेटरी अथॉरिटी को होम इंश्योरेंस को अनिवार्य बनाने का निर्देश दे सकती है।
ट्रैवल इंश्योरेंस पर टैक्स छूट
पिछले साल जनवरी से दिसंबर के दौरान करीब 22.5 लाख यात्रियों को फ्लाइट में देर से मुश्किल का सामना करना पड़ा। 2.84 लाख यात्रियों को फ्लाइट रद्द होने से दिक्कत हुई। ट्रैवल इंश्योरेंस के तहत कई तरह के नुकसान शामिल हैं। यह मुश्किल स्थितियों में काफी कारगर साबित होता है। सरकार बजट में ट्रैवल इंश्योरेंस पर टैक्स छूट का ऐलान कर सकती है। इससे लोग ट्रेवल इंश्योरेंस खरीदने के लिए प्रोत्साहित होंगे।
परिमल हेडा, चीफ इनवेस्टमेंट अफसर, डिजिट जनरल इंश्योरेंस