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BSE स्मॉलकैप इंडेक्स की हालत लड़खड़ाई, पिछले दो साल में सबसे खराब परफॉर्मेंस

स्मॉलकैप शेयरों में तेज गिरावट ने रिटेल इनवेस्टर्स को डरा दिया है। मार्च में बीएसई स्मॉलकैप इंडेक्स (BSE Small cap index) में अब तक 7 पर्सेंट से भी ज्यादा की गिरावट हो चुकी है। अगर सूचकांक इस महीने मौजूदा लेवल पर बंद होता है, तो यह पिछले 2 साल में बीएसई स्मॉलकैप इंडेक्स की सबसे खराब परफॉर्मेंस होगी। फरवरी 2022 में बीएसई स्मॉलकैप इंडेक्स में 9 पर्सेंट से भी ज्यादा की गिरावट रही।

बीएसई स्मॉलकैप बनाम बीएसई सेंसेक्स रिटर्न

अगर हम बीएसई स्मॉलकैप इंडेक्स (BSE Smallcap index) की परफॉर्मेंस की तुलना बीएसई सेंसेक्स (BSE Sensex) से करें, तो मार्च में 900 से भी ज्यादा स्मॉल कैप शेयरों की परफॉर्मेंस बीएसई सेंसेक्स के मुकाबले 8 पर्सेंट से कम है। 2015 के बाद चौथी बार ऐसा देखने को मिला है, जब बीएसई स्मॉलकैप इंडेक्स की परफॉर्मेंस किसी महीने में सेंसेक्स के मुकाबले 8 पर्सेंट कम रही है। इसके अलावा, 2015 के बाद से यह सातवीं बार है, जब बीएसई स्मॉलकैप इंडेक्स में 7 पर्सेंट से ज्यादा की गिरावट देखने को मिली है।

साथ ही, बीएसई स्मॉलकैप इंडेक्स में सिर्फ 4 ऐसे मामले रहे हैं, जहां बीएसई स्मॉलकैप इंडेक्स में किसी कैलेंडर ईयर में 10 पर्सेंट से ज्यादा की गिरावट रही है। जुलाई 2019, फरवरी 2016, सितंबर 2018 और मार्च 2020 में ऐसा देखने को मिला है।

निफ्टी स्मॉलकैप 250 इंडेक्स में कमजोरी

निफ्टी स्मॉलकैप 250 इंडेक्स के बास्केट से हमें पता चलता है कि कम से कम 191 स्टॉक्स में 5 पर्सेंट से भी ज्यादा की गिरावट रही है, जबकि पिछले एक महीने में 14 स्टॉक में 5 पर्सेंट से भी ज्यादी की तेजी देखने को मिली है। मिड और स्मॉलकैप शेयरों में इस महीने तेज गिरावट देखने को मिली है, जिसकी कई वजहें हैं। सिक्योरिटीज एंड एक्सचेंज बोर्ड ऑफ इंडिया (SEBI) स्मॉल और मिडकैप शेयरों में ‘बुलबुले’ को लेकर चेतावनी दी थी।

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