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Bihar Political Crisis: ‘बिहार सरकार गिरने के कगार पर है’ JDU नेता केसी त्यागी ने खुलकर कही ये बात

Bihar Political Crisis: जनता दल यूनाइटेड (JDU) के वरिष्ठ नेता और प्रवक्ता केसी त्यागी (KC Tyagi) ने शनिवार को साफ किया कि बिहार (Bihar) में महागठबंधन की सरकार गिरने के कगार पर है। उन्होंने कांग्रेस पर मुख्यमंत्री नीतीश कुमार (Nitish Kumar) का बार-बार ‘अपमान’ करने का आरोप भी लगाया। त्यागी ने यह भी कहा कि उन्हें विपक्ष से ‘‘काफी सशक्त’’ भारतीय जनता पार्टी (BJP) को वास्तविक चुनौती मिलने की कोई संभावना नहीं दिखती।

BJP के फिर से नीतीश के साथ समझौता करने के लिए तैयार होने के संकेतों के बीच पार्टी को अपने दूसरे सहयोगियों जैसे चिराग पासवान और उपेंद्र कुशवाहा को भी साथ लाने की चुनौती का सामना करना पड़ रहा है। पासवान और कुशवाहा दोनों नीतीश के कट्टर आलोचक हैं।

गृह मंत्री अमित शाह और BJP अध्यक्ष जेपी नड्डा के साथ बैठक में लोक जनशक्ति पार्टी (रामविलास) के नेता चिराग पासवान ने कुछ चिंताएं जताईं और समझा जाता है कि उन्होंने आश्वासन मांगा कि राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (NDA) में नीतीश के आने बाद उनकी पार्टी को लोकसभा में अपनी सीटों के साथ समझौता नहीं करना पड़ेगा।

बाद में पासवान ने मीडिया से कहा कि उन्हें उनके कई मुद्दों पर आश्वासन मिला है। उन्होंने हालांकि कहा कि स्थिति साफ होने के बाद वह बिहार के घटनाक्रम पर अपनी पार्टी के रुख को अंतिम रूप देंगे। उन्होंने कहा कि ये अभी तक साफ नहीं है कि क्या नीतीश कुमार BJP से हाथ मिला रहे हैं, और कब।

‘INDIA’ से नाता खत्म करने के लिए पूरी तरह तैयार

रविवार को नीतीश के इस्तीफा देने और फिर पूर्व सहयोगी के साथ गठबंधन की घोषणा करने की संभावना के बीच तीनों मुख्य दलों-BJP, राष्ट्रीय जनता दल (RJD) और JDU के नेताओं ने पटना में बैठकें कीं।

कुमार के करीबी सहयोगी त्यागी ने साफ-साफ से संकेत दिया कि उनकी पार्टी विपक्षी गठबंधन ‘INDIA’ से नाता खत्म करने के लिए पूरी तरह तैयार है। त्यागी ने संवाददाताओं से कहा, “विपक्षी गठबंधन ‘इंडियन नेशनल डेवलपमेंटल इंक्लूसिव अलायंस’ (INDIA) टूटने के कगार पर है। पंजाब, पश्चिम बंगाल और बिहार में ‘इंडिया’ में शामिल दलों का गठबंधन लगभग खत्म हो चुका है।”

त्यागी ने कहा कि जिस लक्ष्य और इरादे के साथ जद(यू) अध्यक्ष कुमार गैर-कांग्रेसी दलों को कांग्रेस के साथ लाने में सफल हुए, वे (उद्देश्य) विफल हो गए हैं और कहा कि उनके नेता को ‘‘गलत समझा गया।’’

उन्होंने कहा कि कुमार को कभी भी गठबंधन में पद की लालसा नहीं रही लेकिन कांग्रेस नेतृत्व के एक धड़े ने बार-बार उनका अपमान किया। त्यागी ने कहा कि वह समझ नहीं पा रहे हैं कि ‘इंडिया’ गठबंधन में शामिल दल ‘‘काफी सशक्त’’ भाजपा से कैसे लड़ सकते हैं।

जद(यू) नेता ने कहा कि बिहार के मुख्यमंत्री कुमार पटना में कई दलों को एक साथ लाने में सफल रहे, लेकिन लोकसभा चुनाव नजदीक होने के बावजूद पूरी प्रक्रिया इतनी धीमी हो गई कि इंडिया गठबंधन कोई संयुक्त नेतृत्व और एजेंडा लेकर नहीं आ पाया।

राज्य के मौजूदा सहयोगियों, विशेषकर पासवान से संपर्क का भाजपा के शीर्ष नेतृत्व का निर्णय, 2020 के विधानसभा चुनावों की पुनरावृत्ति से बचने के उनके प्रयास को रेखांकित करता है जब लोजपा नेता जद(यू) के खिलाफ चुनाव लड़ने के लिए गठबंधन से बाहर हो गए थे। इससे कुमार की पार्टी के प्रदर्शन में गिरावट आई थी।

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मुख्यमंत्री ने इसके लिए भाजपा को दोषी ठहराया था और 2022 में राजद-कांग्रेस-वाम गठबंधन से हाथ मिलाने के लिए उससे अपना नाता तोड़ लिया।

सूत्रों ने कहा कि पासवान यह भी चाहते हैं कि राज्य में कुमार के नेतृत्व वाली राजग की नयी सरकार का एजेंडा सभी सहयोगियों के दृष्टिकोण से तैयार होना चाहिए। हालांकि, उन्होंने यह नहीं बताया कि शाह और नड्डा ने उन्हें राज्य के राजनीतिक घटनाक्रम के बारे में क्या बताया।

पासवान ने कहा, ‘‘बिहार के मौजूदा राजनीतिक घटनाक्रम को लेकर हमारी चिंताएं हैं। हालांकि, बिहार के घटनाक्रम को लेकर कोई अधिकृत जानकारी नहीं है। मैंने बैठक में अपनी चिंताओं को दृढ़ता से उठाया और कई मुद्दों पर आश्वासन प्राप्त किया।’’

उन्होंने कहा कि वह भाजपा नेताओं के संपर्क में थे और उन्हें पता चला कि इन सुगबुगाहटों में कुछ “सच्चाई” है। उनका संदर्भ बिहार में राजनीतिक गठजोड़ की खबरों को लेकर था।

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