राम मंदिर में 22 जनवरी को भगवान श्रीराम के विग्रह की प्राण प्रतिष्ठा को लेकर देशवासियों का उत्साह देखते ही बन रहा है। चाहे हिंदू हो या मुस्लिम, सिख हो या ईसाई, बच्चा हो या वयोवृद्ध, चाहे गरीब हो या अमीर…हर कोई अपने अपने स्तर पर भगवान के लिए कुछ ना कुछ करना चाह रहा है। कोई भगवान के लिए वस्त्र बनाकर भेज रहा है, कोई हीरे-जवाहरात बनवा कर भेज रहा है, कोई मिठाई या अन्य खाद्य उत्पाद बनाकर भेज रहा है तो कोई राम भजन को अपनी आवाज में गाकर या राम भक्ति में कोई पोस्ट साझा कर अपनी भक्ति को प्रदर्शित कर रहा है। कोई शोभा यात्रा निकाल रहा है तो कोई पूजा पाठ कर रहा है। यह सब दर्शाता है कि सनातन की जड़ें भारत में कितनी गहरी हैं।
इसी कड़ी में जम्मू-कश्मीर के उरी तहसील की रहने वाली मुस्लिम किशोरी की पहाड़ी भाषा में गाये गए राम ‘भजन’ की चारों तरफ चर्चा हो रही है और उसका यह गाना अयोध्या में बन रहे भव्य राम मंदिर में रामलला के प्राण प्रतिष्ठा से पहले तेजी से वायरल हो रहा है। हम आपको बता दें कि कॉलेज में पढ़ाई करने वाली 19 वर्षीय सैयदा बतूल ज़ेहरा, सैयद समुदाय से आती हैं और वह गायक जुबिन नौटियाल द्वारा गए ‘भजन’ से प्रेरित हैं।
सैयदा बतूल ज़ेहरा ने कुपवाड़ा में संवाददाताओं से कहा, ‘‘हाल में मैंने राम भजन गया था जो वायरल हो गया।’’ ज़ेहरा ने बताया कि जुबिन नौटियाल द्वारा हिंदी में गाये गए राम ‘भजन’ ने मुझे उसका पहाड़ी संस्करण तैयार करने के लिए प्रेरित किया। उन्होंने बताया, ‘‘मैंने यूट्यूब पर जुबिन नौटियाल द्वारा गए हिंदी भजन को सुना। पहली बार मैंने इसे हिंदी में गाया और मुझे बहुत अच्छा महसूस हुआ। इसके बाद मैंने इसे अपनी पहाड़ी भाषा में गाने के बारे में सोचा। मैंने विभिन्न संसाधनों से इस चार लाइन के भजन का अनुवाद किया और गाकर ऑनलाइन पोस्ट किया।’’ ज़ेहरा ने कहा कि वह मुस्लिम होते हुए ‘भजन’ गाने में कुछ भी गलत नहीं मानतीं।
उन्होंने कहा, ‘‘हमारे उप राज्यपाल हिंदू हैं लेकिन वह विकास कार्यों में धर्म के आधार पर हमसे भेदभाव नहीं करते हैं। हमारे इमाम हुसैन ने भी पैगंबर के अनुयायियों से अपने देश से प्रेम करने को कहा है। अपने देश से प्रेम करना अस्था का एक हिस्सा है।’’ ज़ेहरा ने कहा, ”उप राज्यपाल जगह-जगह जाकर लोगों की समस्याओं का समाधान कर रहे हैं और प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी जी जम्मू-कश्मीर को प्राथमिकता दे रहे हैं। यह हमारा कर्तव्य है कि उनसे सहयोग करें क्योंकि मेरा मानना है कि हिंदू, मुस्लिम, सिख और ईसाई भाई-भाई हैं।’’