कर्नाटक से भाजपा के नेता केएस ईश्वरप्पा को पार्टी ने छह साल के लिए निकाल दिया है। पार्टी से निकाले जाने के बाद ईश्वरप्पा ने जिद ठान दी है और कहा है कि मैं चुनाव भी लड़ूंगा और जीतूंगा भी। ईश्वरप्पा ने कहा कि, “मैंने एक गैर-पार्टी उम्मीदवार के रूप में चुनाव लड़ने का फैसला किया है, मुझे अभी भी उम्मीद है, मुझे किसी निष्कासन का डर नहीं है। मैं चुनाव लड़ूंगा और जीतूंगा और फिर से बीजेपी में वापस जाऊंगा। मैं कमल चुनाव चिह्न पर पांच बार चुनाव लड़ चुका हूं।”
सात मई को है कर्नाटक में चुनाव
बता दें कि भाजपा ने शिवमोग्गा निर्वाचन क्षेत्र से निर्दलीय चुनाव लड़ने का फैसला करने वाले ईश्वरप्पा को भाजपा ने “पार्टी को शर्मिंदा करने के आरोप में” कल उन्हें 6 साल के लिए पार्टी से निष्कासित कर दिया है। विधान परिषद में विपक्ष के पूर्व नेता को निष्कासित करने का भाजपा का फैसला लोकसभा चुनाव के तीसरे चरण के तहत सात मई को कर्नाटक में होने वाले मतदान के लिए उम्मीदवारी वापस लेने के आखिरी दिन आया है। येदियुरप्पा और दिवंगत एचएन अनंत कुमार के साथ ईश्वरप्पा को कर्नाटक में जमीनी स्तर पर भाजपा को खड़ा करने का श्रेय दिया जाता है।
इस वजह से नाराज थे ईश्वरप्पा
कर्नाटक के पूर्व उपमुख्यमंत्री और भाजपा की प्रदेश इकाई के अध्यक्ष रह चुके ईश्वरप्पा अपने बेटे केई कांतेश को हावेरी से लोकसभा चुनाव का टिकट नहीं मिलने से नाराज चल रहे थे। उन्होंने इसके लिए प्रदेश भाजपा अध्यक्ष बीवाई विजयेंद्र और उनके पिता बीएस येदियुरप्पा को दोषी ठहराया था और उनपर आरोप भी लगाया था। बता दें कि पूर्व मुख्यमंत्री बसवराज बोम्मई को हावेरी से भाजपा ने चुनाव का टिकट दिया है, जबकि विजयेंद्र के भाई और सांसद बीवाई राघवेंद्र शिमोगा से भाजपा के उम्मीदवार बनाए गए हैं। इसी बात से ईश्वरप्पा नाराज चल रहे थे।