
अस्पताल में इलाजरत अचेत बच्चा
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बिहार में एक तरफ पूर्ण शराबबंदी है। सरकार की ओर से इसे सफल बनाने के लिए अधिकारियों को चौकन्ना रहने का निर्देश दिया जाता है। फिर भी धरातल पर स्थिति जस की तस बनी हुई है। सबसे बड़ी बात यह है कि युवा और छोटे-छोटे बच्चे नशे की गिरफ्त में आ रहे हैं। ये विकल्प के तौर पर सनफिक्स, सॉल्यूशन (सुलेशन), टेबलेट जैसी खतरनाक चीजों को सस्ते नशे के तौर पर लेते हैं।
इसी का नतीजा शुक्रवार को सुपौल के त्रिवेणीगंज थाना क्षेत्र में एक नौ साल के बच्चे को सनफिक्स का ओवरडोज लेने से अचेत हो गया। उसे परिजन इलाज के लिए त्रिवेणीगंज अनुमंडलीय अस्पताल ले गए। जहां ड्यूटी पर मौजूद चिकित्सक डॉ. राजीव रंजन द्वारा इमरजेंसी ट्रीटमेंट के बाद बेहतर इलाज के लिए हायर सेंटर रेफर कर दिया गया।
घटना के बारे में परिजनों ने बताया कि लोग कह रहे हैं कि आपके बच्चे ने सनफिक्स पी लिया है। उसके बाद अपने बच्चे को बेहोशी हालत में त्रिवेणीगंज अनुमंडलीय अस्पताल लेकर आए हैं।
वहीं, अस्पताल में ड्यूटी पर मौजूद चिकित्सक डॉ. राजीव कुमार रंजन ने बताया कि सनफिक्स पीने के बाद एक नौ साल का बच्चा अनकॉन्शियस (अचेत) हो गया था। उसे परिजन अचेत अवस्था में यहां लेकर आए। अस्पताल में इमरजेंसी ट्रीटमेंट के बाद पेसेंट को मधेपुरा मेडिकल कॉलेज एवं अस्पताल इलाज के लिए भेज दिया गया।
डॉक्टर ने बताया कि पेसेंट को देखने के बाद ऐसा लग रहा था कि उसने कुछ जहरीले प्रकार की चीज ली है। और उसका डोज ज्यादा हो गया है, जिस वजह से पेसेंट अचेत हो गया है। परिजनों ने बताया गया कि शुरू से बहुत दिनों से सनफिक्स कोई आता है मार्केट में जो ये लेता है। उसी के कारण ऐसा हो गया है।

