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Banking Stocks: सरकारी और प्राइवेट बैंकों पर RBI के पॉलिसी ऐलान का अलग-अलग असर, ये है बड़ी वजह

Banking Stocks: केंद्रीय बैंक RBI ने जब से चालू वित्त वर्ष 2023-24 की आखिरी मौद्रिक नीतियों का ऐलान किया है, बैंकिंग शेयरों की चाल पर मिला-जुला असर पड़ा है। एक तरह सरकारी बैंकों जैसे कि SBI, बैंक ऑफ बड़ौदा (BoB), पंजाब नेशनल बैंक (PNB) के शेयरों में 8 फरवरी को शानदार तेजी दिखी तो दूसरी तरफ बाकी सरकारी बैंकों के साथ-साथ कोटक महिंद्रा बैंक, ICICI बैंक, HDFC बैंक और एक्सिस बैंक के शेयरों में बिकवाली का तेज दबाव दिखा। अब सवाल ये उठता है कि RBI की पॉलिसी का इन बैंकों के शेयरों पर अलग-अलग असर क्यों पड़ा?

ब्रोकरेज का क्या कहना है मिले-जुले रुझान पर?

एक्सिस सिक्योरिटीज के सीनियर वाइस प्रेसिडेंट और डेरिवेटिव रिसर्च हेड राजेश पालवीया का कहना है कि शेयरों में इस मिले-जुले रुझान की वजह सिर्फ RBI की मौद्रिक नीतियों का ऐलान ही नहीं है बल्कि इसकी कुछ वजह पुरानी भी है, जैसे कि HDFC Bank के नतीजे। एचडीएफसी बैंक के नतीजे ने निजी बैंकों पर दबाव बनाया और पीएसयू बैंकों की तरफ निवेशकों का रुझान बढ़ा।

ICICI सिक्योरिटीज के डेरिवेटिव रिसर्च हेड राज दीपक सिंह का कहना है कि विदेशी संस्थागत निवेशक (FIIs) जनवरी से ही फाइनेंशियल स्टॉक्स को धड़ाधड़ बेच रहे हैं, खासतौर से प्राइवेट सेक्टर के। HDFC Bank के वित्तीय नतीजे आने के बाद बैंकिंग शेयरों में बिकवाली और तेज हो गई। प्राइवेट सेक्टर के दो बड़े बैंकों HDFC बैंक और कोटक बैंक पिछले दो साल में पिछड़ गए हैं क्योंकि इनमें टॉप लेवल पर पर बड़े बदलाव हुए हैं। HDFC बैंक की दिक्कत तो इस बात से और बढ़ी कि इसकी पैरेंट कंपनी HDFC का इसमें विलय हो गया और इसका झटका बैंक के दिसंबर तिमाही के नतीजे पर दिखा।

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Rupeezy के डायरेक्टर और सीनियर टेक्निकल एनालिस्ट श्रीशम गुप्ता का कहना है कि अब निवेशक हाई मल्टीपल वाले यानी महंगे प्राइवेट बैंकिंग स्टॉक्स में पैसे लगाने की बजाय सरकारी बैंकों के कम मल्टीपल वाले यानी सस्ते शेयरों में पैसे लगा रहे हैं जिसमें ग्रोथ की अच्छी गुंजाइश दिख रही है। अभी तक पीएसयू बैंक P/E रेश्यो के मामले में प्राइवेट बैंकों से पीछे ही रहे हैं। औसतन बात करें तो प्राइवेट बैंकों के लिए औसतन P/E 19x है जबकि सरकारी बैंकों के लिए 11x है।

Emkay Financial Services के आनंद डामा का कहना है कि RBI ने कैश रिजर्व रेश्यो में कोई बदलाव नहीं किया जिससे प्राइवेट बैंकिंग स्टॉक्स को झटका लगा। बैंक लिक्विडिटी बढ़ाने के वास्ते इसे लेकर ऐलान का इंतजार कर रहे थे लेकिन ऐसा कुछ नहीं हुआ। वहीं पीएसयू बैंकों को इसलिए झटका नहीं लगा क्योंकि यील्ड नरम होने के चलते सरकारी सिक्योरिटीज पर मार्क-टू-मार्केट (MTM) यानी फेयर वैल्यू गेन मिला।

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चार्ट पर कैसी है Bank Nifty की सेहत

जेएम फाइनेंशियल के वाइस प्रेसिडेंट (टेक्निकल एनालिस्ट) तेजस शाह के मुताबिक पीएसयू बैंक का चार्ट प्राइवेट बैंकों के चार्ट की तुलना में अधिक मजबूत है। हालांकि निफ्टी के बैंक इंडेक्स यानी Nifty Bank में सरकारी बैंकों की तुलना में प्राइवेट बैंकों का वेटेज अधिक है तो इसके चलते निफ्टी बैंक पर दबाव बना और यह फिसल गया। डाउनसाइड इसे 44,900-45,000 पर सपोर्ट मिल रहा था लेकिन आज इंट्रा-डे में यह लेवल टूट गया। इसके बाद इसे अब 44,400-44,500 पर सपोर्ट मिल रहा है। वहीं अपर साइड इसे 45,700-45,750 और फिर 46,200-46,230 रेजिस्टेंस झेलना पड़ सकता है।

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