भारत बायोटेक (Bharat Biotech) ने भारत में वयस्कों पर TB वैक्सीन का क्लिनिकल ट्रायल शुरू कर दिया है। भारत बायोटेक इंटरनेशनल लिमिटेड ने आज रविवार को यह जानकारी दी। कंपनी ने कहा कि उसने भारत में वयस्कों पर ट्यूबरक्लोसिस वैक्सीन Mtbvac का क्लिनिकल ट्रायल शुरू किया है। भारत बायोटेक ने कहा कि स्पैनिश बायोफार्मास्युटिकल कंपनी बायोफैब्री (Biofabri) द्वारा ह्यूमन सोर्स से बने TB के खिलाफ यह पहला टीका है। यह ट्रायल भारत बायोटेक द्वारा बायोफैब्री के सहयोग से किया जा रहा है।
क्या है इस क्लिनिकल ट्रायल का मकसद
कंपनी ने बताया कि Mtbvac को दो उद्देश्यों के लिए डेवलप किया जा रहा है। पहला उद्देश्य है- नवजात शिशुओं के लिए BCG (बैसिलस कैलमेट गुएरिन) की तुलना में अधिक प्रभावी और संभावित रूप से लंबे समय तक चलने वाले टीके के लिए। वहीं, दूसरा उद्देश्य है – वयस्कों और किशोरों में टीबी की रोकथाम के लिए, जिनके लिए वर्तमान में कोई प्रभावी टीका नहीं है।
यह उस देश में वयस्कों और किशोरों में ट्रायल के लिए एक बड़ा कदम है जहां दुनिया के 28% टीबी के मामले सामने आते हैं। बायोफैब्री के CEO एस्टेबन रोड्रिग्ज ने कहा, टीबी दुनिया में मौत के प्रमुख संक्रामक कारणों में से एक है, खासकर भारत में।
भारत बायोटेक के एग्जीक्यूटिव चेयरमैन का बयान
भारत बायोटेक के एग्जीक्यूटिव चेयरमैन कृष्णा एला ने कहा, “भारत में क्लिनिकल ट्रायल के साथ ट्यूबरक्लोसिस के खिलाफ अधिक प्रभावी टीके की हमारी खोज को आज बड़ा बढ़ावा मिला है। वयस्कों और किशोरों में बीमारी की रोकथाम के लिए टीबी के टीके विकसित करने के हमारे लक्ष्य ने आज एक बड़ा कदम उठाया है।”
Mtbvac वैक्सीन ने भारत में क्लिनिकल ट्रायल में एंट्री करने से पहले कई उपलब्धियां हासिल किए हैं। हाल ही में फेज-2 डोज फाइडिंग ट्रायल के पूरा होने के बाद मौजूदा BCG वैक्सीन के साथ टीके की तुलना करने के लिए 2023 में नवजात शिशुओं में एक डबल-ब्लाइंड कंट्रोल्ड फेज-3 क्लिनिकल ट्रायल शुरू किया गया है।
दक्षिण अफ्रीका से 7000 नवजात शिशुओं, मेडागास्कर से 60 और सेनेगल से 60 नवजात शिशुओं को टीका लगाया जाएगा। विज्ञप्ति में कहा गया है कि अब तक 1900 से अधिक शिशुओं को टीका लगाया जा चुका है।