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Bihar Loksabha Chunav: BJP के बागियों पर दांव! कांग्रेस में आए अजय निषाद, अब छेदी पासवान की बारी?

Bihar Loksabha Chunav: पूरानी कहावत है ‘दुश्मन के दुश्मन को दोस्त’ बना लेना चाहिए। बात अगर राजनीति की हो, तो यह बात और सटीक हो जाती है। यही स्थिति इस बार लोकसभा चुनाव (Lok Sabha Elections 2024) के दौरान बिहार (Bihar) में दिखाई पड़ रही है। 2024 लोकसभा चुनाव में BJP ने कई पुराने चेहरों पर ही भरोसा जताया है, तो वहीं कई ऐसे चेहरे हैं, जिन्हें इस बार टिकट से बेदखल कर चुनावी मैदान से बाहर कर दिया है। बीजेपी से टिकट नहीं मिलने के कारण बीजेपी के एक सांसद ने तो कांग्रेस (Congress) का दामन थाम लिया, अब एक और सांसद के पार्टी बदलने की चर्चा है।

इस लिस्ट में दो नाम हैं, पहले हैं मुजफ्फरपुर के BJP सांसद अजय निषाद (Ajay Nishad), जिन्होंने टिकट कटने से नाराज होकर BJP का दामन छोड़ दिया और कांग्रेस में शामिल हो गए। जबकि दूसरा नाम सासाराम सांसद छेदी पासवान (Chhedi Paswan) का है और जल्द ही वह भी कांग्रेस की जहाज पर सवार हो सकते हैं।

दरअसल इस बार बीजेपी ने इन दोनों ही नेताओं के टिकट काट दिए। अब खबर ये है कि छेदी और निषाद दोनों को ही कांग्रेस उनकी अपनी-अपनी सीट से टिकट दे सकती है।

अजय निषाद सोशल मीडिया X पर लिखा- “बीजेपी की तरफ से छल किए जाने से छुब्ध होकर मैं पार्टी के सभी पद के साथ प्राथमिक सदस्यता से इस्तीफा देता हूं।”

अजय निषाद बीजेपी से किस कदर नाराज थे इसका पता इससे भी लगाया जा सकता है कि उन्होंने सोशल मिडिया अकाउंट से अपने नाम के आगे से बीजेपी को हटा दिया। साथ ही बीजेपी के चलाए गए सोशल मिडिया मुहिम ‘मोदी का परिवार’ भी नाम के आगे से हटा दिया।

छेदी पासवान और अजय निषाद की नाराजगी का कारण

बीजेपी में लोकसभा चुनाव को लेकर अपनी पांचवी लिस्ट जारी की, जिसमें 111 लोकसभा उम्मीदवारों की घोषणा की थी। इसमें बिहार के कई पुराने चेहरों को बदलते हुए नए चेहरों को मौका दिया गया।

सासाराम से बीजेपी सांसद छेदी पासवान को हटाकर शिवेश कुमार राम को टिकट दिया गया है। शिवेश कुमार राम इससे पहले अगिआंव विधानसभा से बीजेपी से विधायक रह चुके हैं। शिवेश राम के पिता मुन्नी लाल राम भी सासाराम से सांसद रह चुके हैं।

वहीं मुजफ्फरपुर के बीजेपी सांसद अजय निषाद का भी बीजेपी ने टिकट काटकर राजभूषण चौधरी को टिकट दिया है। छेदी पासवान के टिकट कटने की बड़ी वजह उनकी क्षेत्र में आसक्रियता, लोगों के बीच नाराजगी और सासाराम लोकसभा सीट पर सत्ता विरोध लहर रही है।

छेदी पासवान अबतक 1989, 2014 और 2019 में तीन बार सांसद रहा चुके हैं। जानकारी के मुताबिक, बीजेपी की ओर से उम्मीदवारों को लेकर इंटरनल सर्वे कराया गया था, जिसमें छेदी पासवान की स्थिति अच्छी नहीं बताई गई, जिसके बाद उनका टिकट कटा।

यही हाल मुजफ्फरपुर के सांसद अजय निषाद का भी रहा। अजय निषाद की छवि जनता के बीच लगातार अलोकप्रिय होती जा रहा थी। मुजफ्फरपुर में कोई नया बड़ा काम नही होना, रिंग रोड प्रस्ताव का केंद्र से रोक और आंतरिक सर्वे में पिछड़ना बड़ी वजह रहीं।

अजय निषाद और राजभूषण के बीच संबंध

अजय निषाद का टिकट काटकर राजभुषण चौधरी को टिकट देना लोगों के लिए चौकाने वाला रहा। राजभूषण चौधरी अजय निषाद से काफी छोटे हैं, बावजूद इसके बीजेपी ने राजभूष्ण को मौका दिया है।

आज से दो साल पहले ही राजभूषण निषाद को बीजेपी में शामिल कराने के लिए अजय निषाद की बड़ी भूमिका मानी जाती है। राजभूषण चौधरी दो साल पहले तक मुकेश सहनी की पार्टी VIP के प्रमुख चेहरा थे।

बोचहा विधानसभा के उपचुनाव में मुकेश सहनी को कमजोर करने के किए राजभूषण निषाद को 2022 में BJP में लाया गया था, इसमें अजय निषाद की अहम भूमिका थी। 2014 के लोकसभा चुनाव में अजय निषाद ने राजभूषाण चौधरी को 4 लाख से ज्यादा वोट के अंतर से हराया था।

कांग्रेस उम्मीदवारों की बेचैनी बढ़ी

अजय निषाद और छेदी पासवान को लेकर अब कांग्रेस के स्थानीय और संभावित उम्मीदवारों की बेचैनी बढ़ गई है। मुजफ्फरपुर से कांग्रेस के विधायक विजेंद्र चौधरी कांग्रेस के टिकट के प्रबल दावेदार हैं। अगर अजय निषाद को टिकट मिलता है, तो विजेंद्र चौधरी की नाराजगी बढ़ सकती है और निषाद वोट बैंक में सेंध लगने की संभावना है।

कुछ ऐसा ही हाल सासाराम लोकसभा सीट का भी है। सासाराम सीट से मिरा कुमार चुनाव लड़ती रही हैं, लेकिन इस बार वहां से मिरा कुमार के बेटे के टिकट मिलने की संभावना जताई जा रही थी। अगर मिरा कुमार के बेटे कि जगह छेदी पासवान, जो हमेशा उनके विरोधी रहे हैं, उन्हें टिकट मिलता है, तो कांग्रेस कार्यकर्ताओं की नाराजगी बढ़नी भी तय है।

कांग्रेस में मीरा कुमार का कद बड़ा है और वे छेदी पासवान की एंट्री कांग्रेस में न हो इस के लिए पुरजोर ताकत लगा रही हैं। वे इसमें सफल भी हो सकती हैं।

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