भारतपे के पूर्व एमडी अश्नीर ग्रोवर (Ashneer Grover) का कहना है कि वे हमेशा से एक ईमानदार टैक्सपेयर (Diligent Taxpayer) रहे हैं। इसके साथ ही उन्होंने यह भी बताया कि यह सीख उन्हें उनके दिवंगत पिता से मिली है। ग्रोवर का कहना है कि उनके पिता टैक्स भुगतान और रिटर्न दाखिल करने को लेकर बहुत सजग थे। फैंटेसी गेमिंग ऐप Crickpe के फाउंडर ने वित्तीय वर्ष 2021-22 के लिए अपने आईटी रिटर्न के फेसलेस असेसमेंट के क्लोजर के लिए इनकम टैक्स डिपार्टमेंट को धन्यवाद भी दिया है। बता दें कि अशनीर ग्रोवर वर्तमान में भारतपे के अंदर वित्तीय गड़बड़ियों और मनी लॉन्ड्रिंग के आरोपों का सामना कर रहे हैं। वे अक्सर सोशल मीडिया पर अपनी टिप्पणियों को लेकर चर्चा में बने रहते हैं।
अश्नीर ग्रोवर ने इनकम टैक्स डिपार्टमेंट को कहा शुक्रिया
अशनीर ग्रोवर ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स (X) पर एक ट्वीट करते हुए इनकम टैक्स डिपार्टमेंट को धन्यवाद दिया है। उन्होंने लिखा, “वित्त वर्ष 2021-22 के मेरे आईटी रिटर्न के फेसलेस असेसमेंट को समय पर क्लोज करने के लिए IncomeTaxIndia को धन्यवाद। वह भी जीरो डिमांड के साथ”
Thanks @IncomeTaxIndia for timely closure of faceless assessment of my IT Return of FY21-22. That too with NIL demand. I’ve always been a diligent tax payer. This return was the last one filed by my dad Ashok Grover, who was my CA, prior to his demise. He was very particular…
— Ashneer Grover (@Ashneer_Grover) March 15, 2024
उन्होंने इस पोस्ट में आगे बताया कि वित्त वर्ष 2021-22 के लिए उनका इनकम टैक्स रिटर्न उनके दिवंगत पिता अशोक ग्रोवर ने फइल किया था, जो मौत से पहले तक उनके सीए भी थे। बता दें कि अशोक ग्रोवर का पिछले साल मार्च में निधन हो गया था। अश्नीर ने अपने पिता को याद करते हुए लिखा कि वे बहुत खास थे और उन्होंने मुझे ईमानदार रखा। इससे मेरे मामलों में मेरा बचाव और भी मजबूत होगा। ग्रोवर ने इस पोस्ट में यह भी कहा कि कुछ दिनों पहले उन्हें इनकम टैक्स का जो नोटिस मिला था, वह सिस्टम मिस्टेक की वजह से आया था। इसलिए उन्होंने अपना पुराना ट्वीट डिलीट कर दिया है।
चर्चा में बने रहते हैं अश्नीर ग्रोवर
शार्क टैंक इंडिया के पूर्व जज पिछले साल तब सुर्खियों में आ गए थे जब उन्होंने भारत में टैक्स चुकाने को दंडित होने के बराबर बताया। उन्होंने दावा किया था कि भारत में विषम कर प्रणाली है और सरकार बिना किसी ठोस लाभ के हमारी आय का 30-40 फीसदी हिस्सा ले लेती है। उन्होंने यहां तक कह दिया था कि करदाता देश में चैरिटी कर रहे हैं। पिछले जुलाई में ग्रोवर ने ऑनलाइन गेमिंग कंपनियों पर 28 फीसदी कर लगाने के केंद्र के फैसले की भी आलोचना की थी।